जाधव : पाक ने किया ICJ का फैसला मानने से इंकार, जानिए अब क्या होगा!
नई दिल्ली – नापाक पाक में फांसी की सजा दिये जाने वाले कुलभूषण जाधव के मामले में इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने कल ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए भले ही उनकी फांसी की सजा पर रोक लगा दिया है। लेकिन, पाकिस्तान के इरादें कुछ ठीक नहीं लग रहे। पाकिस्तान भारत से दुश्मनी निकालने के लिए इतना बेताब है कि अब उसने दुनिया कि सबसे बड़ी अदालत के फैसले को मानने से इंकार कर दिया है। पाक फैसला सुनाए जाने के बाद बयान जारी किया है कि वह ICJ के अधिकार क्षेत्र को नहीं मानता। इससे पाकिस्तान के नापाक इरादे साफ दिखाई दे रहे हैं। लेकिन अब सवाल ये है कि मोदी सरकार अब इससे कैसे निपटेगी? icj decision on jadhav case.
भारत की नजर पाकिस्तानी नापाक इदारों पर –
We hope it will help remedy egregious violations of Jadhav’s rights & violations of international convention by Pak: MEA #KulbhushanJadhav pic.twitter.com/s9Pm4pTZcD
— ANI (@ANI_news) May 18, 2017
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने पाकिस्तान के इस रवैये पर सीधा जवाब न देकर सिर्फ उम्मीद जाहिर की है कि पाक ICJ का फैसला मानेगा। गोपाल बागले ने कहा कि भारत कानून के मुताबिक चलने वाला देश है और हम ऐसी उम्मीद कर रहे हैं कि इस आदेश को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सभी देश मानेंगे। पाकिस्तान कि इस चाल के बाद भारत के पास इस मामले को सुरक्षा परिषद में ले जाने का रास्ता है। संयुक्त राष्ट्र का अधिकारपत्र के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र का हर सदस्य देश इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस का फैसला मानने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन फिर भी कोई देश ऐसा नहीं करता है तो ऐसे मामले में संयुक्त राष्ट्र इसे सुलझाने के लिए सुरक्षा परिषद की मदद ले सकता है।
मामला सुरक्षा परिषद में जाने की हालत में क्या होगा –
ऐसे मामलों के एक्सपर्ट्स के मुताबिक, इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले को मानना अनिवार्य नहीं है। फैसले को तभी माना जा सकता है जब दोनों पक्ष उसपर सहमत हो। इसका मतलब पाकिस्तान इस फैसले को नहीं भी मान सकता है। ऐसे हालात में भारत सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर सकता है। क्योंकि, चीन भी सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है इसलिए ऐसा संभव है कि वह जाधव मामले में पाकिस्तान के पक्ष में वीटो करे। तो इससे भारत के लिए ये रास्ता भी बंद हो जाएगा। ऐसा भी संभव है कि सुरक्षा परिषद खुद ही इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दे।
भारत सरकार को लेना होगा कठोर फैसला –
सुरक्षा परिषद के पास इस बात का अधिकार है कि जब तक मामले से अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा न हो वह इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकता। सुरक्षा परिषद द्वारा हस्तक्षेप से इंकार के बाद भारत के पास सिर्फ अपने अधिकार क्षेत्र के तहत कुछ फैसले लेने होंगे। भारत को पाकिस्तान के साथ अपने कूटनीतिक संबंधों पर फिर से विचार करना होगा। पाकिस्तान के इस अडियल रवैये से ये मामला और उलझ गया है। गौरतलब है कि भारतीय नागरिक और पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को जासूसी के झूठे आरोपों में पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने फांसी की सजा दी है।