जिन लोगों की सोच सकारात्मक होती है वो हर बुरी परिस्थिति का सामना आसानी से कर लेते हैं
जिन लोगों की सोच सकारात्मक होती है, जो जीवन में कुछ भी हासिल कर सकते हैं। सकारात्मक सोच के दम पर बुरी से बुरी परिस्थिति का सामना किया जा सकता है। वहीं सोच नकारात्मक होने पर केवल गलत ख्याल ही दिमाग में आते हैं और जीवन में सफलता भी नहीं मिलती है। इस संदर्भ से एक कथा भी जुड़ी हुई है। पुरानी लोक कथा के अनुसार एक राजा के तीन पुत्र थे। राजा की आयु काफी अधिक हो गई थी। ऐसे में उसने सोचा की अब वो अपना राज्य अपने किसी एक पुत्र को सौंप दें।
लेकिन तीनों पुत्रों में से किस पुत्र को राजा बनाया जाए? ये तय करना काफी मुश्किल हो रहा था। क्योंकि राजा के तीनों पुत्र बलवान थे और राज्य का काम अच्छे से देख रहे थे। एक दिन राजा ने अपने मंत्री से मन की बात कहते हुए कहा कि वो अपनी तीन पुत्रों में से एक को राज्य सौंपना चाहते हैं। लेकिन इनमें से कौन राज्य संभालने के लिए योग्य है, मैं ये तय नहीं कर पा रहा हूं। मंत्री ने राजा की पूरी बात सुनने के बाद कहा कि आप केवल उसी को राज्य सौंपे जो कि बुद्धिमानी और सकारात्मक सोच वाला हो।
मंत्री की सलाह को मानते हुए राजा ने एक दिन अपने तीनों पुत्र को अपने कमरे में बुलाया और तीनों को एक-एक स्वर्ण मुद्रा दे दी। राजा ने कहा कि इस एक स्वर्ण मुद्रा से ऐसी चीजें लेकर आओ, जिससे तुम्हारा कमरा पूरा भर जाए। एक-एक स्वर्ण मुद्रा को देख राजकुमारों ने राजा से कहा कि इससे तो हम कुछ भी नहीं खरीद सकते हैं। कमरा भरना तो दूर की बात है। राजा ने हंसते हुए अपने पुत्रों से कहा कि अपने दिमाग का इस्तेमाल करो। मैं तुम्हें इस काम के लिए दो दिन देता हूं।
तीनों राजकुमारों की संगत अलग-अलग थी। दो राजकुमार जिन लोगों के साथ अधिक समय रहते थे उनकी सोच गलत थी। ऐसे में दोनों राजकुमारों की सोच भी नकारात्मक बन गई थी। वहीं सबसे छोटे राजकुमार की सोच काफी अच्छी थी। क्योंकि ये अधिक समय ज्ञानी और सकारात्मक सोच रखने वाले लोगों के साथ बीताता था।
इस तरह से भरा कमरा
एक राजकुमार ने अपनी मुद्रा से कचरा खरीदा और कमरा उससे भर दिया। दूसरे ने घास खरीदकर कमरे को भर दी। तीसरा राजकुमार बुद्धिमान था और उसने एक दीपक खरीदा और कमरे में दीपक जला दिया। दीपक की रोशनी से कमरे का अंधेरा दूर हो गया। उसके बाद राजकुमार ने कमरे का वातावरण पवित्र और सकारात्मक बनाने के लिए वहां वाद्ययंत्र बजाना शुरू कर दिया।
जब राजा ने तीनों राज्य कुमारों का कमरा देखा तो उन्होंने समझ आ गया कि उनके पुत्रों में से सबसे छोटा पुत्र ही राज्य संभालने के लायक है। राजा को तीसरे राजकुमार के कमरे को देखकर एहसास हो गया कि राजा का भविष्य सही हाथों में है ।
कथा की सीख
हमें हर परिस्थिति में सोच सकारात्मक बनाए रखनी चाहिए। अच्छी सोच के साथ किसी भी काम को आसानी से किया जा सकता है।