कौए देते है शुभ-अशुभ का संकेत, जानिए आप भी क्या है पूरी कहानी…
कौआ देता है भाग्य बदलने का संकेत, अगर आपको ऐसे दिखें कौआ तो समझ जाइए बदलने वाला है भाग्य...
हमारे पुराणों एवं ग्रंथो में पशु, पक्षियों के बारे में विस्तार से बात की गई है। प्राचीन समय के ऋषियों और मुनियों ने अपने शोध में बताया था कि, प्रत्येक पशु-पक्षियों के विचित्र व्यवहार एवं हरकतों का प्रकृति एवं मनुष्य जाति पर कुछ न कुछ प्रभाव अवश्य पड़ता है। साथ में ये भविष्य में होने वाली शकुन अपशुकन की सूचना भी देते हैं। सनातन धर्म में माता के रूप में पूजनीय गाय के संबंध में तो बहुत सी बातें लोग जानते ही हैं, शास्त्रों में कौए को लेकर भी बहुत ही विचित्र बाते बताई गई जो किसी को भी आश्चर्य में डाल देंगी।
जी हां कौए कभी किसी बीमारी अथवा अपने वृद्धा अवस्था के कारण मृत्यु को प्राप्त नहीं होता। बल्कि इनकी मृत्यु आकस्मिक रूप से होती है। साथ में यह बहुत ही रोचक है कि जिस दिन कौए की मृत्यु होती है उस दिन, उसका साथी भोजन ग्रहण नहीं करता। ये आपने कभी ध्यान दिया हो। तो यह बात गौर करने वाली है कि, कौआ कभी भी अकेले में भोजन ग्रहण नहीं करता। यह पक्षी सदैव किसी साथी के साथ मिलकर ही भोजन करता है। वहीं कौए में नर और मादा दोनों एक समान ही दिखाई देते हैं। यह बगैर थके हुए मीलों उड़ सकते हैं। कौए के बारे में पुराण में बतलाया गया है कि भविष्य में होने वाली अनेक घटनाओं का आभास कौए को पूर्व में ही हो जाता है और वह अपनी आवाज या अन्य तरीके से उसका संकेत भी पहले ही मानव समाज को देने की कोशिश करते हैं।
वहीं श्राद्ध पक्ष में कौए का महत्व बहुत ही अधिक माना जाता है। यह तो हम सभी को भलीभांति पता है। ऐसी मान्यताएं है कि अगर पितृ पक्ष में यदि कोई भी व्यक्ति कौए को भोजन कराता है तो यह भोजन कौए के माध्यम से उनके पितरों को प्राप्त होता है और वे ग्रहण करते है। शास्त्रों में यह बात स्पष्ट बताई गई है कि कोई भी क्षमतावान आत्मा कौए के शरीर में विचरण कर सकती है। पितृ पक्ष के दिनों में कौए हर घर के छत का मेहमान बनते हैं और कहा जाता है कि पितरों की दिव्य आत्माएं कौए के रूप में आकर श्राद्ध का भोजन ग्रहण करती हैं। कौए एवं पीपल को पितरों का प्रतीक मानते हैं। इसलिए पितृपक्ष में कौए को खाना खिलाकर एवं पीपल को पानी पिलाकर पितरों को तृप्त किया जाता है।
यह तो बात हुई कौए के गुण-अवगुण की बात और उससे जुड़ी किवदंती और मान्यताओं की बात, लेकिन क्या आपको यह पता है कि कौआ भविष्य में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं की सूचना भी देता है। नहीं पता तो हम बताते है आपको। बता दें कि इस दुनिया में कौआ एक ऐसा प्राणी हैं जिसे किसी अच्छे या बुरे की जानकारी उस घटने के होने के पहले ही हो जाती है। दरअसल प्राचीन समय से ही हमारे समाज में कौए को लेकर शुभ-अशुभ, शगुन-अपशगुन इत्यादि से जुड़ी बातों का उल्लेख किया गया है। बता दें की शकुन शास्त्र में कौओ से जुड़ी अनेक रोचक जानकारियों के बारे में बताया गया है। ऐसे में आज हम आपको कौओ से जुड़ा कुछ शुभ संकेत बताने वाले हैं, जिनके होने पर आपको समझ लेना चाहिए कि आपके साथ कोई शुभ घटना घटने वाली है।
1) कौए को लेकर ऐसी मान्यता है कि यदि कौआ भूमि खोदता हुआ नजर आए तो भारी धन लाभ होता है।
2) यदि कौआ मुंह में रेत, अनाज, गीली मिट्टी या फल-फूल भरकर आपके घर ले आए तो यह अचानक से धन प्राप्ति का संकेत होता है।
3) वैशाख के महीने में यदि कौआ हरे-भरे वृक्ष पर अपने घोषले का निर्माण करे तो यह बारिश होने के संकेत देता है।
4) यदि सूर्योदय के समय कौआ आपके घर के सामने बोलता है तो यह आपके प्रतिष्ठा और धन में वृद्धि का सूचक होता है।
5) यात्रा के समय यदि कौआ आपके सामने किसी बर्तन में मुंह डूबा कर पानी पीता हुआ नजर आए तो यह धन लाभ का संकेत देता है और आपकी यात्रा भी सफल होगी।
6) प्रातः काल में यदि कौआ आपके पैर को स्पर्श कर जाए तो यह आपकी उन्नति और धन प्राप्ति का संकेत है।
7) ठीक दोपहर से पहले यदि पूर्व या उत्तर दिशा से पेड़ पर बैठे कौए की आवाज सुनाई दे तो इसे स्त्री सुख का भी संकेत माना जाता है।
8) सुबह-सुबह सोकर उठने के बाद यदि कौआ आपके घर पर आकार कांव-कांव की रट लगाता है। तो यह किसी अतिथि के आगमन का संकेत देता है।
9) रास्ते में यदि दो कौआ तोरण पर बैठे हुए नजर आए तो यह मनोवांछित फल मिलने का संकेत होता है।
10) यात्रा पर जाते समय यदि कौआ आपके दाहिने तरफ से निकल कर, उसी तरफ उड़ता हुआ चला जाए तो यह आपके कार्य पूर्ण होने का संकेत देता है।
11) यदि स्त्री के सिर पर पानी का घड़ा रखा हुआ हो और उस पर कौआ आकार बैठ जाए तो यह उस स्त्री के लिए शुभ संकेत है।
12) वहीं अगर रास्ते में यदि कौआ अपने मुंह में रोटी का टुकड़ा या मांस का टुकड़ा लिए दिख जाए तो यह आपकी इच्छा पूरी होने का संकेत देता है।