गंगा नदी में बहते बॉक्स में मिली बच्ची, संदूक में लगी थी देवी देवताओं की फोटो, जाने पूरा मामला
बेटी लक्ष्मी का रूप होती है। उसके घर में आने से रौनक बढ़ जाती है। फिर आज के जमाने में तो लड़का लड़की दोनों ही बराबर होते हैं। बल्कि कई मामलों में तो लड़कियां लड़कों से भी आगे होती हैं। जब बात देखरेख और केयर की आती है तो भी बेटियों बेटों से अधिक माता पिता का ध्यान रखती है। लेकिन कुछ अज्ञानी लोग ये बात नहीं समझते हैं। उन्हें बेटियां अपने ऊपर बोझ लगती है। वह एक गर्भवती महिला से बेटे की ही आश रखते हैं। बेटी पैदा हो जाए तो दुखी हो जाते हैं।
कुछ लोगों को तो बेटियां इतनी बुरी लगती है कि वे उसे पैदा होते ही मरने के लिए छोड़ देते हैं। आप ने भी कई ऐसी खबरें सुनी होगी जिसमें निर्दयी मां-बाप लिंग भेद के चलते सड़कों, गलियों, नदी-नालों, झाड़ियों में नवजात बच्ची को फेंक देते हैं। वे ऐसा कर बेटी की जिम्मेदारी से भागते हैं। लेकिन ऊपरवाले की कृपा से कई बार बेटियां बच जाती है। वह कहते हैं न ‘जाकौ राखे साइयां, मार सकै न कोय’। मतलब जिसके सिर पर ऊपर वाले का साया होता है उसे कोई मार नहीं सकता है।
अब उत्तर प्रदेश के गाजीपुर की इस घटना को ही ले लीजिए। यहां ददरी घाट पर मंगलवार को एक नाविक को बक्से के अंदर एक 21 दिन की बच्ची मिली। उसके निर्दयी मां या बाप ने बच्ची को एक बॉक्स के अंदर बंद कर गंगा नदी में छोड़ दिया था। यह बॉक्स बहते हुए काफी दूर निकल गया था। फिर वहां से नाव लेकर जा रहे एक नाविक को बॉक्स के अंदर से बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी। जब उसने बॉक्स खोला तो उसके अंदर बच्ची को देख हैरान रह गया।
हैरत की बात ये थी कि बॉक्स के अंदर देवी देवताओं की तस्वीरें लगी हुई थी। साथ ही बॉक्स में बच्ची की कुंडली भी थी। इस कुंडली में बच्ची का नाम गंगा लिखा था। नाविक बच्ची को लेकर अपने घर आ गया था। उसके परिजन बच्ची को पालना चाहते थे। हालांकि उसे बॉक्स में से बच्ची ले जाते हुए कुछ लोगों ने देख लिया था। किसी ने इसकी सूचना पुलिस को कर दी थी। इसके बाद पुलिस मौके पर आई और बच्ची को आशा ज्योति केंद्र ले गई।
अच्छी बात ये रही कि बच्ची बॉक्स में होने के बावजूद पूरी तरह सुरक्षित पाई गई। आशा ज्योति केंद्र में बच्ची का अच्छे से ख्याल रखा जा रहा है। उधर सदर कोतवाल ने विमल मिश्रा के अनुसार पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इस बच्ची के माता पिता कौन है और इसे उन्होंने गंगा नदी में इस हालत में क्यों छोड़ा था।
उधर सोशल मीडिया पर बच्ची मिलने की खबर आग की तरह फैल गई। लोग बच्ची को इस तरह छोड़ने के लिए उसके माता पिता की बुराई करने लगे। लोगों का कहना है कि प्रशासन को ऐसे बेरहम माता-पिता की पहचान कर उन्हें कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। तभी कोई दूसरे माता पिता अपनी बेटी के साथ ऐसी हरकत करने के पहले दस बार सोचेंगे। वैसे इस पूरे मामले पर आपकी क्या राय है हमे कमेंट कर जरूर बताएं।