नेहरू से लेकर वाजपेयी-सोनिया के बेहद ही करीबी थे दिलीप साहब, तस्वीरों से जानिये इन का रिश्ता
दिलीप कुमार अपने जमाने के काफी प्रसिद्ध अभिनेता हुआ करते थे। इनके अभिनय को लोगों द्वारा खूब पसंद किया जाता था। इनके फैंस की लिस्ट में जाने माने नेता भी शामिल हुआ करते थे। दिलीप कुमार की दोस्ती पंडित जवाहरलाल नेहरू से खूब हुआ करती थी। इसके अलावा ये पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के भी करीबी दोस्त थे।
पंडित जवाहरलाल नेहरू से इनकी दोस्ती इस कदर थी कि इन्होंने दिलीप कुमार को राज्यसभा सदस्य के रुप में भी चुना था। वहीं नेहरू जब भी इन्हें पार्टी प्रचार के लिए बुलाया करते थे। तो ये जरूर आते थे और लोगों से कांग्रेस के लिए वोट मांगा करते थे।
वरिष्ठ पत्रकार राशिद किदवई द्वारा लिखी गई दिलीप कुमार की आत्मकथा के अनुसार साल 1959 में ‘पैगाम’ फिल्म की शूटिंग के दौरान प्रधानमंत्री नेहरू सेट पर पहुंचे थे। वहां पर कई लोग मौजूद थे। हर कोई हीरोइन वैजयंती माला से मिलना चाहता था। लेकिन नेहरू सबसे पहले दिलीप कुमार के पास गए और कंधे पर अपना हाथ रखा। फिर कहा- ‘यूसुफ, मुझे पता चला कि तुम यहां हो और मैंने आने का फैसला कर लिया।’ यही से नेहरू और दिलीप र के बीच दोस्ती गहरी हो गई।
वहीं एक बार दिलीप कुमार की फिल्म गंगा जमुना को ‘हे राम’ शब्द के चलते सेंसर बोर्ड ने पास नहीं किया। ऐसे में अभिनेता ने पंडित नेहरू से मदद मांगी। जिसके बाद ‘गंगा जमुना’ को पास कर लिया गया।
नेहरू की तरह की दिलीप कुमार बाल ठाकरे के भी करीबी थे। इन दोनों में काफी गहरी दोस्ती थी। बाल ठाकरे के निवास मातोश्री में दिलीप कुमार का आना-जाना लगा रहता था। लेकिन जब 1997 में पाकिस्तान सरकार ने दिलीप कुमार को ‘निशान-ए-इम्तियाज’ से नवाजने का फैसला किया तो बाल ठाकरे ने इसकी आलोचना की थी।
निशान-ए-इम्तियाज विवाद के दौरान दिलीप कुमार की मदद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने की थी। वाजपेयी जी ने दिलीप कुमार से कहा था कि वे बाल ठाकरे को नजरअंदाज करें। ये सम्मान लेने पाकिस्तान जाएं। उन्होंने कहा था कि, ‘एक कलाकार राजनीतिक और भौगोलिक सीमाओं में नहीं बंधा होता। आपको ये पुरस्कार मानवीय कार्यों के लिए दिया जा रहा है। आपको जरूर जाना चाहिए।
इसी तरह सोनिया गांधी सहित कई समाजवादी नेताओं से भी दिलीप ने अपने संबंध अच्छे रखे हुए थे। ये साल 1999 में समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की शादी में भी शामिल हुए थे। ये लखनऊ गए थे। जहां पर इन्होंने अखिलेश यादव को नए जीवन का आशीर्वाद दिया था।
दिलीप कुमार और शरद पवार की दोस्ती भी काफी गहरी हुआ करती थी और ये महाराष्ट्र के कद्दावर नेता और एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के खास दोस्त माने जाते थे। दिलीप कुमार ने शरद पवार का प्रचार भी किया था।
वहीं जब ये अस्पताल में भर्ती थे तो सोनिया गांधी इनसे मिलने के लिए आई थी और इनका हाल पूछा था। दिलीप कुमार हर पार्टी से जुड़े हुए थे और जब भी कोई नेता इन्हें प्रचार करने के लिए बुलाया करता था ये जरूर कार्यक्रम में शामिल होते थे।