मौन रहकर करेंगे ये काम तो बचे रहेंगे जीवन में कई तरह की समस्याओं से.
कुछ लोगों की आदत होती है कि सूरज की पहली किरण के साथ बोलना शुरू करते हैं और जब तक सो नहीं जाते हैं तब तक बोलते तरहते हैं। ऐसे लोग सपने में भी बोलते हैं। जबकि कुछ लोग इसके उलट होते हैं, वह कम से कम बोलते हैं। जब जरूरत होती है तभी बोलते हैं अन्यथा वह शांत रहकर ही अपने सारे काम करते हैं। उन्हें ना ज्यादा बोलना पसंद होता है और ना ही ज्यादा बोलने वालों के साथ रहना।
गांधी जी ने भी कहा है कि ज्यादा बोलने से शरीर की ऊर्जा नष्ट होती है। इसलिए इंसान को कम से कम बोलना चाहिए। अगर एक शब्द से काम चल जाए तो दूसरा नहीं बोलना चाहिए। लेकिन आज के समय में इसका बिल्कुल उल्टा हो रहा है। लोग ज्यादा बोलने वालों को तवज्जो देते हैं। जबकि जो शांत रहकर अपना काम करता है, उसे लोग बेवकूफ समझते हैं।
ऋषि-मुनियों ने बताये हैं मौन रहने के फायदे:
इंसान की ज्यादा ऊर्जा बोलने में नष्ट हो जाती है। इस ऊर्जा को बचाने के लिए हर व्यक्ति को दिन में एक निश्चित समय तक मौन रहना चाहिए। वैदिक काल से ही ऋषि-मुनि मौन रहते आये हैं और इसके फायदों के बारे में भी बताया है। सुबह और शाम को कुछ समय मौन रहने से मानसिक तनाव कम होता हैं, साथ ही स्वास्थ्य भी सही रहता है। दिन में किये जाने वाले कई ऐसे काम होते हैं, जिन्हें मौन रहकर भी किया जा सकता है।
मौन रहने से एकाग्र होता है मन:
सुबह-सुबह मौन रहने से व्यक्ति का मन एकाग्र रहता है और दिन भर के काम में मन लगता है, जिससे काम ठीक से होता है। शाम के समय मौन रहने से दिन में किये गए काम से जो मानसिक तनाव मिला है, उससे राहत मिलती है। जिससे व्यक्ति के पारिवारिक जीवन पर उसके तनाव की वजह से कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। इसीलिए ऋषि-मुनि कहते हैं कि हर दिन सुबह और शाम को थोड़े समय के लिए मौन रहना चाहिए।
घर की जो स्त्रियां दिनभर के अपने काम मौन रहकर करती हैं, उनका जीवन अन्य महिलाओं की अपेक्षा ज्यादा अच्छा होता है। वह अपने जीवन में खुश रहती हैं। देखने में यह काफी छोटा काम लगता है, लेकिन अधिकांश ज्योतिषीय उपचार इन्ही से जुड़े हुए होते हैं। हर रोज का किया गया मौन व्रत आपको जीवन की कई समस्याओं से बचाता है। आप भी कुछ समय के लिए मौन रहकर देखें आपको भी मानसिक शांति का अनुभव होगा।