34 बार फ़ेल होने के बाद इंस्पेक्टर बनने वाले इस शख़्स की प्रेम कहानी है बेहद ख़ास…
अपनी प्रेम कहानी में पहली बार मे हो गया था पास, 34 बार फेल होने के बाद अफसर बना संदीप बुडानिया
आपने अपने बड़े-बुजुर्गों को यह कहते हुए जरूर सुना होगा कि, “असफलता ही सफलता की कुंजी है।” वास्तव में यह बात सच भी है। अब आप एक चींटी का ही उदाहरण ले लीजिए। वह सबसे मेहनती जीवों में से एक मानी जाती है। वह निरंतर प्रयास करती रहती है तब जाकर कहीं उसे सफलता मिल पाती है। ऐसे में कहने का मतलब यह है कि एक बार असफ़ल हुए तो इसका मतलब यह नहीं कि आपने वह काबिलियत नहीं, कि आप सफ़ल हो सकें। असफ़ल होने का मतलब यह होता है कि आप अपना मूल्यांकन करें कि कमी कहाँ रह गई। फ़िर उसमें सुधार करके आगे बढ़ें। जी हां हम आपको आज एक ऐसी ही कहानी से रूबरु करने जा रहें। जिसके जीवन में असफ़लता ही असफलता लिखी थी, लेकिन फ़िर भी उसने हार नहीं मानी और अंत में जाकर उसे सफ़लता मिल ही गई।
जी हां यह कहानी है एक ऐसे 28 साल के लड़के की। जिसने अपनी उम्र से भी ज्यादा बार असफलताएं देखीं। बार-बार टूटा। खूब रोया। किस्मत को भी जमकर कोसा। मगर 10 साल तक लगातार हिम्मत नहीं हारी और मेहनत करना नहीं छोड़ा। एक कहावत तो आप सभी ने सुनी होगी कि “करत-करत अभ्यास के जड़मति होत सुजान । रसरी आवत-जात के, सिल पर परत निशान।” इस कहावत को कहीं न कहीं इस युवक ने चरितार्थ किया है। जिसका नतीजा यह रहा कि वह 34 बार फेल होने के बाद भी आज आयकर विभाग में इंस्पेक्टर है। जिसका नाम है संदीप बुडानिया।
बता दें कि संदीप बुडानिया मूलरूप से राजस्थान के झुंझुनूं की चिड़ावा तहसील की अलीपुर ग्राम पंचायत में मालीगांव के पास नारनोद के रहने वाला है। वही यह कहा जा रहा है कि सन्दीप झुंझुनूं जिले का पहला लड़का है, जो लगातार 34 बार फेल होने के बाद 35वें प्रयास में सफल होकर अब आयकर विभाग में निरीक्षक पद पर दिल्ली में सेवाएं दे रहें हैं।
वहीं आपको बता दें कि एक इंटरव्यू के दौरान ही दिल्ली आयकर इंस्पेक्टर संदीप बुडानिया ने अपने 34 प्रतियोगी परीक्षाओं में फेल होने से लेकर अपने स्कूल टाइम की लव स्टोरी तक सब कुछ बयां किया था और साथ ही बताया कि कभी ताने मारने वाले लोग ही अब इन पर कैसे गर्व करते हैं? संदीप बुडानिया ने इंटरव्यू के दौरान यह बात बताई थी कि उनका परिवार ही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। संदीप के पिता रमेश बुडानिया भारतीय सेना में सुबेदार थे। 2009 में रिटायर हो गए। मां सुनीता देवी गृहिणी हैं। बड़ा भाई मनोज बुडानिया जयपुर में बिजनेस करते हैं। बड़ी बहन संजू की शादी हो चुकी है। जो कि दिल्ली में निजी स्कूल में टीचर हैं। वहीं संदीप की पत्नी का नाम नीतू फोगाट है।
कई आर्मी स्कूल से की पढ़ाई…
मालूम हो कि पिता रमेश बुडानिया चूंकि भारतीय सेना में थे। इस कारणवश संदीप बुडानिया का जन्म 18 अक्टूबर 1992 को पाठनकोट में हुआ। यहीं पर इनकी शुरुआती शिक्षा हुई। इसके बाद की पढ़ाई उन्होंने पिता के ट्रांसफर के चलते दिल्ली केंट, ग्वालियर केंट व हिसार केंट की आर्मी स्कूल से की। 11वीं के बाद की पढ़ाई झुंझुनूं एकेडमी से और इंजीनियरिंग श्रीधर विश्वविद्यालय पिलानी से की।
डिफेंस में जाने का ख्वाब देखते थे संदीप…
इंटरव्यू के दौरान संदीप ने बताया कि मेरी रगों में एक फौजी का खून दौड़ रहा है। मेरा भी बचपन से ही ख्वाब था कि मैं डिफेंस सर्विस में जाकर देश की रक्षा करूं। मैंने पिता की फौजी जिंदगी देखी है। वर्दी से मुझे भी काफ़ी लगाव था, मगर इस बात का अफसोस जिंदगी भर रहेगा कि मैं फौजी नहीं बन पाया।
19 बार डिफेंस की परीक्षा में हुए फ़ेल…
ऐसा नही है कि सन्दीप को सिर्फ़ डिफेंस में न जा पाने का मलाल भर है, बल्कि संदीप ने डिफेंस सर्विस में जाने के लिए खूब प्रयास भी किए। लेकिन उनकी क़िस्मत उन्हें वहां पहुँचने से बार-बार रोकती रही। 12वीं की परीक्षा पास करने के साथ ही एनडीए की परीक्षा देनी उन्होंने शुरू कर दी थी। फिर सैन्य अफसर बनने के लिए एसबीएस, टीईएस, एएफकैट, टीजीटी, सीडीएस व नेवी पायलट आदि की 19 बार परीक्षाएं दी और सभी में वे फेल रहें।
