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16 श्रृंगार में शामिल होती हैं ये चीजें, इन्हें धारण करने से पहुंचते हैं कई लाभ

इन 16 चीजों के बिना अधूरा होता है हर स्त्री का श्रृंगार, जानें इसमें क्या क्या चीजें हैं शामिल

विवाह के बाद हर स्त्री 16 श्रृंगार जरूर करती है। श्रृंगार करने से स्त्री की सुंदरता में चार चांद लगा जाते हैं और पति की आयु भी लंबी हो जाती है। हालांकि सोलह श्रृंगार में कौन-कौन सी चीजें शामिल होते हैं। इसकी जानकारी कम ही महिलाओं को होती हैं। ऐसे में अधिकतर महिलाएं चाहकर भी 16 श्रृंगार नहीं कर पाती हैं। तो आइए जानते हैं कि सोलह श्रंगार में किन-किन चीजों को शामिल किया जाता है और इनका क्या महत्व होता है।

सिंदूर

विवाह के समय मंत्रोच्चार का साथ सिंदूर दान किया जाता है और इसे सुहागन स्त्री की पहचान माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार स्त्रियां अपने पती की दीर्घायु की कामना के लिए सिंदूर लगाती हैं और इसे लगाने से पति की रक्षा होती है।

बिंदी

शादी के बाद हर महिला बिंदी जरूर लगाती है। बिंदी भृकुटि के बीचो-बीच लगाई जाती है। मान्याता है कि इसे लगाने से पति की आयु लंबी होती है। साथ में ही ये दिमाग को शांत भी रखती है।

काजल

आंखों की सुंदरता बढ़ाने के लिए काजल लगाया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार जो महिलाएं काजल लगाती हैं। उनकी व उनके पति को बुरी नजर नहीं लगती।

मंगलसूत्र

मंत्रोच्चार के साथ ही वर वधू के गले में मंगलसूत्र पहनाता है। ये सुहाग का प्रतीक होता है। मान्यता है कि इसे धारण करने से पति को नजर नहीं लगती है और उसकी आयु लंबी होती है।

मेहंदी

मेंहदी को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। मेहंदी का रंग जितना गहरा होता है। वैवाहिक जीवन भी उतना ही खुशहाल भरा होता है। कवंदती अनुसार मेहंदी के रंग अगर काफी गहरा हो। तो इसका अर्थ है कि महिला का पति उससे काफी प्यार करता है।

चूड़ियां

सुहागिन स्त्री को कांच की ही चूड़िया पहननी चाहिए। कांच की चूड़िया पहनने से नकारात्मकता दूर होती है। दरअसल इनकी खनक से बुरी शक्ति पास नहीं आ पाती हैं।

बिछिया

विवाह के समय स्त्री पैरों में बिछिया पहनती हैं। जो कि चांदी की बनी होती हैं। सुहाग के सामान में बिछिया भी बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती हैं और इसके बिना श्रृंगार पूरा नहीं होता है।

गजरा

मान्यता है कि बालों में गजरा लगाने से वैवाहिक जीवन में प्रेम की कमी नहीं होती है। इसे पहनने से पति और पत्नी के बीच प्यार ओर मजबूत हो जाता है।

लाल जोड़ा

लाल रंग को सुहाग की निशानी माना जाता है। ये रंग देवी मां से जुड़ा हुआ होता है। इसलिए श्रृंगार के दौरान इसी रंग की कपड़े पहने जाते हैं।

मांग टीका

मांग टीका आभूषण होता है जो कि माथे पर लगाया जाता है। इसे पहनने से वैवाहिक जीवन सही बना रहता है और पति पत्नी के बीच प्यार की कमी नहीं होती है।

नथ

शादी के समय दुल्हन सोने की नथ जरूर पहनती है और नथ के बिना दुल्हन का श्रंगार अधूरा माना जाता है। सात फेरे लेते समय नथ को पहनान बेहद ही जरूर होता है।

कर्णफूल

कानों में पहने जाने वाले कुंडल को कर्णफूल कहा जाता है। लोककिवदंती के अनुसार कर्णफूल धारण करने का अर्थ होता है कि आप सदैव अच्छी बाते ही पति से सुनें।

अंगूठी

वर द्वारा वधू को अंगूठी पहनाई जाती है। ये अंगूठी बाएं हाथ की अनामिका उंगली में पहनी जाती है। अनामिका उंगली की नसे हृदय से लगती हैं। इससे पति-पत्नी के बीच प्रेम बना रहता है।

बाजूबंद

हाथों के ऊपरी हिस्से में बाजूबंद धारण किया जाता है। इसे पहनने से महिलाओं के शरीर में रक्तसंचार सही से होता है। इसके अलावा  जो महिलाएं इसे धारण करती हैं उनके पास धन की कमी कभी नहीं होती है।

कमरबंद

महिलाओं के लिए चांदी की धातु का कमरबंद बहुत शुभ माना जाता है। ये घर के प्रति स्त्री की जिम्मेदारयों का प्रतीक होता है।

पायल

बहू को घर की लक्ष्मी माना जाता है, इसलिए घर की संपन्नता बनाए रखने के लिए दुल्हन को पायल पहनाई जाती है। पायल हमेशा चांदी की ही होती है।

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