मेवात जहां हिन्दू होना बन गया गुनाह। 103 गांव हिंदू विहीन हो गए और 90 गांव 5 से कम हिंदू परिवार
मेवात को लेकर आख़िर क्यों कहना पड़ रहा कि धर्मों रक्षित रक्षितः ...
मनुस्मृति का नाम सनातन धर्म से ज़ुड़े लोग भलीभांति जानते होंगे? जी हां इसी मनुस्मृति के आठवें अध्याय में एक श्लोक लिखा है। जो कुछ इस प्रकार से है- “धर्म एव हतो हन्ति धर्मो रक्षति रक्षितः। तस्माद्धर्मो न हन्तव्यो मा नो धर्मो हतोऽवधीत्।।” जिसका हिंदी मतलब यह होता है कि धर्म का लोप कर देने से वह लोप करने वालों का नाश कर देता है और रक्षित किया हुआ धर्म रक्षक की रक्षा करता है। इसलिए धर्म का हनन कभी नहीं करना चाहिए, जिससे नष्ट धर्म कभी हमको न समाप्त कर दे। अब आप सभी सोच रहें होंगे कि हमने मनुस्मृति में लिखें इस श्लोक का ज़िक्र क्यों किया? तो बताते हैं हम आपको पूरी बात।
बता दें कि हाल ही में पद्मश्री डॉ आरएन सिंह को विश्व हिन्दू परिषद का नया अध्यक्ष चुना गया है। डॉ आरएन सिंह देश के प्रमुख सर्जन हैं। उनका पूरा नाम डॉ. रविंद्र नारायण सिंह है। मालूम हो कि फरीदाबाद के मानव रचना विश्वविद्यालय के सभागार में शनिवार को आयोजित विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय प्रबंध समिति व प्रन्यासी मंडल की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन यह चुनाव किया गया। इसकी जानकारी परिषद के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री सुरेंद्र जैन ने दी।
गौरतलब हो कि इसी दौरान सुरेंद्र जैन ने कहा कि, “हरियाणा का मेवात जो कभी भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का स्थान रहा है आज वह दुर्भाग्य से जेहादी षड़यंत्रों से त्रस्त होकर अपना चरित्र खो चुका है। मेवात में महाभारत कालीन कई तीर्थस्थल हैं परन्तु आज वहां पर हिंदुओं के मंदिरों पर जिहादियों द्वारा कब्जा किया जा रहा है और कई मंदिरों में हिंदू प्रवेश भी नहीं कर सकता। वह स्थान जो बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में हिंदू बहुल था आज धर्मांतरण के कुचक्र में फंस गया है।”
इतना ही नहीं सुरेंद्र जैन ने आगे कहा कि जेहादी तत्व अनियंत्रित होकर हिंदुओं पर अकल्पनीय व अमानवीय अत्याचार कर रहे हैं। अपहरण, छेड़खानी व शीलभंग की घटनाएं होती रहती हैं। हरियाणा में गो हत्या प्रतिबंध का कानून होने के बावजूद वहां पर खुलेआम गायों की हत्या की जा रही है। आज वहां हिंदू का जीना दूभर हो गया है इसलिए कई स्थानों से हिंदू पलायन भी कर रहें है। आज वहां 103 गांव हिंदू विहीन हो गए हैं और 90 से अधिक गांव ऐसे हैं जहां 5 से कम हिंदू परिवार बचे हैं।
प्रेस विज्ञप्ति:
दलितों का कब्रिस्तान बनता जा रहा है मेवात : जस्टिस पवन कुमार
Mewat of Haryana becoming graveyard of Dalits : Justice Pawan Kumar pic.twitter.com/JuAYn31G2w— विनोद बंसल (@vinod_bansal) June 1, 2020
वैसे सुरेंद्र जैन की बातें कहीं न कहीं सोलह आने सच हैं, क्योंकि ऐसी ही तस्वीरें होने का दावा मीडिया भी करता है। पूर्व न्यायाधीश पवन कुमार की माने तो 104 के क़रीब गाँव से हिंदू बिल्कुल मेवात से गायब हो चुके हैं, जबकि 84 गाँव ऐसे हैं। जहां 4-5 की संख्या में ही हिंदू परिवार बचे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पवन कुमार कहते हैं कि मेवात में तकरीबन 500 गाँव हैं। लेकिन इनमें एक तिहाई गाँवों में से हिंदू गायब हो चुके हैं।
ऐसे में कहीं न कहीं देखें तो देश के कई हिस्से ऐसे हैं। जहां हिन्दू और हिंदुत्व खतरें में है, लेकिन इस विषय पर खुलकर बोलने वाला कोई नहीं। सोचिए इस सेकुलर कहलाने वाले देश का कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि मुस्लिम को ज़रा सा दर्द उठे तो पूरी जमात के जमात उनके पक्ष में बोलने को तैयार खड़ी हो जाती, लेकिन हिन्दू भले बेइंतहा दर्द सहें। फ़िर भी कोई बोलने को तैयार नहीं होता।
ऐसे में कुल-मिलाकर देखें तो अब हिंदू को ही अपना अस्तित्व बचाएं रखने के लिए एकत्रित होना पड़ेगा, लेकिन हिंदुओं में भी तो एक बहुत बड़ी खामी है कि वह ऊंच-नीच का मोह नहीं छोड़ पाते। जिसकी वज़ह से ही इन्होंने दर्द अतीत में भी झेला है और वर्तमान में भी झेल रहे हैं, लेकिन अभी भी समय है कि हिन्दू समाज चेत जाएं। वरना अभी तो मेवात जैसी जगह पर ही हिन्दू ख़तरे में है और अगर अभी भी एकत्रित नहीं हुए तो स्थिति और बिगड़ सकती है। इसी कारण से हमने इस स्टोरी के शुरुआत में मनुस्मृति के श्लोक का ज़िक्र किया, क्योंकि कहीं न कहीं अब समय है कि हिन्दू भी अपने धर्म की रक्षा के लिए आगे आएं। तभी धर्म उसकी रक्षा कर पाएगा।
वहीं बता दें कि विश्व हिंदू परिषद की केंद्रीय प्रबंध समिति व प्रन्यासी मंडल की दो दिवसीय बैठक में यह बात भी कही गई कि जेहादी तत्व मेवात को हिंदू शून्य बनाकर हरियाणा में एक और कश्मीर बनाना चाहते हैं। मेवात आतंकवादियों, बांग्लादेशी घुसपैठियों और बर्बर रोहिंग्याओं का अभयारण्य बन चुका है। गत वर्ष मेवात में दो जांच आयोग गए थे। दोनों ने पाया कि मेवात में हिंदुओं की स्थिति बहुत दयनीय है। मेवात के पीड़ित समाज की हरियाणा के मुख्यमंत्री से इन समस्याओं के समाधान की अपेक्षाएं हैं। 1 वर्ष पहले माननीय मुख्यमंत्री मेवात जाकर वहां की स्थिति का स्वयं आकलन करके आए थे तथा कुछ ठोस कदम उठाने का आश्वासन भी दिया था।
ऐसे में विहिप यह अपेक्षा करती है कि वे इन घोषित उपायों को शीघ्र क्रियान्वित करेंगे जिससे मेवात में कानून का राज्य स्थापित हो सके और हिंदू स्वाभिमान के साथ रह सके। विहिप मेवात के निकटस्थ हिंदू समाज से अपील करती है कि उन्हें अपने हिंदू भाई बहनों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहना चाहिए। मेवात के हिंदुओं से भी विहिप आह्वान करती है कि हिंदू की पहचान ‘पलायन नहीं पराक्रम’ है।