लागू हुआ pollution Test से जुड़ा नया नियम, जान लें वरना पड़ सकते हैं मुसीबत में
गाड़ी चालक को पता होना चाहिए पीयूसी (PUC) के बारें में कभी भी पड़ सकती है
गाड़ियां चलाने का शौक़ हम सभी को होता है, लेकिन शायद ही गिने-चुने लोगों को पीयूसी के बारे में पता होगा। तो आइए ऐसे में जानते हैं क्या होता है पीयूसी और क्या है इसको लेकर नया नियम…
बता दें कि गाड़ियों से जो धुआं (Emission) निकलता है, वह पर्यावरण (Environment) के लिए खतरनाक हो सकता है। इस तरह के प्रदूषण के लिए पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए जो मानक (Pollutants Standards) तय किए गए हैं, उनके मुताबिक ही आपकी गाड़ी का धुआं प्रदूषण फैला रहा है, इस बात की पुष्टि करने के लिए एक जांच (Pollution Test) के बाद जो सर्टिफिकेट जारी किया जाता है, उसे पीयूसी कहते हैं। भारत में मोटर या इंजन वाली सभी गाड़ियों के लिए यह अनिवार्य है।
मालूम हो कि अगर आप वाहन चलाते हैं और पीयूसी नहीं है तो आपको अच्छा खासा जुर्माना (Challan) चुकाना पड़ सकता है। ऐसे में पीयूसी से जुड़ा नया नियम जानना भी काफ़ी जरूरी है। आइए जानते है पीयूसी से जुड़ी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport Highways) की नई गाइडलाइन को। जिसमें यह कहा गया है कि पूरे देश में अब एक जैसा ही पीयूसी सर्टिफिकेट बनेगा।
बता दें कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के अंतर्गत देश भर में जारी किए जाने वाले पीयूसी (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट के सामान्य प्रारूप के लिए 14 जून, 2021 को अधिसूचना जारी की है। जिसकी विशेषताएं निम्नलिखित हैं:-
1) देश भर में एक समान प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसी) प्रारूप की शुरुआत और पीयूसी डाटाबेस को राष्ट्रीय रजिस्टर से जोड़ना होगा।
2) इस अधिसूचना के माध्यम से यह बात निकलकर आ रही है कि अस्वीकृति पर्ची की अवधारणा पहली बार शुरू की जाएगी। संबंधित उत्सर्जन मानदंडों में आदेशित जांच परिणाम मूल्य अधिकतम स्वीकृति योग्य मूल्य से अधिक होने की स्थिति में वाहन मालिक को अस्वीकृति पर्ची का एक सामान्य प्रारूप दिया जाना है। इस दस्तावेज को वाहन की सर्विस कराने के लिए सर्विस सेंटर पर दिखाया जा सकता है या उपयोग किया जा सकता है, यदि किसी दूसरे सेंटर पर जांच कराने पर पीयूसीसी सेंटर का उपकरण ठीक से काम नहीं कर रहा है।
3) सूचना गोपनीय रहेगी अर्थात (i)वाहन मालिक का मोबाइल नंबर, नाम और पता (ii) इंजन नंबर और चेसिस नंबर (केवल अंतिम चार अंक दिखाई देने के लिए, अन्य अंक गोपनीय होंगे)।
4) वाहन मालिक का मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है, जिस पर सत्यापन और शुल्क के लिए एक एसएमएस अलर्ट भेजा जाएगा।
5) यदि नियम लागू कराने वाले अधिकारी के पास यह मानने का कारण है कि कोई मोटर वाहन उत्सर्जन मानकों के प्रावधानों का अनुपालन नहीं कर रहा है, तो वह वाहन चालक या वाहन के प्रभारी किसी भी व्यक्ति को प्राधिकृत प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी) जांच स्टेशनों में से किसी एक में जांच के लिए वाहन प्रस्तुत करने के लिए लिखित रूप में या इलेक्ट्रॉनिक मोड के माध्यम से सूचित कर सकता है। यदि वाहन चालक या प्रभारी व्यक्ति अनुपालन के लिए वाहन प्रस्तुत करने में विफल रहता है या वाहन अनुपालन करने में विफल रहता है, तो वाहन का मालिक दंड के भुगतान के लिए उत्तरदायी होगा।
वहीं यदि वाहन मालिक इसका अनुपालन करने में विफल रहता है, तो पंजीकरण प्राधिकरणलिखित रूप में दर्ज किए जाने वाले कारणों के लिए वाहन का पंजीकरण प्रमाण पत्र और किसी भी परमिट को निलंबित कर देगा, जब तक कि ऐसे समय तक वैध “प्रदूषण नियंत्रण के तहत” प्रमाण पत्र जारी नहीं होता है।
6) इस प्रकार नियम लागू कराना आईटी-सक्षम होगा और प्रदूषणकारी वाहनों पर बेहतर नियंत्रण में मदद करेगा।
7) क्यूआर कोड फॉर्म पर छपा होगा। इसमें पीयूसी केंद्र के बारे में पूरी जानकारी होगी।