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योगी इसलिए लैपटॉप नहीं बाँटते हैं क्यों की उन्हें लैपटॉप चलना नहीं आता, टेढ़ी नाक ने CM पर तंज कसा तंज

अगले साल उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और चुनाव जीतने के लिए हर पार्टी ने अपनी कमर कस ली है। यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी तैयारी शुरू कर दी है और कांग्रेस की जगह आप के साथ चुनाव लड़ने का फैसला लिया है। एक न्यूज चैनल से बात करते हुए अखिलेश यादव ने राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजनाओं पर भी कई तरह के सवाल खड़े किए और अपनी लैपटॉप योजना की जमकर तारीफ की।

akhilesh yadav

पत्रकार से बात करते हुए सपा प्रमुख ने कहा कि वो अपने कामों को जनता के बीच लेकर जाएंगे। इस बार बीजेपी सरकार की नाकामियों के कारण राज्य में सपा सरकार आएगी। अखिलेश ने दावा किया कि इस बार उनकी जीत पक्की है। साथ में ही इन्होंने अपनी लैपटॉप योजना का जिक्र भी किया। बीबीसी के पत्रकार से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि उनकी सरकार ने 20 लाख लैपटॉप बांटे थे। कोरोना काल में उनके द्वारा बांटे गए लैपटॉप ही काम आ रहा हैं। गरीब बच्चे लैपटॉप की मदद से ही घर पर बैठकर पढ़ाई कर पा रहे हैं। आप कहे सकते हैं कि कई बार मुफ्त में बांटी गई चीजें ठीक होती हैं।

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जब पत्रकार ने अखिलेश यादव से कहा कि आपने पिछली बारी लैपटॉप बांटे लेकिन लोगों ने वोट बीजेपी को दिए। इसपर अखिलेश यादव ने कहा कि इस चीज से फर्क नहीं पड़ता है। हमने लैपटॉप बांटकर तो दिखाए। लैपटॉप इसलिए नहीं बांटते मुख्यमंत्री क्योंकि लैपटॉप चलाना नहीं जानते हैं।

कांग्रेस के साथ नहीं लड़ेंगे चुनाव

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अखिलेश यादव ने ये भी साफ किया की इस बार सपा केवल छोटे दलों के साथ ही मिलकर चुनाव लड़ने वाली है। दरअसल पिछले विधानसभा चुनाव को सपा ने कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ा था। अखिलेश यादव को लगा था कि ऐसा करने से उनकी पार्टी आसानी से बीजेपी को हरा देगी। लेकिन प्रदेश की जनता ने कमल का साथ दिया और बीजेपी ने भारी सीटों के साथ ये चुनाव जीतकर राज्य में अपनी सरकार बनाई।

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विधानसभा चुनाव में मिली हार के लिए इन्होंने इशारों-इशारों में कांग्रेस को दोषी माना और बिना नाम लिए कहा कि बड़ी पार्टी चुनाव हारती भी ज्यादा हैं और सीटें भी ज्यादा मांगती हैं।

आप के साथ लड़ेंगे चुनाव

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साल 2022 में यूपी विधानसभा चुनाव होने वाले हैं और इस बार अखिलेश यादव पहले जैसी गलती नहीं करना चाहते हैं। अखिलेश यादव के अनुसार इस बार वो आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर भी ये चुनाव लड़ सकते हैं।

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