एक कब्रिस्तान ऐसा जहां दफ्न हैं 50 लाख से भी ज्यादा शव.. देखें वीडियो!
इस दुनिया में कई अजीबोगरीब चीजें हैं। कुछ प्रकृति द्वारा निर्मित हैं तो कुछ का निर्माण इंसानों ने किया है। इनमें से कई चीजों को देखकर तो पहले यकीन ही नहीं होता है कि ऐसा हो सकता है। खासतौर से जब बात इंसानों की की जाती है तो यकीन करना और भी मुश्किल हो जाता है। प्रकृति ने इस पृथ्वी पर कई अद्भुत चीजें बनाई हैं। बड़ी-बड़ी नदियों और असमान से ऊंचे पहाड़ प्रकृति की ही देन हैं।
इंसान की रचना देखकर कई बार नहीं होता है यकीन:
इंसानों ने आज के समय में गगनचुम्बी इमारतें बना ली हैं। पहले के समय में बनाई गयी कई इमारतों को आज दुनिया के सात अजूबों में भी शामिल किया गया है। बड़े-बड़े समुद्रों के ऊपर पुल, बड़े-बड़े जहाज को देखकर कई बार यकीन करना मुश्किल हो जाता है। वैसे ही आज हम आपको एक ऐसे कब्रिस्तान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में जानकर आपको शायद यकीन नहीं होगा।
पीस वैली के नाम से जाना जाता है इस कब्रिस्तान को:
दुनिया के लगभग सभी देशों में कब्रिस्तान देखने को मिलते हैं। लेकिन आज हम आपको दुनिया के सबसे बड़े कब्रिस्तान के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां लगभग 50 लाख से भी ज्यादा शव दफ्न हैं। यह कब्रिस्तान कहीं और नहीं बल्कि इराक के नजफ शहर में स्थित है और इस जगह को पीस वैली के नाम से जाना जाता है। इराक आतंक का गढ़ कहा जाता है।
हर रोज दफनाये जाते हैं 150 से 200 शव:
इस देश में हर रोज आतंकी हमले होते हैं। इस वजह से हर रोज लगभग 200 मुर्दों को दफनाया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इस कब्रिस्तान में अब तक 50 लाख से भी ज्यादा शिया मुस्लिमों के शवों को दफनाया जा चुका है, और लगातार शव दफनाये जा रहे हैं। ISIS के उदय से पहले यहां हर साल 80 से 120 शवों को दफनाया जाता था। लेकिन ISIS के लगातार हमलों की वजह से 150 से 200 लोग हर रोज मरते हैं और उनके शवों को यहां दफनाया जाता है।
दुनिया का हर शिया मुसलमान यही दफ्न होना चाहता है:
इस कब्रिस्तान की सबसे खास बात यह है कि यह केवल इराक के लोगों के लिए नहीं है। ISIS का आतंक बढ़ने की वजह से यहां होने वाली मौतों की संख्या दोगुनी हो गयी है। यह कब्रिस्तान इतना बड़ा और प्रसिद्ध हो गया है कि हर साल केवल कब्रिस्तान देखने के लिए लाखों लोग आते हैं। इस कब्रिस्तान में मकबरा भी बनाया गया है। जब भी ISIS से सामना होना होता है, उससे पहले लड़ाके यहां आते हैं और मन्नत मांगते हैं कि उनकी मौत होने के बाद उन्हें यहीं दफनाया जाए। पूरी दुनिया के शिया मुसलमान अपने करीबियों का शव यहीं दफनाना चाहते हैं। इन कब्रों को काफी सजाया भी जाता है।