आरएसएस नहीं होती तो आज पंजाब और कश्मीर होते पाकिस्तान के कब्जे में: योगी आदित्यनाथ!
आज के समय में भारत कई समूहों में बंट गया हैं। राजनीतिक विचारधारा की बात की जाये या किसी अन्य चीज की हर किसी के विचार अलग-अलग है। कुछ लोग आरएसएस का जमकर विरोध करते हैं तो वहीं कुछ लोग इसका समर्थन करते हैं। जो लोग विरोध करते हैं, उनका कहना है कि आरएसएस धार्मिक कट्टरता वाला संगठन है। यह धर्म का प्रचार करता है और अन्य धर्मों के मानने वालों से नफरत करता है।
पहली बार संघ के पक्ष में खुलकर बोले योगी:
वहीं आरएसएस का कहना है कि वह भारत की संस्कृति बचाने के लिए काम करता हैं। लोगों से धार्मिक सद्भावना बढ़ाने का काम किया जाता है। अभी हाल ही में संघ के आलोचकों का मुंह चुप कराने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संघ के पक्ष में बोला। उन्होंने कहा कि अगर भारत में आरएसएस नहीं होती तो आज पंजाब और कश्मीर पाकिस्तान के कब्जे में होते।
योगी आदित्यनाथ ने संघ के पक्ष में बोलते हुए कहा कि आरएसएस दुनिया का इकलौता ऐसा संगठन है जो सरकार से किसी प्रकार की मदद नहीं लेता है, जबकि उल्टा हर बार विपक्ष ने निशाने पर सबसे पहले आरएसएस ही होता है। प्राप्त जानकारी के अनुसार योगी ने यह विधानसभा में उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव की चर्चा के जवाब में कहा।
आरएसएस का नहीं है किसी राजनीतिक पार्टी से लेना देना:
योगी ने कहा कि अगर भारत में आरएसएस और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी नहीं होते तो आज पक्षिम बंगाल पंजाब और कश्मीर पाकिस्तान के कब्जे में नहीं होते। ऐसे में इस संगठन को बार-बार बदनाम करना गलत है, इसका राजनीतिक पार्टी से कोई लेना देना नहीं है। योगी ने अपने उद्बोधन के दौरान कहा कि देश के कुछ लोग राष्ट्रगीत को साम्प्रदायिकता से जोड़कर देखते हैं।
आरएसएस की ही देन है कि आज भी स्कूलों में लोग राष्ट्रगीत गाते हैं, वरना लोग इसे कब का भूल गए होते। उन्होंने यह भी बताया कि 64,000 शैक्षणिक संस्थान आरएसएस द्वारा चलाये जाते हैं। आपको बता दें कि विधानसभा में राम नाइक के अभिभाषण के दौरान विपक्ष ने जमकर विरोध और हंगामा किया साथ में कागज के गोले भी फेंके। इसके पलटवार में योगी सामने आये और विधानसभा में कागज के गोले फेंके जाने पर विपक्ष की कड़ी आलोचना की और आड़े हाथों लिया।