रक्षामंत्री जेटली: कहां से होती है अलगाववादियों को फंडिंग, इसे रोकने के लिए एजेंसियां कर रही हैं जांच!
कश्मीर में अलगाववादियों की सबसे बड़ी समस्या है। घाटी का माहौल बिगाड़ने में अलगाववादियों का सबसे बड़ा हाथ है। इन्ही की वजह से वहां हिंसा का माहौल बना हुआ है। आए दिन वहां के लोगों को उनकी वजह से मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। केवल यही नहीं अलगाववादियों ने ही कश्मीर के युवाओं को बहला-फुसलाकर उनसे पत्थरबाजी का भी काम करवाते हैं।
अलगाववादी करवाते हैं युवाओं से पत्थरबाजी:
अलगाववादियों ने सेना की नाक में दम कर दिया है। आये दिन सेना पर पत्थरबाजी करवाई जाती है, ताकि सेना परेशान होकर उन्हें अकेला छोड़ दे और वह कश्मीर में एकतरफा राज करें। लेकिन केंद्र सरकार ऐसा नहीं करना चाहती है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि कश्मीर के अलगाववादियों को पाकिस्तान का पूरा समर्थन प्राप्त है।
हालांकि इस बात पर अधिकारिक मुहर नहीं लगी है। अलगाववादियों की गलती की सजा वहां की आम जनता को भी भुगतनी पड़ती है। आये दिन छोटे-मोटे दंगे होना वहां के लिए आम बात हो गयी है। घाटी में शांति फैलाने के लिए सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है। इसी दिशा में रक्षामंत्री अरुण जेटली ने एक कदम बढ़ाया है।
रक्षामंत्री ने किया LOC का दौरा:
अलगाववादियों पर लगाम लगाने के लिए सरकार और सेना पूरी तरह से जुट चुकी है। इसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने अलगाववादियों की फंडिंग का सोर्स पता करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जांच के आदेश दे दिए हैं। शुक्रवार को रक्षामंत्री जेटली LOC से सटे हुए सेना की फॉरवर्ड पोस्ट का दौरा करने गए थे। आने के बाद उन्होंने कहा कि सरकार कश्मीर के हालात सुधारने के लिए हर तरह से कोशिश कर रही है।
जेटली ने भी कहा कि इस बात की जानकारी हमारे पास पहले से ही थी कि अलगाववादियों को फंडिंग सीमा पार से की जाती है, लेकिन सम्बंधित मामले की जांच एनआईए कर रही है। अपने दौरे के दौरान जेटली ने सेना के कमांडरों और सैनिकों से बात करके पाकिस्तान द्वारा लगातार किये जा रहे सीजफायर के उलंघन का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सेना को सीमा पार से होने वाले हर हमले को नाकाम करना होगा और चौकन्ना रहना होगा।