साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित 5 राशि गुरु पूर्णिमा पर कर दें ये उपाय, हो जाएगा शनि का प्रकोप कम
हर साल आषाढ़ महीने की पूर्णिमा के दिन ‘गुरु पूर्णिमा’ मनाई जाती है। इस दिन ही महाभारत के रचयिता महर्षि वेद व्यास का जन्म हुआ था। इस साल 23 जुलाई को गुरु पूर्णिमा का पर्व आ रहा है। इस पर्व को पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है और इस दिन लोग अपने गुरुओं की पूजा करते है। महर्षि व्यास को आदिगुरु माना गया है। इसीलिए इनके जन्म को इस पर्व के तौर पर मनाया जाता है। इस साल गुरु पूर्णिमा पर खास संयोग भी बन रहा है और इस दौरान शनि देव की पूजा करना बेहद ही फलदायक साबित होगा।
गुरु पूर्णिमा पर बन रहा है ये विशेष योग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन शनि पूजा का विशेष योग बन रहा है। इस योग में शनि देव की पूजा करने से शनि की ढैय्या और साढ़े साती के प्रकोप को कम किया जा सकता है। इस समय धनु, मकर और कुंभ पर साढ़े साती चल रही है। जबकि मिथुन और तुला राशि के जातकों को ढैय्या का सामने करना पड़ रहा है। ऐसे में इस योग के दौरान शनि देव की पूजा जरूर करें और नीचे बताए गए उपायों को गुरु पूर्णिमा के दिन करें। ये लाभदाकारी साबित होंगे।
कर दें ये उपाय
गुरु पूर्णिमा के दिन ये उपाय करने से शनि का बुरा प्रभाव कम होने लग जाएगा। तो आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।
कुंडली में शनि की साढ़े साती और ढैय्या शुरू होने पर जातकों को हर क्षेत्र में हानि होने लग जाती है। पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, करियर जैसे सभी क्षेत्रों पर बुरा असर पड़ता है। इन मुश्किलों को कम करने के लिए गुरु पूर्णिमा के दिन आप इस उपाय को करें। गुरु पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करें। पूजा करते हुए पेड़ के चारों तरफ 7 बार परिक्रमा करें। परिक्रमा करते हुए ऊं शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करें। इस उपाय को गुरु पूर्णिमा के अलावा आप हर शनिवार को भी करें। ये बेहद ही असरदार उपाय माना गया है।
काले चीजें शनि देव को काफी प्रिय हैं। ऐसे में आप इनकी पूजा करते हुए इन्हें काले रंग की वस्तुएं जैसे काले तिल, काला कपड़ा और आदि अर्पित करें। इसके अलावा गुरु पूर्णिमा के दिन काले तिल को जल में मिलाकर, इस पानी से शिवलिंग का अभिषेक करें। शिव जी की पूजा करने से शनि ग्रह का अशुभ असर कम होने लग जाता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाएं। कुत्ते को सरसों का तेल लगी रोटी खिलाने से ये ग्रह शांत रहता है।
गुरु पूर्णिमा के दिन सुबह उठकर स्नान करें। उसके बाद शनिदेव का पूजन करें। शनिदेव की पूजा करने के बाद गरीबों को सरसों का तेल, लोहे से बनी चीज, काली दाल, काले वस्त्र दान करें। इसके बाद पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
हनुमान जी की पूजा करने से भी शनि देव का बुरा प्रकोप कम हो जाता है। इस दिन मंदिर जाकर दीया जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें और सरसों का तेल हनुमान जी को अर्पित करें।