32 साल तक एक दूजे के दुश्मन बने रहे दिलीप कुमार और राजकुमार, साथ नहीं किया काम, जानें वजह
अभिनेता राज कुमार और दिलीप कुमार ने एक दूसरे के साथ फिल्म पैगाम में काम किया था। इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ही इन दोनों के बीच में मनमुटाव बढ़ गया था और ये दोनों एक दूसरे के दुश्मन बन गए थे। इन्हें एक दूसरे से इस कदर नफरत हो गई थी कि इन्होंने आगे एक साथ काम न करने का फैसला तक कर लिया था। हालांकि 32 साल बाद इन दोनों को एक साथ फिल्म सौदागर में देखा गया। इस फिल्म को सुभाष घई ने बनाया था। सुभाष घई के कारण ही ये दोनों अभिनेता दुश्मनी भुला एक दूसरे के दोस्त बन सके।
हालांकि पैगाम के 32 साल बाद यानी साल 1991 में दोनों को एक साथ फिल्म करने का ऑफर मिला। जो कि दिग्गज फिल्म निर्देशक सुभाष घई ने दिया था। फिल्म सौदागर में दोनों को सुभाष घई कास्ट करना चाहते थे। लेकिन उनको पता था कि ये आसान नहीं होने वाला है। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और इन दोनों अभिनेताओं से बात की।
सुभाष घई ने दिलीप साहब को तो आसानी से मना लिया था। लेकिन राज कुमार को मनाना सुभाष घई के लिए आसान नहीं था। कहा जाता है कि जब सुभाष ने राज कुमार को स्क्रिप्ट सुनाई तो उन्होंने घई से पूछा कि मेरे साथ फिल्म में दूसरा हीरो कौन है। तब घई ने कहा कि दिलीप कुमार हैं ना, वो कर लेंगे। ये बात सुन राज कुमार ने जाम हाथ में उठाते हुए कहा था कि- जानी, हिंदुस्तान में अपने बाद अगर हम किसी को एक्टर मानते हैं तो दिलीप कुमार को मानते हैं। हमारे सामने जब दिलीप कुमार आएंगे तो जलवा तो आएगा।
फिर क्या था दोनों अभिनेता एक साथ काम करने को तैयार हो गए। हालांकि बाद में राज कुमार ने फिल्म करने से मना कर दिया। ये किस्सा याद करते हुए सुभाष घई ने एक इंटरव्यू में कहा था कि राज कुमार फिल्म के सेट पर पहुंचे तो उन्हें इस बात का एहसास हुआ कि दिलीप कुमार का किरदार यूपी और बिहारी के टोन में हिंदी बोलता है। इस बात से राज कपूर गुस्सा गए क्योंकि उन्हें नॉर्मल हिंदी बोलनी थी।
इस बात से नाराज होकर सुभाष घई ने राज कुमार ने कहा कि वो इस फिल्म में काम नहीं करेंगे। वे मुंबई वापस जाने लगे। लेकिन सुभाष घई ने किसी तरह से उन्हें मना लिया। सुभाष घई को राज कुमार को मनाने में 2 घंटे लगे। घई ने राज कुमार को मनाते हुए कहा कि आपका कैरेक्टर अमीर है और दिलीप कुमार का कैरेक्टर गरीब है। सुभाष घई की ये बात सुनकर राजकुमार ने फिल्म में काम करने की हामी भर दी थी। इसके बाद सुभाष घई ने शूटिंग के दौरान इन दोनों अभिनेताओं की दोस्ती भी करवा दी।
बॉलीवुड के शुरुआती दशक में दिलीप कुमार और राज कपूर इंडस्ट्री के बड़े एक्टरों में से एक थे। इन दोनों को लोगों द्वारा काफी पसंद किया जाता था। लेकिन इन दोनों के बीच साल 1959 में आई फिल्म पैगाम की शूटिंग के दौरान लड़ाई हो गई। ये दोनों एक दूसरे के दुश्मन बन गए।
सुभाष घई राज कुमार के कान में कहते थे कि दिलीप साहब उनकी तारीफ कर रहे हैं। जबकि दिलीप के कान में कहता थे कि राज उनके काम को पसंद कर रहे हैं। ऐसे में इन दोनों की दोस्ती हो गई। साथ में ही ये फिर हिट साबित हुई।