पिता थे कूली फिर भी नहीं मानी हार, स्कूटर पर इडली-डोसा बेच खड़ी कर दी 100 करोड़ की कंपनी
Inspirational Story of id fresh owner PC Mustafa
एक असली बिजनेसमैन वह होता है जो छोटी मोटी चीजों और कम संसाधनों से भी करोड़ों कमा लेता है। जब आपके पास लाखों की पूंजी हो तो उससे व्यापार करना कोई बड़ी बात नहीं होती है। असली टेलेंट तो तब दिखता है जब आप कमजोर आर्थिक स्थिति और विषम परिस्थितियों में भी अपने बिजनेस को ऊंचाइयों तक ले जाते हैं। अब इडली डोसे बेच 100 करोड़ की कंपनी खड़ी करने वाले इस कुली के बेटे पीसी मुस्तफा (PC Mustafa) को ही देख लीजिए।
वायनाड के एक गांव चेन्नालोडे में जन्मे मुस्तफा के पिता एक कूली थे। उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने की वजह से मुस्तफा की पढ़ाई लिखाई में भी काफी दिक्कतें आई। जब वे स्कूल से घर आते थे तो पिता की कॉफी के बाग में मजदूरी करने में मदद करते थे। काम के चलते वे पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पाते थे। इस कारण 6वीं क्लास में फेल भी हो गए। हालांकि अपनी इस असफलता से वे निराश हुए और उन्होंने मेहनत कर हालात बदलने की ठान ली। नतीजा ये हुआ कि 10वीं की परीक्षा में वे क्लास में प्रथम आए।
इस सफलता ने उन्हें एहसास कराया कि लाइफ में एजुकेशन कितनी जरूरी है। मेहनत के दम पर उन्होंने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर साइंस में एडमिशन लिया। उनकी मेहनत रंग लाई और अमेरिका के एक भारतीय स्टार्टअप मैनहैट्टन एसोसिएट्स में उन्हें जॉब मिल गई। नौकरी मिलने के बाद उनकी लाइफ ट्रेक पर आने लगी, हालांकि उन्हें मन की संतुष्टि नहीं मिल पाई। उनके अंदर कुछ बड़ा करने की चाह थी। इसके चलते उन्होंने कई सेक्टर्स में काम किया।
मन लायक काम न मिलने पर वे 2003 में भारत लौट आए। उनके इस फैसले की कई लोगों ने आलोचना भी की, हालांकि मुस्तफा को अपने हुनर पर यकीन था। वे हमेशा से कुछ नया करना चाहते थे। ऐसे में उनके दिमाग में रेडी टू ईट फूड आइटम्स बेचने का आइडिया आया। इसकी शुरुआत उन्होंने स्कूटर पर इडली डोसे बनाने में जरूरी मिश्रण का सामान बेचकर की। पहले दिन उन्होंने 5,000 किलो चावल से 15,000 किलोग्राम इडली का मिश्रण तैयार किया था। उन्होंने महज 50000 रुपए निवेश कर 2005 में ‘आईडी फ्रेश’ कंपनी शुरुआत की। हालांकि इस कंपनी की आधिकारिक शुरुआत 2010 से भी मानी जाती है।
बता दें कि करोड़ों के टर्नओवर वाली ‘आईडी फ्रेश’ कंपनी वर्तमान में ‘रेडी टू ईट’ फूड आइटम्स बेचती है। इस कंपनी के इडली, डोसे और अन्य चीजों के रेडी टू ईट बेटर कई फूड मॉल और दुकानों में मिलते हैं। एक जमाना था जब . मुस्तफा की कंपनी एक दिन में सिर्फ 100 पैकेट ही बेच पाती थी। लेकिन अब वह एक दिन में 50000 से ज्यादा पैकेट बचती है। इस कंपनी के माध्यम से मुस्तफा ने 650 लोगों को रोजगार भी दिया है। उनकी कंपनी ग्रामीणों को रोजगार देने पर ज्यादा फोकस करती है।
2015-2016 में पीसी मुस्तफा की कंपनी का सालाना टर्नओवर 100 करोड़ था। वहीं साल 2017-1018 में यह बढ़ कर 182 करोड़ एवं 2019-2020 में 350-400 करोड़ जा पहुंचा। अब 48 वर्षीय मुस्तफा भारत के बाद दुबई में भी अपनी कंपनी को फेमस करने का प्लान बना रहे हैं।
तो आप ने देखा कैसे एक कुली के बेटे ने ईडली डोसे जैसे आम नाश्ते को बेच कर करोड़ों की कंपनी खड़ी कर ली। उम्मीद है कि आप ने भी इससे प्रेरणा ली होगी।