सबसे खूबसूरत लेकिन सबसे खतरनाक थी ये महिला जासूस, बिना हाथ लगाए मार दिए थे 50 हजार सैनिक
जासूसी करना भी अपने आप में एक अच्छा पेशा होता है। वैसे जासूस बनना कोई बच्चों का खेल भी नहीं होता है। इसके लिए आपका बुद्धिमान और निडर होना जरूरी होता है। इस पेशे में कदम कदम पर खतरे मंडराते रहते हैं। अपने काम को अंजाम देते समय कई लोग आपकी जान के दुश्मन बन जाते हैं। आमतौर पर जब भी बड़े बड़े जासूसों की चर्चा होती है तो उसमें अधिकतर मर्दों का ही नाम होता है। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो अपने जमाने की बहुत बड़ी जासूस थी।
जब भी दुनिया की मशहूर महिला जासूसों की चर्चा होती है तो इस महिला का नाम सबसे पहले आता है। ये महिला जासूस अपने हुस्न और तेज दिमाद के बल पर जासूसी दुनिया पर राज किया करती थी। जासूसी के मामले में इस महिला ने कई मर्दों को भी पीछे छोड़ दिया था। दरअसल हम जिस महिला जासूस की बात कर रहे हैं उसका नाम माता हारी है।
माता हारी का जन्मद साल 1876 में नीदरलैंड में हुआ था। हालांकि उनका पालन पोषण पेरिस में हुआ था। माता हारी उनका जासूसी दुनिया का नाम था, उनका रियल नाम गेरत्रुद मार्गरेट जेले था। माता हारी एक अच्छी जासूस होने के साथ साथ कमाल की डांसर भी थी। उनकी खूबसूरती भी बेमिसाल थी। कई लोग तो उनके हुस्न के जाल में ही फंस जाते थे। महिला को पहली नजर में देखने पर किसी को शक नहीं होता था कि वह एक खतरनाक जासूस है।
जब प्रथम विश्व युद्ध चल रहा था तब जर्मनी ने माता हारी को पैसे के बदले जानकारियां शेयर करने का ऑफर दिया था। ऐसे में वे जर्मनी की जासूस बन गई थी। लेकिन कुछ लोग उन्हें दोहरा जासूस भी मानते थे। यानि वह दोनों पार्टियों की जासूसी कर अपने हिसाब से उन्हें जानकारियां देती थी।
जब माता हारी स्पेन जा रही थी तो इंग्लैंड के फालमाउथ बंदरगाह पर उन्हें खुफिया एजेंसी ने हिरासत में ले लिया था। उन्हें शक था कि माता हारी फ्रांस और ब्रिटेन की जासूसी कर जर्मनी को सारी खुफिया जानकारी दे रही हैं। यही वजह थी कि फ्रांस और ब्रिटेन की जासूसी एजेंसियों ने उन्हें गिरफ्तार करवा दिया था।
जब इस बात के कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले तो उनके ऊपर डबल एजेंट होने का आरोप मड़ा गया। इसके बाद फ्रांस में उन्हें गोलियों से भून कर छलनी कर दिया गया था।
माता हारी के मौत के बाद भी उनसे जुड़े रहस्य कम नहीं हुए। उनकी डेड बॉडी को पेरिस के मेडिकल स्कूल को चीरफाड़ में प्रयोग के लिए दे दिया गया था। हालांकि उनके चेहरे को बाद में एनाटॉमी म्यूजियम में रखा गया। हैरत की बात ये थी कि उनका चेहरा इस म्यूजियम से अचानक गायब हो गया था। गायब होने के बाद ये आजतक नहीं मिल पाया है।
माता हारी ने स्वयं तो किसी की हत्या नहीं की लेकिन उनकी जासूसी के चलते 50 हजार फ्रांसिसी सैनिक मारे गए थे। माता हारी के जीवन के ऊपर साल 1931 में हॉलीवुड फिल्म भी बनी थी। इसमें अभिनेत्री ग्रेटा गर्बो लीड एक्ट्रेस थी।