शादी में मिले धोखे ने बदल दी थी कोमल की जिदंगी, IAS अधिकारी बन किया अपना सपना पूरा
आईएएस अधिकारी कोमल गनात्रा के जीवन की कहानी काफी प्रेरणादायक है। इन्होंने आईएएस अधिकारी बनने के लिए खूब मेहनत की और इसी मेहनत के दम पर ये अपनी पहचान लोगों के सामने कायम कर सकी हैं। कोमल गनात्रा बचपन से ही आईएएस अधिकारी बनने का सपना देखती थी। लेकिन जब ये बढ़ी हुई तो इनका रिश्ता परिवार वालों ने तय कर दिया। जिसके कारण इन्हें अपने सपने के साथ समझौता करना पड़ा। कोमल गनात्रा की शादी महज 26 साल की आयु में कर दी गई। लेकिन कुछ ही सालों में इनकी शादी टूट गई। हालांकि शादी टूटने के बाद भी इन्होंने अपने हौंसले को कायमब रखा और आईएएस अधिकारी बनने पर ध्यान केंद्रीत किया।
कोमल गनात्रा अपने माता पिता और भाई के साथ गुजरात में रहा करती थी। इनके माता पिता के पास NRI लड़के का रिश्ता आया। जिसे इन्होंने स्वीकार कर लिया। माता पिता के कहने पर कोमल शादी के लिए राजी हो गई। जिस वक्त कोमल की शादी तय हुई वो यूपीएससी की तैयारी कर रही थी। शादी के बाद इन्हें अपने पति शैलेश के साथ न्यूजीलैंड जाकर रहना था। इसलिए इन्होंने अपनी पढ़ाई को बीच में छोड़ दिया।
दरअसल यूपीएससी की तैयारी के साथ साथ जब ये जीपीएससी की तैयारी कर रही थी। तब इनकी उम्र लगभग 26 साल थी। इस दौरान इनकी शादी न्यूजीलैंड के NRI शैलेश के साथ फिक्स हो गई। शैलेश ने इन्हें कहा कि शादी के बाद इन्हें न्यूजीलैंड में ही आकर रहना होगा। इस कारण ये पेपर पास करने के बाद भी इंटरव्यू नहीं दे पाए। वहीं शादी के 15 दिन बाद जब इनके पति न्यूजीलैंड गए तो वहां से वापस लौट कर कभी नहीं आए। कोमल ने उनके बारे में काफी पता करने की कोशिश की लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा। कई समय तक कोमल इन्हें ढूंढती रही। लेकिन ये असफल रही।
पति के बारे में कुछ पता न लगने पर ये अपने मायके चले गई। लेकिन रिश्तेदारों के तानों से तंग आकर इन्होंने अपना मायक छोड़ दिया और अलग से रहने लगी। ये माता-पिता के घर से 40 किलोमीटर दूर स्थित एक गांव में रहते हुए अपनी पढ़ाई करने लगी। वहां इन्होंने प्राइमरी टीचर के रूप में काम करना भी शुरू कर दिया।
जिस गांव में ये रहती थी वहां पर न ही अंग्रेजी अखबार आता था और न ही कोई मैगजीन। इसलिए इन्हें 150 किलोमीटर दूर अहमदाबाद ऑप्शनल सब्जेक्ट की कोचिंग करने के लिए जाना पड़ता था। इन्होंने कुल चार बार ये परीक्षा दी। जिसमें से ये तीन बार इस परीक्षा में असफल रही। लेकिन चौथी बार 2012 में यूपीएससी परीक्षा को इन्होंने पास कर ली।
आज ये एक आईएएस अधिकारी बनकर देश को अपनी सेवाएं दे रही हैं। इनके जीवन की कहानी उन लोगों के लिए प्रेरणादायक है, जो कि जीवन में आने वाली परेशानियों से हार मान लेते हैं और अपने सपने को पूरा नहीं कर पाते हैं।