पुराने ज़माने में राजा-महाराजा यह खा कर बढ़ाते थे अपनी पौरुष शक्ति
स्टेमिना बढ़ाने के लिए प्राचीन समय में राजा-महाराजा खाते थे ये चीज़..
राजा-महाराजाओं से जुड़ी कहानियां तो सभी ने टीवी पर देखी और किताबों में पढ़ी है और जिन्होंने भी ये कहानी देखी या पढ़ी है। उन्हें यह भी पता होगा कि ये पहले के समय में जो भी राजा महाराजा होते थे। उनकी एक नहीं बल्कि कई रानियां और पटरानियां होती थी। इसके साथ ही वे अपने राज्य और प्रजा को संभालने का काम भी करते थे। पुराने समय में राजा महाराजा कभी न कभी शत्रुओं से लड़ाइयां भी लड़ते थे। ऐसे में उन्हें काफी शक्ति और ऊर्जा की जरूरत पड़ती थी। मगर क्या आप जानते है कि पहले के समय में ये राजा महाराजा इतनी शक्ति कहाँ से लाते थे।
आज के समय में लोगों को अपना घर और ऑफिस संभालने में ही शारीरिक और मानसिक स्तर पर कमजोरी महसूस होने लगती है। फ़िर सवाल यही की पुराने समय में राजा-महाराजा कैसे इतना सबकुछ कर लेते थे और उन्हें शारीरिक और मानसिक तनाव भी नहीं होता था। बहरहाल अगर आप नहीं जानते कि पुराने समय मे कैसे राजा-महाराजा अपने को तरोताजा रखते थे। तो आज हम आपको बताएंगे कि आखिर पहले के समय में राजा महाराजा अपना स्टेमिना बढ़ाने और शारीरिक- मानसिक तनाव कम करने के लिए किन किन आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल करते थे।
प्राचीन समय में राजवैद्य करते थे इन औषधियों का उपयोग…
सबसे पहले हम आपको ये बता दें कि पहले के समय में हर राज्य में राजवैद्य हुआ करते थे। जो राजाओं के लिए जड़ी बूटियों, रसायन और धातुओं की मदद से कई तरह के नुस्खे बनाते थे। दरअसल इन दवाओं में कुछ ऐसी चीजें भी मौजूद होती थी, जिससे राजा महाराजा लम्बे समय तक जवान रहते थे और उनकी ताकत भी बरकरार रहती थी। तो ऐसे में आज हम भी आपको कुछ खास आयुर्वेदिक औषधियों से रूबरू करवाना चाहते है, जिनका इस्तेमाल करके आप भी लम्बे समय तक जवान रह सकते है और खुद की शारीरिक क्षमता को बढ़ा सकते है। तो आइए बात करते हैं ऐसी ही औषधि के बारें में…
शिलाजीत…
हम शिलाजीत की बात करे तो इसे चावल के दाने जितना छोटा करके शहद के साथ ग्रहण कीजिए। इससे न केवल आपके शरीर में ताकत आएगी बल्कि आपकी शारीरिक ऊर्जा भी बढ़ जाएगी। यहाँ तक कि इससे आप अधिक समय तक जवान रह पाएंगे।
अश्वगंधा…
बता दे कि अश्वगंधा का आधा चम्मच हर रोज रात को गर्म दूध में सेवन करना काफी फायदेमंद होता है। इसका सेवन करने से न केवल शारीरिक थकावट दूर हो जाती है, बल्कि रोगों से लड़ने की क्षमता भी बढ़ती है।
सफेद मूसली…
वहीं आपको बता दें कि सफेद मूसली का पाउडर बना कर उसे हर रोज सुबह और शाम मिश्री या दूध के साथ लेने से भी शारीरिक ऊर्जा बनी रहती है और स्वास्थ्य तंदुरुस्त रहता है।
केसर…
मालूम हो कि चुटकी भर केसर को गर्म दूध में डाल कर पीना स्वास्थ्य के लिए काफी अच्छा माना जाता है। इसका सेवन करने से नसों में खून का सही तरीके प्रवाह होने लगता है। इसलिए हर रोज रात को केसर वाले दूध का सेवन जरूर करना चाहिए।
शतावर…
अगर आपको धूम्रपान करने या शराब पीने की आदत है, तो आपको इसका सेवन जरूर करना चाहिए। जी हां एक चम्मच मिश्री और गाय के घी के साथ आधा चम्मच शतावर के पाउडर का सेवन दूध के साथ करना चाहिए। इससे आपको कई तरह के शारीरिक लाभ मिलेंगे।
बहरहाल अब तो आपको पता चल गया होगा कि आखिर किस तरह से पुराने जमाने में राजा महाराजा अपनी शारीरिक ऊर्जा को कायम रखते थे और इतने लम्बे समय तक जवान दिखते थे। वैसे यहां आपके लिए एक विशेष सलाह यह है कि प्राचीन समय में राजवैद्य होते थे। जो राजा-महाराजाओं को इन औषधियों के बारे में ज्ञान देते थे। ऐसे में आज के समय में तो राजवैद्य मिलने से रहें। फ़िर भी इन वस्तुओं के उपयोग से पहले एक बार डॉक्टरी सलाह लेना न भूलें।