राजेंद्र कुमार के भूतिया बंगले में जाने के बाद बदली राजेश खन्ना की किस्मत,यही से बने सुपरस्टार
राजेश खन्ना(Rajesh Khanna ) वो अभिनेता जिसके लिए दुनिया भर में दीवानगी थी. लड़कियां उन पर अपनी जान झिड़कती थी. उनकी दीवानगी और फिल्मों के कारण उन्हें देश का और बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार कहा जाता है. आपको शायद यकीन न हो लेकिन राजेश खन्ना चमत्कार में विश्वास किया करते थे. आज हम आपको काका के इसी चमत्कार से जुड़ा एक किस्सा सुनाने जा रहे है. ये किस्सा काका के बंगले ‘आशीर्वाद’ से जुड़ा हुआ है. राजेश खन्ना ने ये बंगला अपने समय के जुबली स्टार रहे राजेंद्र कुमार से खरीदा था.
राजेंद्र कुमार ने एक समय में यह बंगला पूरे 60 हज़ार रुपए में खरीदा था. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो यह बंगला कोई भी खरीदना नहीं चाहता था. लोगों के बीच ये बंगला भूत बंगला के नाम से मशहूर हो चुका था. मुंबई के कार्टर रोड पर बने इस बंगले में आते ही राजेंद्र कुमार की किस्मत बदल गई थी. उनके द्वारा की जाने वाली हर एक फिल्म सुपरहिट होते जा रही थी. बताया जाता है कि राजेंद्र कुमार ने इस बंगले का नाम डिंपल रखा था.
इस बंगले को खरीदने के कुछ समय बाद राजेंद्र कुमार ने मुंबई में ही एक और अन्य बंगला ख़रीदा था. इस मामले में ख़बरों की माने तो राजेंद्र ने जब इस बंगले को बेचने की पेशकश की तो राजेश खन्ना ने इसे खरीदने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी. राजेश खन्ना को भी यही लगता था कि इस बंगले में शिफ्ट होने के बाद उनकी किस्मत चल निकलेगी. उसके बाद उस समय आखिरकार राजेश खन्ना यह बंगला राजेंद्र कुमार से पूरे 3.5 लाख रुपए में कामयाब हुए थे. इस बंगले में शिफ्ट होने के बाद हुआ भी कुछ ऐसा ही जिसकी उम्मीद काका ने की थी.
इस बंगले में आने के बाद ही अभिनेता राजेश खन्ना बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार बने थे. उस समय उनके लिए कहा जाने लगा था कि, ‘ऊपर आका नीचे काका’. यह बंगला अभिनेता राजेश खन्ना की सफलता का गवाह बना. लड़कियां राजेश खन्ना की एक झलक तक पाने के लिए बंगले के इर्दगिर्द जमा रहती थी. राजेश खन्ना बीच-बीच में बालकनी में आकर उनका अभिवादन भी किया करते थे. राजेश खन्ना को साइन करने के लिए निर्माताओं की भीड़ को भी इस बंगले ने देखा था. राजेश खन्ना एक शानदार मेहमान नवाज हुआ करते थे और अपने बंगले में आने वालों की खूब अच्छे से खातिरदारी किया करते थे. कई लोग महंगी शराब पीने के लिए ही ‘आशीर्वाद’ जाते थे और काका की हां में हां मिलाते थे.
लेकिन ये तो सभी को पता है कि समय कभी भी किसी के लिए एक सा नहीं रहता. राजेश खन्ना के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ और समय के साथ उनका स्टारडम कम होता रहा. इस बंगले में आने के बाद राजेश खन्ना ने इसका नाम आशीर्वाद रखा था. राजेश खन्ना की बारात भी इसी बंगले से निकली और इसी बंगले से उनकी अंतिम यात्रा भी निकली. राजेश की ख्वाहिश थी कि इस बंगले को उनका म्युजियम बना दिया जाए. आज यह बंगला अपनी जगह पर नहीं है. इसे एक बिल्डर ने खरीदा था जिसे अब तोडा जा चुका है. यहाँ पर जल्द ही एक प्रोजेक्ट शुरू होने वाला है.