दुनिया भर के मुसलमानों का सबसे धार्मिक स्थल है काबा। मुसलमानों की पुस्तिका कुरान में बताया गया है कि हर इस्लाम मानने वाले व्यक्ति को अपनी जिंदगी में कम से कम एक बार मक्का की यात्रा जरुर करनी चाहिए। मक्का में ही काबा स्थित है। काबा खुदा का घर माना जाता है। कहते हैं काबा जहां पर बना है वह पृथ्वी का केन्द्र बिन्दु है। इस्लामिक विषयों के जानकर रामीश सिद्दीकी काबा के बारे में बात करते हुए कई और रहस्य से पर्दे उठा रहे हैं।
ईस्लामिक विषयों के जानकार रामीश सिद्दीकी बताते हैं कि मक्का में आज हज यात्री जिस काबे की तवाफ करते हैं वह अपने शुरुआती दिनों में वैसा नहीं था जैसा आज दिखता है। हजरत इब्राहिम ने इसे कुछ और शक्लो सूरत में बनाया था।
हदीस में बताया गया है कि जब खुदा के कहने पर हजरत इब्राहिम और उनके बेटे ईस्माइल ने खुदा का घर बनवाया तो वह आयताकार था। लेकिन काबे का कई बार पुनर्निर्माण हुआ और इस क्रम में इसका आकार बदलकर वर्गकार हो गया है।
हदीस में भी एक जिक्र है कि मुहम्मद साहब अपनी बीबी से कहते हैं कि वह काबे को वही शक्ल देना चाहते हैं जिस शक्ल में हजरत इब्राहिम ने उसे बनाया था। लेकिन उन्होंने अपने दिल की बात इसलिए नहीं मानी क्योंकि लोग अब काबे की उसी बनवट में विश्वास रखने लगे थे जैसा वह आज दिखता है।
काबे की बनावट में बदलाव के बाद आइए जानें इसके निर्माण के पीछे की कहानी।
खुदा ने जब हजरत इब्राहिम से उनके बेटे की कुर्बानी मांगी और उन्होंने बिना हिचके कुर्बानी दे दी हलांकि खुदा ने उनके बेटे की जगह जानवर को बदल दिया था इसलिए उनके बेटे की कुर्बानी नहीं हुई। खुदा ने इब्राहिम और ईस्माइल को अपना पैगंबर बना लिया और उनसे अपने लिए एक घर बनाने का हुक्म दिया।
खुदा का हुक्म मानकर हजरत इब्राहिम और ईस्माइल ने खुदा के जिस घर का निर्माण करवाया वह काबा कहलाया।