यूपी में धर्मांतरण की साज़िशें हज़ार। उमर गौतम की बेटी ने सामने आकर कही ये बात…
यूपी में धर्मांतरण के लिए विदेश से आते थे पैसे, अब बेटी ने पिता के बचाव में कही ये बात...
धर्मांतरण का मुद्दा हमेशा देश में बहस का ज्वलंत विषय रहा है। इसी बीच यूपी में एक बार फ़िर यह मुद्दा जोर पकड़ रहा है। एक तरफ़ जहां एटीएस की रिमांड पर आए उमर गौतम और जहांगीर आलम ने अपने कारनामों के राज उगलने शुरू कर दिए हैं। साथ ही साथ एटीएस उमर गौतम की अनगिनत विदेश यात्राओं का ब्योरा भी जुटा रही है। वहीं दूसरी ओर उमर गौतम की लड़की अब पिता की बचाव में आगे आई है और उसका कहना है कि, “मेरे पिता मोटिवेशनल स्पीच जरूर देते थे, लेकिन किसी के साथ जोर जबरदस्ती नहीं की गई। जहां तक विदेशी फंडिंग की बात है, तो कुछ करीबी रिश्तेदार ज़कात का पैसा लोगों की मदद के लिए देते थे।”
बता दें कि धर्मांतरण रैकेट (Forceful Conversion Racket) मामले में मुख्य आरोपी उमर गौतम (Umar Gautam) की बेटी ने मीडिया के सामने आकर अपने पिता के पक्ष में सफाई देने की कोशिश की है। मीडिया से बातचीत के दौरान उमर गौतम की बेटी ने कहा कि उनके पिता निर्दोष हैं। वह सिर्फ उन लोगों की डॉक्यूमेंटेशन में मदद करते थे जो अपना धर्म बदलना चाहते थे। इतना ही नहीं उमर गौतम की बेटी ने माना कि मोटिवेशनल भाषण उनके पिता जरूर देते थे, लेकिन किसी के साथ जोर जबरदस्ती नहीं की गई। जहां तक विदेशी फंडिंग की बात है तो कुछ करीबी रिश्तेदार ज़कात का पैसा लोगों की मदद के लिए देते थे।
इतना ही नहीं उमर गौतम की बेटी ने इस बात को भी खारिज कर दिया कि नोएडा के मूक-बधिरों का धर्मांतरण कराया गया। उन्होंने कहा कि सिर्फ ट्रांसलेटर उनको लेकर आए थे। डॉक्यूमेंटेशन एफिडेविट के लिए मदद चाहते थे। मेरे पिता ने कभी उनको कॉल नहीं किया और न ही वह उनके कांटेक्ट में थे।
मीडिया से बातचीत में उमर गौतम की बेटी ने कहा पाकिस्तान से उनके पिता को जोड़ना पूरी तरह से बेबुनियाद है। उनका पाकिस्तान से कोई कनेक्शन नहीं है। मेरे पापा ईमानदार हैं। मेरे पापा लोगों को बताते थे कि इस्लाम धर्म अच्छा धर्म है। लोगों के बीच की गलतफहमी को दूर करते थे। उन्होंने कभी नहीं कहा कि हिंदू मजहब गलत है। उमर की बेटी ने आगे कहा कि, “जहां तक जबरदस्ती धर्मांतरण की बात है तो कभी मेरे पापा ने मेरी मां को धर्म बदलने के लिए नहीं कहा। मेरी मां ने खुद अपनी मर्जी से धर्म बदला। यहां तक कि मुझे नहीं कहा कि बुर्का पहनो। मेरे भाई को नहीं कहा कि दाढ़ी रखो। मेरे पापा ने हम सबको इंसानियत के लिए मोटिवेट किया है।”
लोगों ने मर्जी से क़बूला इस्लाम धर्म…
उमर गौतम की बेटी ने कहा कि, “मेरे घर पर मेरे चाचा और मेरे कजिन आते हैं, लेकिन कभी उन्हें इस्लाम धर्म अपनाने के लिए नहीं कहा। मेरे पापा ने हमेशा इंसानियत और करियर के बारे में बात की है। मुफ्ती जहांगीर और दूसरे लोग धर्म बदलने के लिए आने वाले लोगों को असिस्ट करते थे। मैं सौ से ज्यादा ऐसे लोगों के नाम बता सकती हूं जो कहेंगे कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्लाम धर्म एक्सेप्ट किया है।”
बाइज्जत बरी होंगे मेरे पिता…
उमर गौतम की बेटी ने कहा कि मुझे अफसोस है कि मेरे पापा को गुंडों से जोड़ा जा रहा है। उनको सिर्फ पूछताछ के लिए बुलाया गया था। हमने कहा था आपका विपुल और दूसरे लोगों के साथ कोई कनेक्शन नहीं है। उमर गौतम की बेटी ने कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि अदालत मेरे पापा के हक में फैसला सुनाएगी और वह बाइज्जत बरी हो जाएंगे। मैं उनकी बेटी होने के नाते नहीं बोल रही, बल्कि दूसरे लोग भी यही कहेंगे कि वह एक शरीफ इंसान हैं।
कौन है उमर गौतम…
आरोपी उमर गौतम मूल रूप से फतेहपुर जिले के थरियांव थाना क्षेत्र के पंथुवा गांव का रहने वाला है। गिरफ्तारी की खबर के बाद आरोपी के गांव में हड़कंप मच गया है। पुलिस उमर के गांव पहुंच गई है, जहां उसने जांच भी शुरू कर दी है।
पुलिस ने आरोपी उमर के चेचरे भाई राजू सिंह से भी पूछताछ की है। इसके मुताबिक, आरोपी उमर गौतम ने गांव में ही रहकर हाई स्कूल तक की पढ़ाई की थी। इसके बाद उमर शहर छोड़कर उत्तराखंड के पंतनगर चला गया। फिर बाद में दिल्ली में रहने लगा। सन 1982 में उमर वापस अपने पैतृक गांव पंथुआ आया और गाजीपुर थाना क्षेत्र के खेसहन गांव में छत्रपाल सिंह की बेटी राजेश कुमारी से शादी करने के कुछ दिन बाद ही पत्नी को लेकर वापस दिल्ली चला गया। एक साल बीतने के बाद जब उमर गौतम उर्फ श्याम प्रताप सिंह द्वारा धर्म परिवर्तन करने की जानकारी उसके परिवार वालों को हुई तो वह उससे बहुत नाराज हुए। इसके बाद से उमर साल दो साल में अक्सर गांव आता-जाता रहा, लेकिन उससे ज्यादा कोई लगाव व बातचीत नहीं करता था। उसके धर्म परिवर्तन से परिवार के अलावा गांव का राजपूत समाज भी बहुत खफा था। बता दें कि उमर गौतम, जहांगीर नाम के व्यक्ति के साथ शामिल है। जिनपर कथित तौर पर लगभग 1000 गैर-मुसलमानों को इस्लाम धर्म में शामिल करने के लिए मजबूर करने का आरोप यूपी एटीएस ने लगाया है।