विंग कमांडर अभिनंदन इकलौते पायलट जिन्होंने MIG21 से F16 को मार गिराया, जानें इनकी कुछ ख़ास बातें
विंग कमांडर अभिनंदन से जुड़ीं कुछ ख़ास बातें, क्या आपको है पता? नहीं पता तो अब जान लीजिए...
भारतीय वायुसेना में अभी तक कई कमांडर हुए, लेकिन उनमें से अभिनंदन ही शायद एकमात्र हैं। जिन्होंने पाकिस्तान के एफ- 16 (F-16) अडवांस्ड फ़ाइटर जेट को अपने मिग-21 (MIG-21) से मार गिराया। ऐसे में वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान की जांबाजी का पूरा देश कायल हो गया।
यदि वे मिग-21 से यह बहादुरी का कारनामा नहीं कर दिखाते तो भारतीय सेना को बहुत बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता था, लेकिन इस जांबाज़ ने ऐसा कारनामा कर दिखाया। जिसकी उम्मीद पूरे देश को थी। लेकिन बदक़िस्मती से विंग कमांडर अभिनंदन इस फ़ाइट के बाद पाकिस्तान में क्रैश लैंडिग के शिकार हो गए। जिसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, इमरान ख़ान ने विंग कमांडर को भारत के हवाले करने का निर्णय लिया और 1 मार्च, 2019 को विंग कमांडर वर्धमान को भारत को सौंप दिया।
देश वापसी पर अभिनंदन वर्धमान का ख़ूब स्वागत- सत्कार किया गया। जिसके वे हकदार भी थी। आइए ऐसे में जानते है अभिनंदन वर्धमान से जुड़ी कुछ ऐसी बातें जो हर एक सच्चे भारतीय को पता होनी चाहिए…
2004 में बनें फ़ाइटर पायलट…
विंग कमांडर वर्धमान नेशनल डिफ़ेंस अकेडमी (NDA) से ग्रेजुएट हैं। 2004 में बतौर फ़ाइटर पायलट कमिशन्ड हुए। 15 साल की सफ़ल सर्विस के बाद उन्हें विंग कमांडर बनाया गया और MIG-21 Bison उड़ाने की ज़िम्मेदारी दी गई।
अभिनंदन के पिता भी वायुसेना से जुड़े थे…
विंग कमांडर के पिता भी भारतीय वायुसेना से जुड़े थे। उन्होंने बतौर इस्टर्न एयर कमांड चीफ़ सेवाएं दी और सेवानिवृत्त हुए। विंग कमांडर वर्धमान की पत्नी, तन्वी मरवाह रिटायर्ड IAF स्क्वाड्रन लीडर हैं (Abhinandan Varthaman Wife) और उनके भाई भी भारतीय वायुसेना में हैं।
इकलौते पायलट जिन्होंने MiG-21 से F-16 को मार गिराया…
पाकिस्तान के अडवांस्ड F-16 फ़ाइटर प्लेन को MIG-21 बिसन से मार गिराने वाले इकलौते पायलट हैं विंग कमांडर वर्धमान। F-16 बनाने वाले Lockheed Martin भी ये ख़बर सुन कर चौंक गए थे। F-16 एक फोर्थ जेनेरेशन एयरक्राफ़्ट है, वहीं MIG-21 एक सेकंड जेनेरेशन एयरक्राफ़्ट।
वीर चक्र से हुए सम्मानित…
15 अगस्त, 2019 को विंग कमांडर वर्धमान को वीर चक्र से सम्मानित किया गया था।
पाकिस्तान के हाथ से बचकर आएं वापस…
विंग कमांडर उन वीरों में से एक हैं। जो पाकिस्तान के कब्ज़े में होने के बावजूद सुरक्षित लौट आएं। 1 मार्च, 2019 को पाकिस्तान ने विंग कमांडर वर्धमान को भारत को वापस कर दिया था।
यह सिर्फ़ संयोग या कुछ और…
यह एक महज संयोग है कि विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के पिता, एयर मार्शल एस वर्धमान, मणि रत्नम की फिल्म ‘कात्रु वेलियिदाई’ में सलाहकार थे। यह फिल्म भारतीय वायुसेना के पाकिस्तान में पकड़े जाने पर ही आधारित है। फिल्म में साल 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के स्वाक्ड्रन लीडर वरुण चक्रपाणी दुश्मन के इलाके में पहुंचते हैं और उनके फाइटर जेट को नीचे गिरा दिया जाता है। रावलपिंडी में पाकिस्तानी सेना उन्हें पकड़ लेती है। उन्हें युद्ध कैदी के तौर पर पकड़ा जाता है और यातनाएं दी जाती हैं।
15 वर्ष के करियर में 2 बार हुए प्रमोट…
अपने 15 सालों के करियर में वे दो बार प्रमोट हो चुके हैं। पहले उन्हें एक निपुण सुखोई- 30 फाइटर पायलट का खिताब मिला। बाद में उनके युद्ध कौशल को देखते हुए विंग कमांडर के तौर पर प्रमोट किया गया। इसके बाद उन्हें मिग- 21 बिसन सौंप दिया गया।
आख़िर में जानकारी के लिए बता दें कि नौशेरा सेक्टर में जब 27 फरवरी 2019 को पाकिस्तान के लड़ाकू विमान घुसे तो उस समय पेट्रोलिंग कर रहे भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान ने तुरंत एक्शन लिया और शत्रु विमानों को अपने मिग- 21 विमान से खदेड़ने निकल पड़े। उन्होंने इसकी भी परवाह नहीं की कि उनके मुकाबला एफ- 16 विमानों से है जो कि मिग- 21 से कहीं ज्यादा उन्नत हैं, लेक़िन हौसलें बुलंद हो तो फिर सबकुछ संभव है और वर्धमान ने वह करके भी दिखाया।