आज अमावस्या के दिन कर लें ये काम, एकदम चमक जाएगा आपका भाग्य
ज्येष्ठ महीने की अमावस्या 10 जून को आ रही है। ज्येष्ठ महीने की अमावस्या बेहद ही खास होती है और इस दिन शनि जयंती भी आती है। वहीं ये अमावस्या इस बार गुरुवार के दिन आ रही है। जिसके कारण ये ओर खास हो गई है। दरअसल गुरुवार के दिन आने वाली अमावस्या शुभ फल देती है और इस तिथि पर पितरों के लिए श्राद्ध करने से उसका फल जरूर मिलता है।
ज्येष्ठ अमावस्या का जिक्र करते हुए ग्रंथों में लिखा गया है कि शनि दोष से ग्रस्त लोगों को इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करनी चाहिए। न्याय प्रिय ग्रह शनि देव का जन्म इसी दिन हुआ है और जो लोग इस दिन शनिदेव का पूजन करते हैं। उनको कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। इसके अलावा इस दिन अपने पूर्वजों की पूजा करने से और गरीबों को दान पुण्य करने से पापों का नाश हो जाता है।
ज्येष्ठ अमावस्या के दिन ही वट सावित्री व्रत भी आता है। जो महिलाएं ये व्रत रखती हैं। उनके पति की आयु लंबी हो जाती है और सौभाग्यशाली जीवन की प्राप्ति होती है। वहीं गुरुवार के दिन ये अमावस्या आने से इसका महत्त्व ओर बढ़ गया है। शास्त्रों के अनुसार किसी भी महीने की अमावस्या अगर गुरुवार को पड़ती है, तो उसे गुरुवारी अमावस्या कहा जाता है। ऐसी अमावस्या शुभ फल देने वाली होती है। इस दिन स्नान-दान और पूजा-पाठ करने से हर कामान पूर्ण हो जाती है और पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
ज्येष्ठ महीने की अमावस्या पर क्या ये करें
- सूर्योदय से पहले उठकर घर की सफाई कर सें। उसके बाद पवित्र नदियों में स्नान करें। चाहें तो नहाने के पानी में गंगा जल भी मिला सकते हैं।
- नहाने के बाद पूजा घर की सफाई करें और चौकी की स्थापना कर दें। भगवान की पूजा करें और व्रत रखने का संकल्प धारण करें। सच्चे मन से पूजा करते हुए भगवान से सुखद जीवन की कामना करें।
- पूजा पूरी करने के बाद श्रद्धानुसार दान करें।
- गरीब लोगों को आप कपड़े और अनाज का दान करें। माना जाता है कि अमावस्या के दिन मौन रहने के साथ ही स्नान और दान करने से हजार गायों के दान करने के समान फल मिलता है।
- इस दिन सुबह पीपल के पेड़ पर जल भी चढ़ाएं और 108 परिक्रमा करें। ऐसे करने से दरिद्रता दूर हो जाती है।
- शनि जंयती भी इस दिन है। इसलिए आप शनि देव के मंदिर जाकर इनकी पूजा करें और इन्हें सरसों का तेल अर्पित करें। साथ में हा काले तिल भी चढ़ाएं।
- वट सावित्री का व्रत जो महिलाएं रखें वो व्रत से जुड़ी कथा को पढ़ें औप वट पेड़ की पूजा करें। हो सके तो सावित्री की कथा इसी पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ें।
ज्येष्ठ महीने की अमावस्या पर न करें ये काम
- इस दिन तामसिक भोजन यानी लहसुन-प्याज और मांसाहार खाने का सेवन न करें।
- पति-पत्नी एक बिस्तर पर न सोएं।
- नशा करने से बचें करें।
- क्रोध न करें और बड़ों से लड़ाई करने से बचें।
- लालाच न करें और किसी के लिए गलत शब्दों का इस्तेमाल भी न करें।