Proud Moment: पिता चराते हैं भेड़-बकरियां, 8 बेटियां बन गई नेशनल प्लेयर, 5 हैं पुलिस कांस्टेबल
आज के जमाने में लड़का और लड़की दोनों ही बराबर होते हैं। लड़कियां अब हर फील्ड में काम कर देश और परिवार का नाम रोशन कर रही है। वह भी लड़कों से कम नहीं है। बल्कि कुछ मामलों में लकड़ों से भी ज्यादा टेलेंटेड है। अब के राजस्थान (Rajasthan) के चुरू (Churu) जिले के एक गांव की इन 8 लड़कियों को ही ले लीजिए। ये आठों लड़कियां एक ही परिवार की बेटियां हैं और सभी की सभी नेशनल प्लेयर हैं।
दिलचस्प बात ये है कि इस मुकाम तक पहुँचने के लिए इन्हें कोई सुख सुविधा या प्रशिक्षण को कोई आर्थिक सहायता नहीं मिली है। बल्कि इनके पिता तो चरवाहा है। ये आठों लड़कियां एक ही परिवार के तीन भाइयों की बेटियां हैं जो कि चौधरी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। एथलेटिक्स में अपनी पहचान बनाने वाली इन लड़कियों ने अपने खेत को ही खेल का मैदान बना लिया था। इसके बाद अपनी मेहनत और हुनर के दम पर परिवार व गांव का नाम रौशन कर दिया।
गांव के लोग अपने इलाके की इन बेटियों पर गर्व महसूस करते हैं। इन लड़कियों ने एथेलेटिक्स में नाम कमाकर गांव की बाकी लड़कियों का भी मनोबल बढ़ाया है। वर्तमान में ये लड़कियां सरकारी नौकरी कर समाजसेवा कर रही हैं। तो चलिए एक एक कर हम आपको इन प्रेरणादायक लड़कियों से मिलाते हैं।
सरोज: 30 गोल्ड मेडल जीत किया गांव का नाम रौशन
नेशनल प्लेयर सरोज देवकरण चौधरी (Devkaran Chaudhary) की बेटी है। उनके पिता भेड़-बकरियां चराते हैं और साथ में खेती भी करते हैं। सरोज पोस्ट ग्रेजुएट हैं। वे राजस्थान में बतौर पुलिस कांस्टेबल काम कर लोगों की मदद करती हैं। इन्होंने स्टेट लेवल के कम्पटीशन में 30 से अधिक गोल्ड मेडल अपने नाम किए हैं। वह पिछले दस वर्षों से खेलों में एक्टिव हैं।
सुमन: नेशनल लेवल एथलेटिक्स
देवकरण चौधरी की दूसरी बेटी का नाम सुमन चौधरी (Suman Chaudhary) है। वह सरोज से उम्र में बड़ी हैं। वे एक एमए पासआउट हैं। वे नेशनल लेवल तक एथलेटिक्स में अपना टेलेंट दिखा चुकी हैं।
कमलेश: पुलिस कांस्टेबल एंड 6 टाइम्स स्टेट लेवल मेडल विनर
देवकरण चौधरी की तीसरी बेटी का नाम कमलेश चौधरी (Kamlesh Chaudhary) है। वह एक ग्रेजुएट हैं। वे स्टेट और नेशनल लेवल की खिलाड़ी रह चुकी हैं। स्टेट लेवल पर उन्होंने 6 बार मेडल अपने नाम कर फैमिली का सिर गर्व से ऊंचा किया है। फिलहाल वे बतौर पुलिस कांस्टेबल समाज को अपनी सेवाएं दे रही हैं।
कैलाश कुमारी: सीआईडी सीबी में कांस्टेबल
नेशनल प्लेयर कैलाश (kailash) शिशुपाल चौधरी (Shishupal Chaudhary) की बेटी है। वह एक ग्रेजुएट हैं। अपनी बहनों की तरह वे भी नेशनल लेवल तक खेल चुकी हैं। फिलहाल वे सीआईडी सीबी में कांस्टेबल हैं।
सुदेश: स्टेट लेवल प्लेयर और पुलिस कांस्टेबल
शिशुपाल चौधरी की दूसरी बेटी का नाम सुदेश (Sudesh) है। अपनी बहनों की तरह उनका पेशन भी खेल है। वे स्टेट लेवल पर एथलेटिक्स के कम्पटीशन में भाग ले चुकी हैं। फिलहाल वे बतौर पुलिस कांस्टेबल अपना कार्यभार संभाल रही हैं।
निशा: 20 मेडल जीतने वाली
शिशुपाल चौधरी की तीसरी बेटी का नाम निशा (Nisha) है। वह एक स्नातक उपाधि पात्र लड़की हैं। वे नेशनल लेवल की प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले चुकी हैं। वहीं राज्य स्तर पर उन्होंने 20 मेडल अपने नाम कर परिवार का नाम रौशन किया है।
पूजा: 5 मेडल विजेता
शिशुपाल (Shishupal) चौधरी की बेटी पूजा (Pooja) एक ग्रेजुएट हैं। वे स्टेट लेवल तक खेल चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने 5 मेडल अपने नाम कर परिवार और गांव का नाम रौशन किया।
सुमित्रा: आरएसी में कांस्टेबल और 2 मेडल विनर
रामस्वरूप (Ramsawarup) चौधरी की बेटी सुमित्रा (Sumitra) एक बीएड पास है। वह स्टेल लेवल प्लेयर हैं। उन्होंने दो मेडल अपने नाम किए हैं। फिलहाल वे आरएसी में बतौर कांस्टेबल काम कर रही हैं।
यह सभी लड़कियां अपनी मेहनत के दम पर यहां तक पहुंची हैं। कम संसाधनों में भी कैसे अपने सपनों को पुरा किया जाता है यह इनसे सीखा जा सकता है।