ओलंपिक खेल ख़त्म होने के बाद आयोजन स्थल का क्या होता है,तस्वीरों के माध्यम से देखें
...तो ऐसा कुछ होता है ओलंपिक खेलों के आयोजन स्थल का बाद में। आपको मालूम था इस नहीं?..
खेल कोई भी हो। कोई न कोई उसका दीवाना अवश्य होता है। चाहें बात क्रिकेट, हॉकी या फ़िर खेलों के महाकुंभ ओलंपिक की करें। मालूम हो कि ओलंपिक एक बहु-स्पर्धी प्रतियोगिता होती है। जिसमें कई देशों के खिलाड़ी अलग-अलग प्रकार के खेलों के लिए हिस्सा लेते हैं। वही ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों (Summer Olympic Games) की बात करें तो इसकी शुरुआत 1896 में ग्रीस की राजधानी एथेंस में हुई थी। ये बहु-स्पर्धी खेल प्रतियोगिता है जिसका आयोजन हर 4 साल में एक बार किया जाता है। इसमें दुनियाभर से आए विभिन्न खेलों के खिलाड़ी हिस्सा लेते हैं और ये खेल जहां भी आयोजित किए जाते हैं वहां बहुत सारा पैसा इनवेस्ट किया जाता है, ताकि खेलों के आयोजन में कोई दिक़्क़त न आए।
मगर क्या आपको बता है कि इन खेलों के संपन्न होने के बाद उन स्थानों का क्या उपयोग होता है? नहीं पता तो चलिए आज हम बताते हैं आपको। बता दें कि जहां भी हर चार साल बाद ओलंपिक खेल का आयोजन होता है। वहां खेल के लिए तैयार की गई जगहों का किसी न किसी रूप में इस्तेमाल अवश्य होता है। लेकिन कई बार ओलंपिक खेल ख़त्म होने के बाद ये आयोजन स्थल ऐसे ही छोड़ दिए जाते हैं। इनमें से कुछ खंडहर बन जाते हैं। तो चलिए आज कुछ ऐसे ओलंपिक स्थलों की तस्वीरों पर एक नज़र डाल लेते हैं जो अब खंडहर या वीरान हो चुके हैं…
1936 में बर्लिन में हुए ओलंपिक के एक स्विमिंग हॉल में रखा ओलंपिक रिंग…
बर्लिन ओलंपिक का ओलंपिक गांव अब खंडहर बनता जा रहा है…
यूगोस्लाविया शीतकालीन ओलंपिक 1984 का पोडियम…
यूगोस्लाविया ओलंपिक का स्की जंप…
माउंट ट्रेबेविक का Bobsled Track अब कुछ ऐसा दिखता है…
अटलांटा ओलंपिक 1996 की फ़ाउंटेन रिंग्स अब लोगों के चिल करने के काम आ रही हैं…
एथेंस ओलंपिक 2004 में इस्तेमाल किया गया एक स्विमिंग पूल…
एथेंस का बेसबॉल स्टेडियम…
वॉलीबॉल कोर्ट में तो घास-फूस उग आया है…
बीजिंग ओलंपिक 2008 की रोइंग फ़ेसिलिटी अब किसी काम नहीं आती…
Beibei बीजिंग ओलंपिक का शुभंकर…
लंदन ओलंपिक 2012 का खेल गांव अब एक अपार्टमेंट बन गया है…
ओलंपिक में इस्तेमाल हुआ ये स्टेडियम अब WHU Football Club का ठिकाना है…
रूस ओलंपिक 2014 में इस्तेमाल हुआ स्की जंप…
रियो ओलंपिक 2016 का एक्वेटिक्स स्टेडियम भुतहा लगता है…
माराकाना स्टेडियम के इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम्स चोरी हो गए…
रियो मीडिया सेंटर का ओलंपिक परिसर तो कुछ दिनों बाद गिर गया था…
ओलंपिक में इस्तेमाल हुआ Kosovo स्टेडियम अब डॉग्स का ठिकाना है…
कुल-मिलाकर आपने इन तस्वीरों के माध्यम से देखा कि कैसे ओलंपिक खेलों के दौरान उपयोग होने वाले मैदान बाद में उपेक्षाओं का शिकार हो जाते हैं। भले ही इन मैदानों से खिलाड़ी बहुत ही शौहरत और दौलत कमाते हो, लेकिन उन मैदानों और वस्तुओं की बाद में कोई कदर नहीं होती। जहां पर खेलकर खिलाड़ी महान बनते हैं। इन तस्वीरों में आपने स्वयं देखा कि इक्का-दुक्का तस्वीरों को छोड़ दें तो बाकी सब उपेक्षा का शिकार ही दिखती हैं। अब ऐसा क्यों होता। यह तो आयोजन कर्ता और जिस देश में ये आयोजन होते। वहां के जिम्मेदार ही इस बात को समझें। लेकिन यह ठीक नहीं।