Spiritual

स्त्री को पराए मर्द के घर छोड़ने की भूल कभी न करें, आचार्य चाणक्य से जाने इसकी वजह

आचार्य चाणक्य अपने जमाने में नामी विद्वान थे। उनकी बनाई गई नीतियां आज भी सबके बीच फेमस है। इन नीतियों को हम लाइफ मैनेजमेंट टिप्स के रूप में भी इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने अपनी नीतियों में जीवन जीने के कई गुण बताए हैं। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति में स्त्री को लेकर एक बात कही है। उन्होंने सलाह दी है कि अपने अपनी पत्नी या किसी स्त्री को पराए मर्द के घर भूलकर भी नहीं छोड़ना चाहिए। इसके पीछे उन्होंने एक ठोस वजह भी बताई है जिसके बारे में आप खबर के अंत में जान जाएंगे। इस नीति में आचार्य चाणक्य ने 3 ऐसी चीजों के बारे में बताया है जो हमेशा नष्ट हो जाती है।

Chanakya

नदी किनारे खड़ा पेड़

चाणक्य के मुताबिक नदी किनारे खड़ा बड़े से बड़ा पेड़ भी एक दिन नीचे गिरता है। उसका अंत निश्चित होता है। इसकी वजह यह है कि जब नदियों में बाढ़ आती है तो वह अपने किनारे पर खड़े पेड़ों को भी उजाड़ देती है। नदी के लगातार बहाव से मिट्टी का कटाव होने लगता है और वह पेड़ कमजोर होकर नीचे गिर जाता है। इस नीति से हमे एक काम की सिख भी मिलती है।

Tree

यदि आप गेंद को ऊपर फेंकते हैं तो वह नीचे जरूर आती है। ठीक ऐसे ही आप जीवन में कितने भी बड़े आदमी बन जाएं, लेकिन आपके नीचे आने का रिस्क हमेशा बना रहता है। समय और किस्मत आपके साथ कौन सा खेल खेले कुछ कहा नहीं जा सकता है। इसलिए यह जरूरी होता है कि व्यक्ति अपनी सफलता या अमीर होने का घमंड नहीं करे। वरना आपको फर्श से अर्श तक आने में समय नहीं लगेगा।

मंत्री के बिना राजा

King

किसी राज्य की प्रजा के सुख दुख की नियति वहां के राजा पर निर्भर करती है। वहीं राजा के अच्छे राज पाठ की नियति उसके मंत्री पर निर्भर करती है। यदि राजा के पास एक बुद्धिमान और सही सलाह देने वाला मंत्री होता है तो उसका राज्य खुशहाल रहता है। वहीं एक अच्छे मंत्री के अभाव में राजा का भी धीरे धीरे अंत हो जाता है। उदाहरण के लिए अकबर हमेशा बीरबल से सलाह लेकर ही कोई फैसला करते थे। इस नीति से यह सिख ली जा सकती है कि हर व्यक्ति को जीवन में सही सलाह देने के लिए एक अच्छे मित्र या गुरु की आवश्यकता होती है।

गैर मर्द के घर जाने वाली स्त्री

Girl

आचार्य चाणक्य के अनुसार पत्नी या किसी स्त्री को कभी भी गैर मर्द के घर नहीं छोड़ना चाहिए। इससे उस स्त्री या पत्नी के चरित्र में दोष पैदा होने के चांस बढ़ जाते हैं। दरअसल जब महिला किसी गैर मर्द के घर ठहरती है तो वह उसे अपने नियंत्रण में करने के लिए धन या बल की हेल्प लेता है। इसलिए कई ग्रंथों में भी स्त्री को गैर पुरुष पर आश्रित न रहने की सलाह दी गई है।

इससे यह सिख ली जा सकती है कि स्त्रियों को पढ़ा लिखकर अपने पैरों पर खड़ा करना चाहिए। इससे वह खुद अपना पेट पालने में सक्षम रहेगी और गैर मर्द पर निर्भर नहीं रहेगी। वह खुद पैसे कमाएगी तो स्वतंत्र होकर निर्णय ले सकेगी।

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