क्या ‘नमो’ का जलवा अभी भी कायम है? जानिए, आज चुनाव हुए तो किसकी बनेगी सरकार!
नई दिल्ली – 26 मई 2014 को नरेंद्र मोदी की अगुवाई में एनडीए की सरकार करीब 3 साल पहले केंद्र की सत्ता पर काबिज हुई। 3 साल पूरे होने पर एक तरफ जहां केंद्र सरकार अपने अब तक किए गए कामों का प्रचार करने में लगी है, तो वहीं दूसरी तरफ विपक्ष सरकार की नाकामियों को उजागर करने का दावा कर रहा है। विपक्ष ऐसे दावे कर रहा है कि वह 2019 में ‘नमो’ की सरकार नहीं बनने देगा। इस बीच एक सर्वे हुआ है जिसे देखकर विपक्षी दलों के होश उड़ जायेंगे। इस सर्वे के मुताबिक 2014 की तरह मोदी लहर अभी भी कायम है और अगर आज चुनाव हुए तो केन्द्र में फिर मोदी सरकार बनेगी। nda projected to win 331 seats.
आज चुनाव हुए तो NDA होगी 300 के पार –
एबीपी न्यूज-सीएसडीएस-लोकनीति के सर्वे के अनुसार अगर आज चुनाव होते हैं तो NDA को 331 सीटें मिलेंगी। आपको बता दें कि 2014 में NDA को 335 सीटें मिली थीं। हालांकि, सर्वे के मुताबिक यूपीए को 104 सीटें मिलेंगी जो 2014 से 44 अधिक है। अन्य दलों को 108 सीटें मिल सकती हैं जो कि 2014 की तुलना में 40 कम है। सर्वे से जो अहम बात सामने आई हो वो ये है कि एनडीए के वोट शेयर में 7 फीसदी का इजाफा हुआ है।
बीजेपी के वोट बैंक में इजाफा –
2014 के लोकसभा चुनावों की तुलना में बीजेपी के वोट बैंक में 8% का इजाफा हुआ है। 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को 31 फीसदी वोट मिले थे लेकिन सर्वे के मुताबिक अब ये 39 फीसदी हो गया है, जिसके 2019 तक और बढ़ने की संभावना है। जबकि, बीजेपी की सहयोगी पार्टियों के वोट प्रतिशत में भी एक प्रतिशत का इजाफा हुआ है। सर्वे के अनुसार, कांग्रेस के वोट बैंक में दो फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2014 में कांग्रेस को 19 फीसदी वोट मिले थे लेकिन सर्वे के मुताबिक अभी चुनाव हुए तो कांग्रेस को 21 फीसदी वोट मिलेंगे।
इन राज्यों में फीका पड़ सकता है मोदी का जादू –
सर्वे के मुताबिक पूर्वी भारत में भले ही एनडीए को फायदा मिल रहा हो लेकिन बिहार और झारखंड में उसकी सीटों में कमी हो सकती है। सर्वे में चौकाने वाली बात है कि भ्रष्टाचार के आरोपों के बावजूद लालू यादव को कोई खास नुकसान नहीं होगा। सर्वे के अनुसार यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब जैसे उत्तर भारत के राज्यों में एनडीए को कुछ सीटों का नुकसान होगा। उत्तर भारत में कुल 151 सीटें हैं जिनमें से एनडीए 116 सीटों पर जीत सकती हैं जो 2014 के मुकाबले 15 कम है।