देश में कोरोना का प्रकोप थोड़ा कम होने लगा है. सरकार की सख्ती के बाद राज्यों के धीरे-धीरे केस कम होने लगे है. इसके साथ ही लोगों को थोड़ी राहत भी मिली है. अस्पताल में बेड़ खाली होने लगे है. लोगो के मन में सकारात्मकता आने लगी है. साथ ही सरकार भी अब अपने सख्त नियमों में थोड़ी ढील देना शुरू कर रही है. जहां मई में कोरोना पीक पर था, रोजाना देश से तीन-चार लाख केस सामने आ रहे थे. रोजाना देश में 3 से 4 हजार मौत हो रही थी. अब यह घट कर काफी कम हो हो गए है. राज्यों में आर्थिक गतिविधियां दोबारा से शुरू होने लगी है.
इसी बीच सरकार ने लोगों के बीच कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया हुआ है. जिसके कारण लोगों ने बढ़-चढ़कर कोरोना की वैक्सीन लगवाई है. कोरोना वैक्सीन की तेज़ी के कारण कहीं न कहीं संक्रमण में भी रोक लगी है. जहां अभी भी कई लोग कोरोना वैक्सीन को लेकर संशय की स्तिथि में है वहीं वाराणसी में एक 125 वर्षीय बुजुर्ग ने कोविड का टीका लगवाया है. स्वामी शिवानंद ,दुर्गा कुंड के एक वैक्सीन सेंटर पहुंचे वहा जाकर उन्होंने जैसे ही अपना आधार कार्ड दिखाया तो, वहां मौजूद मेडिकल स्टाफ पूरी तरह से चौक गया.
इस व्यक्ति की आधार कार्ड पर जन्मतिथि 8 अगस्त, 1896 डली हुई है, जिसके हिसाब से उनकी उम्र 125 साल निकलती है. इसी बीच मेडिकल स्टाफ भी उन्हें टीका लगाने से पहले काफी झिझक रहा था. मगर इस व्यक्ति शिवानंद को कोई झिझक नहीं थी. उन्होंने वैक्सीन लगवाने को जोर दिया और अपना पहला डोज़ प्राप्त किया. भेलूपुर क्षेत्र के कबीर नगर कॉलोनी निवासी शिवानंद वैक्सीन सेंटर पर अकेले ही वैक्सीन लेने पहुंचे थे. वह सेंटर पर तकरीबन आधे घंटे तक इंतजार करते रहे और फिर टीका लगवाकर ही अपने घर लौटे.
इसके बाद जब पत्रकारों ने शिवानंद से सवाल जवाब किये तो उन्होंने बताया कि उनकी लंबी उम्र का कारण ‘सादा भोजन और नियमित जीवन’ है. उन्होंने कहा मैं 3 बजे उठता हूँ और गंगा नदी में नहाने के लिए जाता हूँ. इसके बाद मैं योग करता हूँ. मैं बहुत कम या बिना तेल वाला खाना खाता हूँ. बिना मसाले का सादा भोजन करता हूँ. मैं एक बहुत ही गरीब परिवार से आता हूँ. इसलिए आज तक मेरे पास किसी तरह का कोई पूर्ण आहार नहीं रहा. मैं अपनी भूख का सिर्फ आधा ही खाना खाता हूँ. ऐसा करना मुझे मेरी जमीन से जुडी पृष्ठभूमि की याद दिलाता है. आपको बता दें कि 125 की उम्र होने के बावजदू शिवानंद अपना पूरा काम खुद ही करते है. साथ ही परिवार के किसी सदस्य से मदद भी नही लेते है.
ज्ञात हो कि शिवानंद उन लोगों के लिए उदाहरण है जो वैक्सीन लेने से डर रहे है. समाज में कई लोग वैक्सीन के बारे में अफवाह फैला रहे है. लोगो के बीच अपंग होने और मौत हो जाने जैसी अफवाहें फैलाई जा रही है. इसी वजह से कई लोग वैक्सीन लेने से डर रहे है. इन्ही अफवाहों के कारण सरकार को भी रूरल इलाकों में वैक्सीन का विरोध देखने को मिल रहा है.