इसके बाद जब डिफेंस सेवाओं में जाने की उम्र निकल गई तो संदीप बुडानिया चुपचाप नहीं बैठे और उन्होंने अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में भाग्य आजमाना शुरू किया। साल 2013 से लेकर 2016 तक उन्होंने एसआई, सीपीओ, एसएससी, सीजीएल, एलआईसी एएओ, असिस्टेंट कमांडेंट, एबीआई पीओ, आरआरबी पीओ, एसबीआई क्लर्क और आयकर विभाग में निरीक्षक पद के लिए परीक्षाएं दी। इनमें से कई परीक्षाएं लगातार दो साल तक दी। क़रीब दस परीक्षाओं में वो साक्षात्कार तक भी पहुँचें, लेकिन पूर्णरूप से सफलता उनके हाथ नहीं लगी।
फ़िर एक दिन वह आया। जिसके लिए संदीप लगातार प्रयासरत थे। संदीप बुडानिया कहते हैं कि साल 2010 से तीन दर्जन प्रतियोगिता परीक्षाओं में हिस्सा लिया। हर बार निराशा हाथ लगी, मगर मुझे कामयाब होने की उम्मीद थी। जो 5 अगस्त 2017 को पूरी हो गई। इस दिन आयकर विभाग निरीक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट आया था और मैं पास हो चुका था। यह दिन मैं जिंदगी में कभी नहीं भूल पाउंगा। मालूम हो कि सितम्बर 2018 से आयकर विभाग दिल्ली में इंस्पेक्टर पद पर संदीप अपनी सेवाएं दे रहें हैं।
लोग मारने लगे थे ताना और अब करते हैं गर्व…
संदीप बताते हैं कि इतनी बार असफल होने के बाद लोगों ने ताना मारना शुरू कर दिया था। लोग कहते थे कि अफसर बनने की तो भूल ही जाओ। हां, कम से कम कहीं बाबू तो जरूर बन जाओगे। आज वो ही लोग संदीप से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारियों के टिप्स लेते हैं।
प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के बीच चल रही थी प्रेम की नैय्या…
झुंझुनूं जिले के छोटे से गांव नारनोद के लड़के का दिल्ली में इनकम टैक्स अफसर बनने का सफर काफ़ी रोमांचक है। वहीं, इनकी लव स्टोरी भी काफी रोमांटिक है। इन्हें 11वीं कक्षा में ही झुंझुनूं जिले के ही गांव कासिमपुरा की नीतू फोगाट से प्यार हो गया था। दोनों एक साथ झुंझुनूं एकेडमी में पढ़ा करते थे। कक्षाएं अलग-अलग कैम्पस में लगती थीं, मगर ये बस में एक साथ आते जाते थे। अब ऐसे में आप सभी सोच रहें होंगे कि संदीप इतनी बार फ़ेल रहें तो कहीं न कहीं इसमें हाथ उनके इस प्रेम कहानी का रहा होगा। वैसे यह सवाल सिर्फ़ आपका ही नहीं, बल्कि उस वक्त उन तमाम लोगों का भी यही सवाल था, जो संदीप बुडानिया और नीतू फोगाट के रिलेशन से वाकिफ थे।
संदीप के अनुसार लोग तो यहां तक कहते थे कि वह जयपुर में कोचिंग करने नहीं जाता बल्कि नीतू के साथ घूमता है। इसलिए प्रतियोगी परीक्षाओं में फेल हो जाता है। लेकिन संदीप इस मामले में अलग विचार रखते हैं। उनका कहना है कि, “भले ही जमाने को लगता था कि मैं कुछ नहीं कर पाउंगा, मगर नीतू का हमेशा यही कहना था कि कोई बात नहीं। इस बार पास नहीं हुए तो भी मेहनत जारी रखो। एक ना एक दिन कामयाबी तुम्हारे कदम जरूर चूमेगी। नीतू के साथ ही संदीप के परिजनों ने हमेशा उन्हें सपोर्ट किया।” संदीप इस बात को मानते हैं कि उन्होंने 34 में से पांच-छह परीक्षाओं की तैयारी दिल से नहीं की थी, मगर शेष 28-29 परीक्षाओं में जी जान लगा दी थी।
इंस्पेक्टर बन मांगा नीतू का हाथ…
संदीप और नीतू की लव स्टोरी भले स्कूल के दिनों से चल रही थी और संदीप के घर वालों को भी दोनों के रिश्ते के बारे में पता था। लेकिन करीब नौ साल तक दोनों सिर्फ़ रिलेशनशिप में ही रहे। वहीं जब अगस्त 2017 में आयकर विभाग निरीक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट आया तो उसके बाद नीतू ने अपने घर पर बताया कि वो संदीप को पसंद करती है।
बता दें कि नीतू फोगाट गांव कासिमपुरा के विजेंद्र कुमार की बेटी है। विजेंद्र कुमार प्रिंसिपल हैं। नीतू ने बीएससी, एलएलबी, नेट की डिग्री प्राप्त कर रखी है और असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रही है। संदीप व नीतू की 2020 में सगाई हुई और फरवरी 2021 में इन्होंने शादी कर ली। ऐसे में आयकर इंस्पेक्टर की यह कहानी आपको कैसी लगी। हमें कमेंट कर अवश्य बताएं।