पेशाब में जलन और बदबू आने पर हो सकता है यूटीआई, जानें इस रोग के लक्षण व बचाव के तरीके
यूटीआई की समस्या अक्सर कई महिलाओं को हो जाती है। ये समस्या होने पर पेशाब करने में दिक्कत होती है। अगर आपको पेशाब करते हुए जलन हो या अधिक बदबू आए तो इसे नजरअंदाज न करें। ये यूटीआई रोग हो सकता है। ये रोग होने पर कई बार बुखार भी आ जाता है। महिलाओं और डायबिटीज के रोगियों में यूटीआई होने का खतरा सबसे अधिक होता है।
डॉक्टरों के अनुसार पेशाब करते समय यदि आपको किसी भी तरह की असुविधा का अनुभव होता हो तो इसे गंभीरता से लें। पेशाब करने में जलन महसूस होना पर या पेशाब से असामान्य तरीके की बदबू आने पर समझ जाएं की आप संक्रमण का शिकार हो गए हैं। आप तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क कर अपनी जांच करवाएँ।
डॉक्टरों के मुताबिक समय रहते यूटीआई का उपचार करने से आसानी से इसे सही किया जा सकता है। वहीं देरी करने पर ये बीमारी घातक बन जाती है और संक्रमण किडनी तक पहुंच जाता है। जो कि उसे क्षति पहुंचा सकता है।
मूत्र मार्ग में संक्रमण के लक्षण
मूत्र मार्ग में संक्रमण यानी यूटीआई की समस्या होने पर निम्नलिखित लक्षण नजर आते हैं। ये लक्षण देखने पर समझ लें की आप इस रोग से ग्रस्त हो चुके हैं और फौरन अपना इलाज करवा लें। ये लक्षण इस प्रकार हैं।
- पेशाब करते समय जलन होना
- बार-बार पेशाब आना, थोड़ी मात्रा में पेशाब होना
- पेशाब में बहुत ज्यादा झाग बनना।
- पेशाब के रंग में बदलाव जाना।
- पेशाब से असामान्य तरह की बदबू आना।
- महिलाओं को पैल्विक हिस्से में दर्द महसूस होना।
- बार-बार हल्का बुखार आना। शरीर में दर्द रहना।
इस वजह से होती है ये समस्या
मूत्र मार्ग में संक्रमण की मुख्य वजह मूत्र पथ में बैक्टीरिया का प्रवेश करना होता है। दरअसल गंदे शौचालय का प्रयोग करने से बैक्टीरिया मूत्र पथ में प्रवेश कर जाते हैं और ये समस्या हो जाती है। कई बार ब्लेडर में संक्रमण के कारण भी यूटीआई की दिक्कत हो जाती है। इसके अलावा यौन क्रियाओं में सक्रिय महिलाओं को यूटीआई की समस्या अधिक होती है।
गर्भनिरोधको के प्रयोग के कारण भी महिलाओं में इस तरह की दिक्कत देखने को मिली है। इसलिए जो महिलाएं गर्भनिरोधको का प्रयोग करती हैं। वो भी इस संक्रमण के प्रति जागरूक रहें और पेशाब करते हुए जलन होने पर इसे नजरअंदाज न करें।
क्या है इलाज
एंटीबायोटिक्स को यूटीआई के प्राथमिक उपचार के तौर पर प्रयोग किया जाता है। ये दवाइयां खाने से आराम पहुंचता है। उपचार शुरू करने के कुछ दिनों के भीतर ही यूटीआई सही हो जाता है। यूटीआई होने के दौरान कॉफी, शराब, और कैफीन पेय पदार्थों का सेवन करने से बचें। इसके अलावा खूब पानी पीया करें।
इस तरह से करें अपना बचाव
इस रोग से बचने के लिए साफ-सफाई का खासा ध्यान रखना पड़ता है। महिलाएं कभी भी गंदे शौचालय का इस्तेमाल न करें। सार्वजनिक शौचालय का अगर इस्तेमाल करती हैं। तो ये जरूर देखें की वो साफ है कि नहीं। सार्वजनिक शौचालय के इस्तेमाल के समय सीट को अच्छी तरह से साफ कर लें। उसके बादी ही उसका प्रयोग करें।