उत्तर प्रदेश सरकार ने जनसंख्या विधेयक 2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है और जल्दी ही इस कानून को लागू भी कर दिया जाएगा। इस कानून की मदद से प्रदेश में बढ़ रही जनसंख्या को रोकने की कोशिश की जाएगी। यूपी सरकार लंबे समय से इस कानून को बनाने की तैयारी में जुटी हुई थी। वहीं अब ड्राफ्ट तैयार कर लिया गया है और राज्य विधि आयोग जल्द ही इसे अंतिम रूप दे देगा। जिसके बाद राज्य सरकार को ये सौंप दिया जाएगा। राज्य विधि आयोग अध्यक्ष न्यायमूर्ति एएन मित्तल के दिशा-निर्देशन में ये मसौदा तैयार हुआ है।
क्या है जनसंख्या विधेयक 2021
जनसंख्या विधेयक 2021 के तहत जिनके पास दो से ज्यादा बच्चे होंगे। वे न तो सरकारी नौकरी कर पाएंगे और न ही चुनाव लड़ पाएंगे। वहीं आयोग की ओर से बनाए गए इस ड्राफ्ट को सरकारी वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है। इस मसौदे को आप upslc.upsdc.gov.in पर जाकर पढ़ सकते हैं।
मांगी गई है राय
जनसंख्या विधेयक 2021 को लेकर लोगों से राय भी मांगी गई है और लोग अपनी राय 19 जुलाई तक दे सकते हैं। 19 जुलाई तक आयोग को ई-मेल ([email protected]) या फिर डाक के जरिए सुझाव और आपत्तियां भेजी जा सकती हैं। आपत्तियों एवं सुझावों अगर सही लगते हैं, तो उनपर गोर किया जाएगा। अध्ययन के बाद संशोधित मसौदा तैयार करके आयोग यूपी सरकार को सौंपेगा। योगी सरकार की ओर से इसे पास करिया जाएगी। जिसके बाद ये कानून राज्य में लागू हो जाएगा।
गौरतलब है कि 11 जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नई जनसंख्या नीति 2021-30 जारी करेंगे। ऐसे में इस ड्राफ्ट को पेश किया गया है। इस विधेयक को पूरी तरह से राज्य विधि आयोग की ओर से बनाया गया है। उत्तर प्रदेश राज्य विधि आयोग के प्रस्ताव के मुताबिक अगर किसी व्यक्ति के दो से ज्यादा बच्चे होते हैं। तो वो सरकारी नौकरी का आवेदन नहीं कर पाएगा। इसके अलावा प्रमोशन का मौका भी उसे नहीं मिलेगा। दो से अधिक बच्चों के माता पिता को 77 सरकारी योजनाओं व अनुदान का लाभ भी नहीं मिलेगा।
इतना ही नहीं ऐसे लोग स्थानीय निकाय चुनाव भी नहीं लड़ सकेंगे। कहा जा रहा है कि कानून के लागू होने पर एक साल के अंदर सभी सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को शपथ पत्र देना होगा। इसके अलावा स्थानीय निकाय में चुने जनप्रतिनिधियों को शपथ पत्र देना पड़ेगा। शपथ पत्र देने के बाद अगर तीसरी संतान पैदा करते हैं तो प्रतिनिधि का निर्वाचन रद्द करने का प्रस्ताव है। वहीं सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने और बर्खास्त करने की सिफारिश भी इस प्रस्ताव में की गई है।
वहीं अगर किसी व्यक्ति के दो बच्चे हैं और वो सरकारी नौकरी नहीं करते हैं। तो ऐसी में उन्हें बिजली-पानी, हाउस टैक्स, होम लोन में छूट समेत कई अन्य सुविधाएं दी जाएंगी। वहीं एक बच्चे और खुद नसबंदी कराने वाले दंपती को संतान के 20 वर्ष के होने तक मुफ्त इलाज, शिक्षा, बीमा शिक्षण संस्था व सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने का प्रस्ताव है।