गरुड़ पुराण: जीवन में भूलकर भी न करें ये काम, आत्मा को जाना पड़ता है नर्क, मिलते है ये दंड
गरुड़ पुराण कई महापुराण में से एक है जो व्यक्ति को उसकी मृत्यु के बाद की स्थितियों के बारे में भी बताता है. यह पुराण लोगों को धर्म के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देता है. गरुड़ पुराण में बताया गया है कि मृत्यु के बाद किस तरह से इंसान को उसके कर्मों का हिसाब देना पड़ता है. साथ ही कर्मों के हिसाब से ही उसे स्वर्ग के सुख और नर्क के दुख भोगने को मिलते हैं. साथ ही बताया गया है कि कब आत्मा को दूसरा शरीर मिलता है.
साथ ही ये भी बताया गया है कि किस तरह का पाप करने वाला व्यक्ति किस योनि में जाता है, इन सभी बातों का विवरण भी गरुड़ पुराण में काफी अच्छे से किया गया है. कई कर्मों को गरुड़ पुराण में इतना बड़ा पाप बताया गया है जिसे करने वाले को न सिर्फ नर्क मिलता है बल्कि नर्क की यातनाएं भी झेलनी पड़ती है. आज हम आपको उन्ही कर्मों के बारे में बताने जा रहे है.
गरुण पुराण में भ्रूण, नवजात और गर्भवती की हत्या को घोर पाप माना गया है. ऐसे व्यक्ति की मृत्यु के बाद बहुत दुगर्ति होती है. इसलिए भूलकर भी इस तरह का पाप नहीं करें. इसके साथ ही कभी किसी स्त्री का अपमान नहीं करें. स्त्री की अस्मिता से न खेलें. महाभारत काल में कौरवों ने भी यही गलती की थी और अपना विनाश खुद लिख दिया था. इस तरह के लोगों को जीते हुए धरती पर तो अपयश मिलता ही है. साथ ही मृत्यु के बाद भी उन्हें नर्क की प्रताड़ना से कोई बचा सकता.
हमेशा याद रखें विश्वास बहुत बड़ी चीज होती है और ये सारा संसार विश्वास की नींव पर ही टिका हुआ है. इसलिए कभी किसी का विश्वास नहीं तोड़ें और न ही किसी को धोखा दें. इसके साथ ही कमजोर और गरीब का शोषण करने वालों और उनका मजाक बनाने वालों को भी नर्क में पाप मिलता है. इसलिए किसी की परिस्थिति का मजाक न बनाये. हमेशा लोगों की मदद करें.
घर आए अतिथि का अनादर करना, उसे अपने घर से भूखा ही भेज देना भी पाप की श्रेणी में आता है. इसके साथ ही अपनी खुशी के लिए दूसरों के सुख को छीन लेने वाला भी अपराधी बताया गया है. किसी भी धर्म ग्रन्थ को छोटा समझना, पूजा तीर्थ और दैवीय स्थानों का मजाक आदि बनाना भी घोर पाप की श्रेणी में आता है. ऐसा करने वालों को भी नर्क में दंड मिलता है.
इसके साथ ही भगवान की सेवा करने वाले लोगों को मांस का सेवन और मांस की बिक्री से दूर ही रहना चाहिए. जानवरों की बलि देना और प्रकृति को नुकसान पहुंचाना भी पाप है. ऐसा कभी नहीं करना चाहिए. आपको बता दें कि हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण को 18 महापुराण में से एक माना जाता है. गरुड़ पुराण में लोक और परलोक के बारे में कई तरह की अहम् जानकारी दी गई है. यहाँ तक की इस पुराण में मृत्यु के बाद की स्थितियों का भी वर्णन भी मिलता है. गरुण पुराण सर्वसाधारण को धर्म के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देती हैं.