ये है बॉलीवुड की पहली महिला कॉमेडियन, ढाई साल की उम्र में हो गई थी अनाथ, भाई की हुई थी हत्या
गुजरे जमाने में कई ऐसे दमदार कलाकार हुए हैं जिन्हें आज के समय में न के बराबर ही जाना जाता है. ऐसी ही 60 के दशक की एक मशहूर अभिनेत्री थी टुन टुन. टुन टुन का असली नाम उमा देवी खत्री था. वे एक अभिनेत्री के साथ ही एक गायिका भी थीं. टुन टुन के कद का अंदाजा इस बता से लगाया जा सकता है कि उन्हें हिंदी सिनेमा की पहली महिला कॉमेडियन भी कहा जाता है. उनके मोटापे के कारण उन्हें टुन टुन कहा जाने लगा था और फिर इसी नाम से उन्होंने इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई.
बड़े पर्दे पर चाहे उन्होंने अपनी अदाकारी से लोगों को हंसाने का काम किया हो और उन्हें हिंदी सिनेमा की पहली महिला कॉमेडियन कहा गया हो हालांकि वे जब महज ढाई साल की थी तब ही उन्होंने दुःख दर्द देखने शुरू कर दिए थे, वहीं पांच साल की उम्र में फिर उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. बता दें कि, टुन टुन का जन्म 11 जुलाई 1923 को उत्तर प्रदेश में हुआ था. आज उनकी 98वीं जयंती है. इस अवसर पर आपको आज गुजरे जमाने की इस अभिनेत्री के बारे में बताते हैं…
ढाई साल की उम्र में खोए माता पिता, 4-5 साल की उम्र में हुई भाई की हत्या…
महज ढाई साल की उम्र में टुन टुन अनाथ हो गई थी. वे इस छोटी सी उम्र में ही अपने माता पिता को खो चुकी थीं. उन्होंने अपने एक साक्षात्कार में कहा था कि, ”मैं नहीं जानती मेरे मां-बाप कैसे दिखते थे क्योंकि जब मैं ढाई साल की थी तो वो गुजर चुके थे. मेरा आठ-नौ साल का भाई था जिसका नाम हरी था. मुझे याद है हम अलीपुर में रहते थे. एक दिन मेरे भाई की भी हत्या कर दी गई तब मैं चार-पांच साल की रही होंगी.”
टुन टुन की एक सहेली की मुंबई में फिल्मवालों से पहचान थी और वो एक दिन टुन टुन के गांव आई थी. बचपन से ही गाने का शौक रखने वाली टुन टुन अपनी सहेली के साथ मुंबई आ गई थी. मुंबई में वे संगीतकार नौशाद से मिली और उनके सामने वे जिद पर अड़ गईं कि अगर उन्हें गाने का मौका नहीं मिला, तो वो उनके बंगले से समुद्र में कूद जाएंगीं. इसके बाद नौशाद को टुन टुन के आगे झुकना पड़ा और उन्होंने टुन टुन का एक छोटा सा ऑडिशन लिया. अपनी आवाज से टुन टुन ने नौशाद का दिल जीत लिया और उन्हें तुरंत ही काम दे दिया.
पहला ही गाना रहा सुपरहिट…
टुन टुन को किसी ने दिल्ली में निर्देशक नितिन बोस के असिस्टेंट जव्वाद हुसैन का पता दिया था. मुंबई में वे उनसे मिली और फिर साल 1947 में टुन टुन का पहला गाना फिल्म ‘दर्द’ में ‘अफसाना लिख रही हूं’ था. गाना सुपरहिट साबित हुआ और टुन टुन की किस्मत की गाड़ी भी चल पड़ी.
पाकिस्तानी शख़्स को पसंद आया गाना, टुन टुन से कर ली शादी…
टुन टुन का यह गाना एक पाकिस्तानी शख़्स अख्तर अब्बास काजी को बहुत पसंद आया और वो पकिस्तान छोड़कर भारत आ गए. यहां आकर उन्होंने टुन टुन से साल 1947 में शादी कर ली. टुन टुन ने 45 गानों को अपनी आवाज दी और फिर अभिनय में भी हाथ आजमाया.
फिल्मों में भी टुन टुन को मौक़ा नौशाद ने ही दिया था. नौशाद ने टुन टुन को फिल्म ‘बाबुल’ में काम दिया था. टुन टुन की गायकी के बाद दर्शकों को उनकी अदाकारी भी पसंद आई. कॉमेडी रोल से तो उन्होंने ख़ूब वाहवाही लूटी. अपने 50 साल से अधिक लंबे करियर में उन्होंने करीब 200 फिल्मों में काम किया. उनकी प्रमुख फिल्मों में ‘आरपार’, ‘प्यासा’, ‘मिस्टर ऐंड मिसेज फिफ़्टी फाइव’ और ‘मोम की गुड़िया’ जैसी फ़िल्में शामिल है.