यह जगह कहलाती है ‘भारत का स्विट्जरलैंड’। घूमने का रखते हैं शौक़ तो यहां एक बार अवश्य जाएं…
भारत का मिनी स्विट्जरलैंड, जहां की खूबसूरती के हैं दीवाने लोग। आप भी देखें तस्वीरें...
उत्तराखंड की वादियां पर्यटकों को काफ़ी लुभाती है। पहाड़ों से आच्छादित इस राज्य में घूमने के लिए एक से बढ़कर एक जगह है। मालूम हो कि यह प्रदेश सिर्फ़ पहाड़ों से आच्छादित नहीं, बल्कि हमारे सनातन धर्म की कई विरासतों को समेटे हुए है। ऐसे में इस राज्य का भ्रमण करना अलग ही प्रकार के आनंद की अनुभूति कराता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, बड़े-बड़े पहाड़ व शांत वातावरण किसी का भी मन आसानी से जीत सकते हैं। ऐसे में अगर आप हालिया दौर में कहीं घूमने जाने के बारे में सोच रहें है तो आपके लिए “भारत का स्विट्जरलैंड” घूमना काफ़ी रोमांचकारी हो सकता है। अब आप सोच में पड़ रहे होंगे कि यह कहाँ है। तो चलिए देर किस बात की। बताते हैं हम आपको भारत के स्विट्जरलैंड के बारे में।
वैसे भी अब कोरोना की दूसरी लहर कमज़ोर पड़ चुकी है। ऐसे में जो भी घर में बैठे-बैठे बोर हो गए हो और घूमने का शौक़ रखते हो। वे आगामी दिनों में उत्तराखंड के मुख्य पर्यटक स्थल कौसानी जा सकते हैं। इसकी खूबसूरती को देखते हुए इसे ही “भारत का स्विटजरलैंड” कहा जाता है। चलिए आज हम आपको कौसानी की मशहूर जगहों के बारे में बताते हैं…
ग्वालदम…
ग्वालदम एक खूबसूरत पहाड़ी क्षेत्र है जो गढ़वाल और कुमाऊं के बीच बसा है। ये चारों ओर से कई जंगलों से घिरा हुआ है। इसके साथ ही ग्वालदम में कई छोटी-छोटी झीले बनी हुई है। आप यहां पर प्राकृतिक नजारों के साथ नंदादेवी और त्रिशूल जैसी चोटियों का नजारा देख सकते हैं।
रुद्रधारी फाल्स…
रुद्रधारी फाल्स कौसानी से करीब 12 किमी की दूरी पर स्थित है। ट्रैकिंग के शौकीन लोगों के लिए यह जगह एकदम परफेक्ट मानी गई है। यहां पर आप कई प्राचीन गुफाएं देखने के साथ उसके रहस्यों को जान सकते है। रुद्रधारी फाल्स में खूबसूरत झरने के पास एक प्राचीन सोमेश्वर मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है।
कौसानी टी एस्टेट…
अगर आप खूबसूरत वादियों का मजा लेना चाहते हैं तो कौसानी टी एस्टेट में भी जा सकते हैं। यहां पर आपको प्राकृतिक नजारों का आनंद उठाने का मौका मिलेगा। चाय प्रेमियों को यह बाग बेहद ही पसंद आएगा। आप यहां की अनोखी चाय का स्वाद भी ले सकते हैं।
बैजनाथ…
वहीं बैजनाथ, कौसानी से करीब 20 किमी की दूरी पर स्थित है। यह प्राचीन मंदिरों से भरा धार्मिक स्थल है। सालभर दूर-दूर से लोग यहां पर दर्शन करने आते हैं। बता दें, एक समय में यह ‘शहद कत्युरी राजवंश’ की राजधानी के रूप में मशहूर था।
सुमित्रानंदन पंत संग्रहालय…
साहित्य प्रेमी कौसानी में सुमित्रानंदन पंत संग्रहालय देखने जा सकते हैं। यह एक कलात्मक जगह है जो हिंदी साहित्य के प्रसिद्ध कवि सुमित्रानंदन पंत को समर्पित है। बता दें, सुमित्रानंदन पंत का जन्म कौसानी में ही हुआ था। इस संग्रहालय में उनकी कविताओं की पांडुलिपि, साहित्यिक कृतियां आदि है। हर साल उनकी जयंती पर यहां काव्य चर्चा का आयोजन भी होता है।
गांधी जी का चर्चित आश्रम…
कौसानी के आश्रम भी चर्चा में हैं। अनासक्ति आश्रम को ही गांधी आश्रम के नाम से जानते हैं। बताया जाता है कि 1929 के आसपास महात्मा गांधी आश्रम में दो हफ्ते रहे थे। इसी दौरान, उन्होंने ‘अनासक्ति योग’ पर एक किताब लिखी थी। आश्रम के एक हिस्से में म्यूजियम भी है। यहां पुरानी तस्वीरें और चरखा समेत तमाम यादगार वस्तुएं हैं। महात्मा गांधी के बारे में और भी कई जानकारियां यहां संग्रहित हैं।
विभिन्न चित्रों को देखकर आप भी समझ ही गए होंगे कि क्यों कौसानी को ‘भारत का स्विट्जरलैंड’ कहा जाता। फिर भी बता दें कि उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में 6075 फुट से ज्यादा की ऊंचाई पर बसा है खूबसूरत हिल स्टेशन कौसानी। दिलकश नज़ारों के चलते ही इस जगह को भारत का स्विट्जरलैंड कहा जाता है। कहीं-कहीं इसे कुमाऊं का स्वर्ग भी कहते हैं। इतना ही नहीं कौसानी पहुंचकर आपको हिमालय की चोटियों का 350 किलोमीटर फैला नज़ारा एक ही जगह से देखने का मौका मिलता है। पहाड़ों से नीचे झांके तो कटौरी घाटी और गोमती नदी मन मोह लेती है। कौसानी पिंगनाथ चोटी पर बसा है। यहीं से नंदा देवी पर्वत की चोटी को करीब से देखा जा सकता है। इन खूबसूरत नजारों से रूबरू होने के लिए ही देश-दुनिया से टूरिस्ट कौसानी खिंचे चले आते हैं।