भारत को मिली बड़ी कामयाबी, ISI ऑफिसर ने कबूला – ईरान से पकड़ा गया था जाधव
नई दिल्ली – पाकिस्तान शुरू से ही जाधव को कभी रॉ का एजेंट तो कभी आतंकवादी बताता रहा है। पाकिस्तान ने भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को ईरान से पकड़ा था, जिसका खुलासा पाक इंटेलिजेंस एजेंसी आईएसआई के ऑफिसर अमजद शोएब ने किया है। शोएब ने कहा है कि इंडियन नेवी के रिटायर्ड ऑफिसर जाधव को पाकिस्तान में नहीं बल्कि ईरान से पकड़ा गया था। नापाक पाक द्वारा फांसी की सजा दिए जाने पर कुलभूषण जाधव के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए उनकी फांसी की सजा पर रोक लगा दी है। ISI officer on kulbhshan jadav.
आईसीजे ने रोकी जाधव की फांसी की सजा –
इसके बाद कोर्ट ने अपना अंतिम फैसला नहीं दिया है। ऐसे में शोएब का बयान अगर भारत के पक्ष में पड़ जाये तो एक बड़ी कामयाबी मिल सकती है। आपको बता दें कि शोएब रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल हैं। भारत शोएब के इस दावे के बारे में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में जिक्र कर सकता है। गौरतलब है कि आईसीजे ने जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाई है।
जाधव को पाक के मिलिट्री कोर्ट में जासूसी के आरोप में फांसी की सजा सुनाई गई है। जाधव को पाकिस्तानी जेल में बंद हुए एक वर्ष से ज्यादा हो गया है। पाकिस्तान का दावा है कि उसके सुरक्षा बलों ने जाधव को बलूचिस्तान से 3 मार्च को ईरान के रास्ते पाकिस्तान में दाखिल होते समय पकड़ा था। जबकि भारत का कहना है कि जाधव इंडियन नेवी से रिटायर होने के बाद ईरान में बिजनेस कर रहे थे।
पाक ने की जल्द सुनवाई की अपील –
पाकिस्तान ने एक नई चाल चलते हुए जाधव मामले में आईसीजे से अपील की है कि वह जल्द सुनवाई करे। दरअसल, पाकिस्तान में जाधव मसले पर हार के बाद सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। आईसीजे ने कहा है कि वह छह हफ्तों बाद इस केस पर दुबारा सुनवाई करेगा। भारत की हाथों मिली करारी हार के बाद नवाज शरीफ और उनकी सरकार को विपक्ष और मीडिया का विरोध झेलना पड़ा रहा है।
आपको बता दें कि अगर पाकिस्तान आईसीजे के फैसले को मानने से इंकार करता है तो भारत के पास इस मामले को सुरक्षा परिषद के समक्ष रखने का अधिकार है। लेकिन, यदि सुरक्षा परिषद द्वारा हस्तक्षेप से इंकार किया जाता है तो भारत के पास सिर्फ अपने अधिकार क्षेत्र के तहत कुछ फैसले लेने होंगे। भारत को पाकिस्तान के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों पर फिर से विचार करना होगा।