घोड़ी चढ़कर बरात में जाने का सपना संजोए था दूल्हा, लेकिन हुआ कुछ ऐसा कि शादी होने से पहले ही रह गया दंग
क्या अलखराम घोड़ी चढ़ेगा? या नहीं, जानिए क्या है पूरा मामला।
सोचिए आप किसी चीज़ का बेसब्री से इंतजार कर रहे हो और ऐन मौके पर पता चलें कि अभी आपको और इंतजार करना पड़ेगा। तो कैसा महसूस करेंगे? स्वाभाविक सी बात है खीज तो छूटेगी ही। ऐसा ही एक व्यक्ति के साथ महोबा में हुआ है। बता दें कि घोड़ी चढ़कर बारात ले जाने का सपना देख रहें अलखराम को उस समय झटका लगा। जब उन्हें पता चला कि उनका घोड़ी पर चढ़ने और बारात ले जाने का सपना, सपना ही बना रहेगा।
अब आप सोच में पड़ गए होंगे कि आख़िर किसी की शादी तय हो गई और वह घोड़ी पर चढ़ने की तैयारी कर चुका है। फ़िर वह सपना कैसे बनकर रह जाएगा। तो हम कहते हैं धैर्य का परिचय दीजिए तनिक। फ़िर सारा माजरा समझ में आ जाएगा।
बता दें कि पूरा मामला महोबा के महोबकंठ थाना क्षेत्र के माधवगंज निवासी अलखराम से जुड़ा हुआ है। अलखराम की शादी महोबकंठ थाने के ही बीहट गांव की एक लड़की से तय हुई थी। 18 जून को शादी होनी है, लेकिन इस शादी को लेकर जब इंटरनेट पर माहौल बनना शुरू हुआ तो प्रशासन को सख़्त रुख़ अख्तियार करना पड़ा। जिसकी वज़ह से अलखराम का घोड़ी पर चढ़ने की अलख जलने से पहले ही बुझती नज़र आ रही है।
मालूम हो कि करीब 15 दिन पहले अलखराम के पिता गयादीन ने महोबकंठ थाने में तहरीर देकर ग्रामीणों पर आरोप लगाया था कि देश की आजादी से आज तक माधवगंज में अनुसूचित जाति के लोगों की बारात निकासी घोड़ी पर नहीं हुई है। गांव के कुछ लोग दूल्हे को घोड़ी पर नहीं बैठने देना चाहते हैं। तहकीकात की गई तो सच कुछ और ही निकला।
काशीपुरा के प्रधान प्रतिनिधि गजेंद्र सिंह कहते हैं कि गांव में बारात कैसे निकलेगी इसको लेकर किसी का क्या लेना देना। अलखराम के चाचा हरीदास ने बताया कि कभी भी किसी समाज के दूल्हे को घोड़ी पर बैठने के लिए नहीं रोका गया। न ही अलखराम को रोका गया। यह बिना मतलब का मुद्दा बनाया गया है। जबकि असल बात कुछ और है। असल बात तो यह है कि वधू की उम्र को लेकर विवाद है। जिसमें लड़की की उम्र करीब 17 साल होनी बताई जा रही। ऐसे में शादी के लिए इंतजार करना ही एकमात्र रास्ता है।
इधर प्रधान प्रतिनिधि गजेंद्र सिंह, बहादुर, भरत, सोनू ने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर लड़की की उम्र आधार कार्ड के हिसाब से 17 साल 2 दिन बताई जा रही है। इसी मामले को लेकर एसपी सुधा सिंह ने बताया कि, “इस प्रकरण को लेकर लोग तरह-तरह की टिप्पणी कर रहे हैं, इंटरनेट मीडिया पर टिप्पणी करने वालों को चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी। महोबकंठ पुलिस जांच कर रही है। गांव के 80 लोगों को शांति भंग की आशंका में पहले ही पाबंद किया जा चुका है।”
वही इसी मामले में कुलपहाड़ तहसील क्षेत्र के एसडीएम सुथान अब्दुल्ला का कहना है कि, “अभी तक किसी ने शिकायत नहीं की है। लड़की अगर बालिग होगी तो ही शादी की इजाजत मिलेगी। कानून का पालन तो सभी को करना होगा।” कुल मिलाकर देखा जाए तो स्पष्ट कारण अभी तक नहीं सामने नही आया है कि अलखराम घोड़ी पर क्यों अभी नहीं चढ़ पाएगा, लेकिन जितने मुँह उतनी बात हो रही। जिसकी वज़ह से अलखराम को अब घोड़ी पर चढ़ने के लिए इंतजार करना पड़ सकता है।