मां ने सुनाई 3 मासूम बच्चों की किडनैपिंग होने की कहानी, 3 घंटे में पुलिस ने कर दिया केस ख़तम
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में पुलिस ने एक अपहरण के मामले को महज कुछ घंटों में ही सुलझा दिया और बच्चों को सही सलामत उनके मां बाप को सौंप दिया। 5 जुलाई को कोतवाली पुलिस द्वारा गुमशुदा तीन बच्चों को सकुशल बरामद कर परिजनों को सुपुर्द किया गया। पुलिस की ओर से की कई इस कार्रवाई से खुश होकर एसपी अजय साहनी ने पुलिस की टीम को इनाम भी दिया और टीम को 25 हजार रुपये की नकद राशि दी गई।
बताया जा रहा है कि जिले की नगर कोतवाली पुलिस को बच्चों के अपहरण की सूचना मिली थी। पुलिस की टीम ने सूचना मिलने के 3 घंटे के अंदर ही 3 बच्चों को बरामद कर लिए। बच्चों को बरामद करने के बाद उनके परिवार के लोगों को फोन किया गया और बच्चे उन्हें सौंपे गए। हालांकि जांच में पुलिस को पता चला कि बच्चों के अपहरण होने की बात गलती थी। बच्चे मां से खो गए थे और मां ने खुद को बचाने के लिए ये सब किया।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक लगभग 3 बजे ग्राम प्रधान हमजापुर थाना सरायख्वाजा द्वारा सूचना दी गई कि उसके गांव की रेनू पत्नी मनोज चौहान अपने चार बच्चों के साथ अपने मायके आसपुर देवसरा जनपद प्रतापगढ़ से आ रही थीं। रास्ते में जब ये अपने बच्चों के साथ चांद मेडिकल चौराहा पहुंचीं। वहां बाइक में आए एक अज्ञात व्यक्ति ने इसके तीन बच्चों मीनाक्षी (8 वर्ष), राधा (6 वर्ष) और बेटे मनी (3 वर्ष) को अगवा कर लिया और अपने साथ ले गया।
इस बात की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई। जिसके बाद पुलिस ने बिना कोई देरी की मामले की जांच शुरू कर दी। पुलिस ने महिला द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर चांद मेडिकल चौराहा पर लगे सी.सी.टी.वी कैमरे की जांच की। जिसमें महिला सिर्फ एक बच्चे शनि उम्र 7 वर्ष के साथ जाती दिखाई दी। इस बीच कोतवाली से लगभग दो-दो आरक्षियों की 10 टीम बनाकर व सभी चौकी इंचार्जों को क्षेत्र में बच्चों को ढूंढ़ने के लिए लगा दिया।
पुलिस को तीनों बच्चे लवारिस हालत में बदलापुर पड़ाव पर सड़क किनारे बैठे मिले। इन बच्चों को थाने पर लाकर महिला से पूछताछ की गई। जिसमें महिला ने स्वीकार किया कि तीनों बच्चे बदलापुर पड़ाव पर बस से उतरते ही उससे छूट गए थे। इसने डर के मारे बच्चों के अपहरण की कहानी बनाकर सूचना दी थी।
महिला ने बताया कि उसने बच्चे खो जाने पर अपने पति मनोज से कहा कि किसी ने उनका अपहरण कर लिया है। जिसके बाद मनोज चौहान ने अपने ग्राम प्रधान जयहिंद यादव से मदद मांगी। जयहिंद यादव ने सूचना प्रभारी निरीक्षक कोतवाली संजीव मिश्रा व क्षेत्राधिकारी नगर जितेंद्र दुबे को भी दी। जिसके बाद इस मामले की जांच की गई। पुलिस ने जांच कर महिला के आरोपों को गलत पाया। हालांकि राहत की बात ये है कि पुलिस ने बच्चों को खोज निकाला और उन्हें मां-बाप को सौंप दिया।