पश्चिम बंगाल में कश्मीर जैसे हालात : वामपंथी बने पत्थरबाज, पुलिसवालों को बेरहमी से पीटा!
नई दिल्ली – पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी की तानाशाही के चलते वहां के हालात दिनोदिन कश्मीर जैसे होते जा रहे हैं। आलम यह है कि कश्मीर के जैसे वहां के वामपंथी भी अब पुलिस वालों पर पत्थर बरसाने लगे हैं और उन्हें बीच सड़क पर मारने लगे हैं। सोमवार को सेंट्रल कोलकाता में ही ऐसा कुछ देखने को मिला। कश्मीर के जैसे ही यहां पर पत्थरबाजी, आंसू गैस के गोले छोड़ने और लाठीचार्ज हुआ। कल कुछ वामपंथियों ने प्रदर्शन के दौरान सड़क के चौराहे पर एक पुलिस अफसर को पकड़ लिया और उसे बांस के डंडों से बेरहमी से पीटा। left protesters beaten police.
पुलिसकर्मी को बीच सड़क पर पीटा –
टेलीग्राफ की खबर के मुताबिक वामपंथियों ने जिस पुलिस वाले को बेरहमी से पीटा है उसकी पहचान बोद्धिसत्व प्रमाणिक के तौर पर हुई, जो की बुर्राबाजार पुलिस थाने में ऑफिसर हैं। बोद्धिसत्व की दो अंगुलियों में फ्रैक्चर और नाक व माथे पर सूजन है। प्रदर्शनकारियों से मुठभेड़ के दौरान बोद्धिसत्व के हेलमेट का सनसाइड टूट गया था। प्रदर्शनकारियों के साथ मुठभेड़ के दौरान वो अपने दल से अलग हो गए थे, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों ने उन्हें घेरकर बेरहमी से मारा।
पुलिसकर्मी से मारपीट के इस मामले के अलावा, पुलिसवालों ने भी एक न्यूज चैनल के फोटोजर्नलिस्ट इंद्रनील भदूरी पर लाठीचार्ज किया और इस फोटोजर्नलिस्ट के मुंह पर मुक्के मारे गये। इस बारे में भदूरी ने बताया कि मैं लाइव प्रोग्राम कर रहा था तभी कुछ पुलिसवालों ने मुझे मुक्कों से मारा जिससे मेरा चश्मा भी टूट गया।
ममता के खिलाफ चल रहा है वामपंथी आंदोलन –
सोमवार को सीपीएम और कुछ अन्य वामपंथियों दलों ने तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी सरकार की किसान विरोधी नीतियों का जमकर विरोध किया और प्रदर्शन किया। ममता सरकार की ओर से इस भीड़ पर काबू पाने के लिए पुलिस को लाठी चार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने का आदेश मिला था। पुलिस ने सीपीएम के सुजान चक्रवर्ती, अशोक भट्टाचार्य और तन्मय भट्टाचार्य को गिरफ्तार कर लिया।
भीड़ के उग्र स्वभाव को देखते हुए सेंट्रल कोलकाता में अतिरिक्त दो हजार पुलिस वाले तैनात किए गये। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक वामपंथी दलों ने राज्य के सचिवालय भवन के बाहर चार लाख कार्यकर्ताओं को इकट्ठा होने के लिए बुलाया था। सीपीएम ने ट्विटर के जरिए ट्वीट करते हुए लिखा कि कोलकाता की सड़कों पर लाखों कार्यकर्ता अपने लोकतांत्रिक अधिकार के लिए उतर रहे हैं।