जेआरडी टाटा ने तोड़ा था दिलीप कुमार का घमंड, अभिनेता को सिखाया था शराफत का पाठ
दिग्गज अभिनेता दिलीप कुमार अब हमारे बीच नहीं रहे हैं। इन्होंने 98 वर्ष की उम्र में मुंबई के खार हिंदुजा अस्पताल में अंतिम सांस ली है। इनके निधन की खबर से हर कोई दुखी है। दरअसल इनकी सेहत लंबे समय से खराब चल रही थी और आज ये अपनी जिंदगी की जंग हार गए हैं।
सोशल मीडिया पर हर किसी ने इनके निधन पर दुख जाहिर किया है और नम आंखों से इन्हें श्रद्धांजलि दी है। साथ में ही लोग इनके साथ जुड़े किस्से भी याद कर रहे हैं। इन्हीं किस्सों में से एक किस्सा जेआरडी टाटा संग जुड़ा हुआ है। दरअसल दिलीप कुमार ने जब जेआरडी टाटा से पहली मुलाकात की थी। तो उस समय इनका घमंड टूट गया था।
अपनी इस मुलाकात का जिक्र खुद दिलीप कुमार ने अपनी बायोग्राफी में किया था। जिक्र करते हुए इन्होंने कहा था कि ‘ये उस वक्त की बात है। जब मैं अपने करियर की बुलंदी पर था। तब मैं एक बार एयर इंडिया से सफर कर रहा था। वहीं मेरे बगल वाली सीट पर एक बुजुर्ग शख्स बैठे थे। जो एक दम साधारण कपड़ों में थे। उन्होंने पैंट और शर्ट पहने हुए थे। उन्हें देखकर मुझे ऐसा लगा कि वो एक मिडिल क्लास परिवार से नाता रखते हैं। लेकिन पढ़े-लिखे हैं।
हर कोई मेरे पास आ रहा था और मुझे जानता था। लेकिन मेरे बगल में मौजूद शख्स ने मेरी ओर एक बार देखा तक नहीं। मेरी मौजूदगी से वो एकदम बेखबर था। वो बस अपना अखबार पढ़ रहा था और खिड़की से बाहर देख रहा था। समय इसी तरह से गुजर रहा था। वहीं जब चाय आई तो उन्होंने एक दम शांति से चाय पी। ऐसे में उनसे बातचीत शुरू करने के लिए मैं मुस्कुराया। तो उन्होंने भी मुझे देख कर स्माइल की और हैलो कहा।’
‘बस इस तरह से हम दोनों के बीच बातचीत का सिलसिल शुरू हुआ। हमने फिल्मों पर बात करना शुरू किया और मैंने उनसे कहा कि ‘क्या आप फिल्में देखते हैं? इस पर शख्स ने जवाब देते हुए कहा- हां, थोड़ी बहुत। मैंने कई साल पहले एक देखी थी। इसके बाद मैंने कहा कि मैं फिल्मों में काम करता हूं। तो उन्होंने कहा- ये तो बहुत अच्छा है। आप क्या करते हैं? तो मैंने कहा- जी मैं अभिनेता हूं। इस पर उस शख्स ने कहा- अरे वाह ये तो बहुत अच्छी बात है।’ इसके बात हम दोनों में बातचीत बंद हो गई।
वहीं जब फ्लाइट का सफर खत्म हुआ तो मैंने हाथ बढ़ाते हुए उस शख्स से कहा आपके साथ सफर करके अच्छा लगा। वैसे मेरा नाम दिलीप कुमार है। इसके बाद उस शख्स ने मुझसे मुस्कुराते हुए हाथ मिलाया और कहा- धन्यवाद, आपसे मिलकर अच्छा लगा… मैं जेआरडी टाटा हूं।’
दिलीप कुमार ने आगे लिखा कि इस बात को कभी कोई फर्क नहीं पड़ता है कि आप कितने बड़े हैं। क्योंकि हमेशा कोई न कोई आपसे बड़ा मौजूद रहेगा। इसलिए हमेशा सरल और विनम्र रहें। इसी तरह से अपनी बायोग्राफी में दिलीप कुमार ने अपनी जिंदगी से जुड़े ओर किस्सों का भी जिक्र किया था। आज इनके जाने के बाद हर किसी को इनके किस्से याद आ रहे हैं।