हमारा सनातन धर्म कुछ रीति-रिवाज़ और प्रचलित मान्यताओं के अनुसार चलता है। इस धर्म में कई ऐसे दिशा-निर्देश है। जिनका पालन करते हुए एक व्यवस्थित जीवनयापन किया जा सकता है। यह तो सभी को पता है कि हमारा सनातन धर्म जन्म-मरण के बाद की भी बात करता है। जिसके अनुसार यदि मनुष्य उन सभी बातों को नहीं मानता है तो मृत्यु के बाद उसे बहुत तकलीफों का सामना करना पड़ता है। हिंदू धर्म में यह माना जाता है कि पवित्र पुराण, वेद और शास्त्र केवल मनुष्यों को समझाने और परमात्मा से जुड़ी घटनाओं की बात करने के लिए ही नहीं लिखा गया है बल्कि यह उन्हें अच्छे और बुरे कर्मों की शिक्षा देने के लिए भी लिखा गया है।
बता दें कि इन शास्त्रों में कई प्रकार की बातें लिखी हुई है कि कैसे जीवन जीना चाहिए। कैसे किसी व्यक्ति के साथ सम्बंध रखना चाहिए आदि। यह तो सभी को मालूम है कि कोई स्त्री-पुरुष अगर गृहस्थ आश्रम के अंतर्गत जीवनयापन कर रहा है। तो वे सामाजिक बन्धनों के अंतर्गत जीवन जीते है। इतना ही नहीं समाज मे रहते हुए स्त्री और पुरुष दोनो सहवास भी करते है, लेकिन शास्त्रों में कड़ाई से बताया गया है कि किस प्रकार की विपरीत लिंग के साथ यौन सम्बन्ध बनाया जाना चाहिए। साथ ही साथ शास्त्रों में कुछ ऐसी महिलाओं के बारे में भी बताया गया है जिनसे कभी भी सम्बन्ध नहीं रखना चाहिए। वरना इंसान पाप का भागी बनता है।
शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि चाहे कोई भी परिस्थिति आ जाएं मनुष्य को उन महिलाओं के साथ यौन सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए (never make sexual relations with these types of women)। तो आइए जानते हैं वह कौन सी महिला है जिनके साथ सम्बन्ध बनाने की शास्त्रों में मनाही की गई है…
1) शास्त्रों में एक पुरुष को यह निर्देश दिया गया है कि वह एक कुंवारी महिला के साथ शादी से पहले उसकी मर्जी से या जबरदस्ती यौन सम्बन्ध नहीं बनाएं। अगर कोई पुरुष इस तरह का काम करता है। तो उसे उस महिला से शादी जरुर करनी चाहिए।
2) किसी भी पुरुष को किसी भी हालत में ऐसी किसी भी महिला से सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए जिसका पति मर गया हो, जब तक कि उससे पुनर्विवाह ना कर लिया जाएं। विधवा के साथ यौन सम्बन्ध बनाने को शास्त्रों में बहुत बड़ा पाप बताया गया है।
3) एक पुरुष को किसी भी ऐसी महिला के साथ जबरदस्ती नहीं करनी चाहिए जिसने स्वयं ब्रह्मचर्य धारण किया हो। पुरुष को ऐसी महिला पर शादी का दबाव या सम्बन्ध बनाने का दबाव नहीं बनाना चाहिए। अगर वह महिला अपनी मर्जी से अपना ब्रम्हचर्य तोडती है तभी उसके साथ सम्बन्ध बनाया जाना चाहिए ना कि जबरदस्ती।
4) मनुष्य को शास्त्रों में इसके लिए भी चेतावनी दी गई है कि उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं अगर वह अपने दोस्त की पत्नी के साथ उसकी मर्जी से या जबरदस्ती यौन सम्बन्ध बनाने की कोशिश करता है। इसके लिए उसे मृत्यु के बाद के जीवन में बहुत यातनाएं झेलनी पड़ सकती हैं।
5) कोई पुरुष कितना भी बहादुर क्यों न हो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। एक पुरुष को अपने शत्रु की पत्नी के साथ किसी भी परिस्थिति में यौन सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए। यह शास्त्रों की नजर में दुर्लभ पापों में से एक है।
6) एक पुरुष को किसी भी हालत में अपने शिष्य या अपने से छोटे व्यक्ति की पत्नी या उसकी प्रेमिका से यौन सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि इसे भी शास्त्रों में एक बहुत बड़ा पाप बताया गया है।
7) एक हिन्दू परिवार में जन्मे पुरुष को किसी भी ऐसी महिला के साथ यौन सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए जो उसके परिवार से ताल्लुक रखती हो। ख़ास तौर पर खून के रिश्तों वाली स्त्री के साथ यौन सम्बन्ध नहीं रखना चाहिए, यह एक अक्षम्य पाप होता है।
8) शास्त्रों में किसी भी ऐसी स्त्री से यौन सम्बन्ध रखने से मन किया गया है जो फायदे के लिए या पैसे लेकर आपको भौतिक सुख देती है। ऐसी स्त्रियों की एक पुरुष को इज्जत करनी चाहिए और उसकी रक्षा करनी चाहिए।
9) किसी भी ऐसी स्त्री जो अपने होश में नहीं है उसका फायदा उठाते हुए उसके साथ यौन सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए। इसके लिए शास्त्रों में कहा गया है की यह एक अक्षम्य पाप है। इससे मनुष्य को बहुत बड़ी सजा मिलती है।
10) एक पुरुष को अपने उम्र से बड़ी महिला को यौन सम्बन्ध बनाने के लिए उसपर जोर नहीं देना चाहिए यह भी पाप का भागीदार बनाता है।
11) गुरु को शास्त्रों में भगवान के सामान बताया गया है। किसी भी पुरुष को भूलकर भी अपने गुरु की पत्नी के साथ यौन सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए चाहे कुछ भी हो जाएं। अगर पुरुष ऐसा काम करता है तो उसे नरक की अग्नि में जलना होता है।
12) किसी भी पुरुष को किसी भी परिस्थिति में अपनी सास के साथ यौन सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए, ऐसा माना जाता है कि सास भी अपनी माँ के सामान होती है। अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो इसका मतलब वह अपनी माँ के साथ कर रहा है। जो दुनियाँ के हर पाप से बढ़कर होता है।
13) वही किसी भी पुरुष को अपनी माँ की बहन यानि अपनी मौसी के साथ किसी भी परिस्थिति में यौन सम्बन्ध नहीं बनाना चाहिए। शास्त्रों में इसे भी बहुत बड़ा पाप माना गया है, क्योंकि मौसी भी माँ के सामान ही होती है।
इसके अलावा भी कई ऐसी महिलाओं के बारे में शास्त्रों में बताया गया है। जिसके साथ सहवास यानी शारीरिक संबंध बनाने की अनुमति हमारे शास्त्र नहीं देते। आशा करते हैं यह रोचक जानकारी आपको कई मायनों में अच्छी लगेगी। यह जानकारी आपको कैसी लगी। हमें कमेंट कर अवश्य बताएं।