बस ड्राइवर पापा का सपना पूरा करने के लिए बेटी बन गई IAS, बताया यूपीएससी पास करने का सीक्रेट
कहते हैं यदि आप गरीब पैदा हुए हैं तो इसमें आपकी कोई गलती नहीं है। लेकिन यदि आप गरीब ही मरते हैं तो ये सिर्फ और सिर्फ आपकी ही गलती है। आप अपनी आर्थिक स्थिति या कम संसाधनों का बहाना बनाकर मेहनत करने से जी नहीं चुरा सकते हैं। यदि इंसान किसी सपने को पूरा करने की ठान ले और उस दिशा में लगातार मेहनत करता रहे तो उसका वह सपना जरूर पूरा होता है। अब हरियाणा के रहने वाले बस ड्राईवर की बेटी प्रीति हुडडा को ही ले लीजिए।
हरियाणा के बहादुरगढ़ में पैदा हुई प्रीति के पिता दिल्ली परिवहन निगम यानि कि डीटीसी में बस ड्राईवर हैं। उनके पिता का एक सपना था कि उनकी बेटी बड़ी होकर आईएएस अफसर बने। ऐसे में पापा के सपने को पूरा करने के लिए प्रीति ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी। वह पूरी मेहनत और लगन के साथ यूपीएससी की तैयारी में लग गई। आईएएस अधिकारी बनने के लिए प्रति ने शुरूआती पढ़ाई बहादुरगढ़ में कंप्लीट की और फिर एमफिल करने दिल्ली जेएनयू में एडमिशन ले लिया। यहीं से उन्होंने पीएचडी की डिग्री भी प्राप्त की।
इसके बाद साल 2017 में प्रीति ने यूपीएससी की एग्जाम दी। दिलचस्प बात ये रही कि प्रीति ने परीक्षा की ए पूरी तैयारी हिन्दी भाषा में की। इसी भाषा में उन्होंने पेपर भी दिया और अपना इंटरव्यू भी हिन्दी में ही दिया। 35 मिनट के इस इंटरव्यू में प्रीति ने पूरे आत्मविश्वास के साथ सारे सवालों के जवाब दिए। वे कहती हैं कि आप जिस भाषा में सहज और आत्मविश्वास महसूस करते हैं उसी में परीक्षा और इंटरव्यू दें।
जल्द ही यूपीएससी का परिणाम आया और प्रीति शानदार अंक हासिल कर इस एग्जाम में पास हो गई। जब उन्होंने यह खुशखबरी अपने पिता को सुनाई तब वह बस चला रहे थे। बेटी के यूपीएससी क्लियर करने पर पिता खुश हुए और उसे साबासी दी। प्रीति के लिए यह बहुत बड़ी बात थी। इसके पहले उन्होंने कितना भी अच्छा प्रदर्शन किया हो लेकिन उन्हें पिता की कभी साबासी नहीं मिली थी। ऐसे में इस बात सबासी मिलने पर वह खुशी से फुली नहीं समाई।
प्रीति ने अपने पिता का सपना पूरा कर पूरे परिवार का नाम रोशन कर दिया। यहां तक कि पूरे हरियाणा को प्रीत पर गर्व हुआ। जब प्रीति से उनकी यूपीएससी की तैयारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बहुत काम की चीज बताई। उन्होंने कहा कि जब आप यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं तो खुद पर एक्स्ट्रा प्रेशर मत डालिए। मैंने अपनी तैयारी के समय खुद को कमरे में बंद नहीं किया। कुछ लोग अपने दोस्तों और परिवार से दूर हो जाते हैं। दुनिया से कट जाते हैं। मैंने ऐसा नहीं किया। बल्कि मैं दोस्तों के साथ फिल्म देखने भी जाती थी और परिवार के साथ समय भी बिताती थी। मैंने अपनी लाइफ पर कोई बोझ नहीं डाला। लाइफ को दिलचस्प बनाए रखते हुए अपनी तैयारी की।
प्रीति की इसी ट्रिक की बदौलत उनका पढ़ाई में फोकस बना रहा और वे इससे बोर नहीं हुई। इसका नतीजा ये हुआ कि वे आज आईएएस बन गई हैं।