तारक मेहता फेम बाघा से जुड़े कुछ अनसुने क़िस्से, जिन्हें सुनकर आप भी रह जाएंगे हैरान!
तारक मेहता के 'बाघा' कभी करते थे बैंक में चार हज़ार रुपए की नौकरी , आज हैं इतने करोड़ के मालिक...
तारक मेहता का उल्टा चश्मा का हर किरदार पिछले 13 साल से दर्शकों के दिलों में राज कर रहा है। यह टीवी शो सिर्फ़ अपने गुदगुदाने का काम नही करता बल्कि, इस टीवी शो के माध्यम से समाज सुधार का संदेश भी दिया जाता है। जैसे कुछ समय पहले तक तारक मेहता के इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट “स्वच्छ भारत अभियान” को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छता के लिए काम करने वाली शख्सियत को सम्मानित करने की पहल शुरू की थी। ऐसे ही अन्य सामाजिक मुद्दों को पुरज़ोर तरीक़े से उठाने का कार्य यह शो लगातार करता रहता है, लेकिन आज हम बात तारक मेहता टीवी शो से जुड़े एक किरदार की करने जा रहें, जिन्होंने सिर्फ़ दर्शकों का मनोरंजन ही नहीं किया है बल्कि अपनी मेहनत से एक नया मुक़ाम हासिल किया है। जी हां यह तो आपने कइयों के मुंह से सुना होगा कि मेहनत क़भी बेकार नहीं जाती। ऐसा ही करके दिखाया है। तारक मेहता के शो में अक़्सर जेठालाल को मुसीबत में डालने वाले बाघा ने। बाघा से जुड़ी कई कहानियां हैं। उन्हीं को हम विस्तार से जानेंगे, लेकिन उसके पहले जान लेते हैं बाघा का वास्तविक नाम।
जी हां बता दें कि तारक मेहता टीवी शो में जेठालाल की की दुकान पर काम करने वाले बाघा का वास्तविक नाम तन्मय वकारिया है। जो गुजराती थियेटर से सालों तक जुड़े रहें। बता दें कि अपने भोलेपन और चलने के अंदाज से दर्शकों को गुदगुदाने वाले बाघा यानी तन्मय की जिंदगी बेहद संघर्षों से भरी हुई है। ऐसा कहते हैं कि तन्मय कभी चार हजार रुपए की नौकरी किया करते थे। वहीं तन्मय वकारिया ने करियर की शुरुआत गुजराती थिएटर से की थी। तन्मय को एक्टिंग विरासत में मिली थी। उनके पिता खुद एक एक्टर हुआ करते थे और गुजराती नाटकों में काम किया था।
बता दें कि जिस दौरान तन्मय एक्टिंग में अपनी किस्मत आजमा रहे थे। उसी दौरान उन्होंने बैंक में मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव की नौकरी की थी। यहां पर उन्हें चार हजार रुपए सैलेरी मिला करती थी। इससे वह घर खर्च चलाते थे। वही अब बाघा ने अपनी मेहनत से यह स्थिति बना ली है कि वह तारक मेहता का उल्टा चश्मा में काम करने के लिए हर एपिसोड के 22 से 24 हजार रुपए फीस लेते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक आज के समय मे तन्मय तीन करोड़ से अधिक संपत्ति के मालिक है।
मालूम हो कि एक समय ऐसा था। जब बाघा को शो में मजबूरी में लाया गया था। लेकिन तन्मय वेकारिया ने अपनी शानदार अभिनय क्षमता और मेहनत की बदौलत आज दर्शकों के दिलों में राज कर रहें हैं। तारक मेहता का उल्टा चश्मा कार्यक्रम में तन्मय की एंट्री काफ़ी दिलचस्प है। दरअसल, एक बार तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) में जेठालाल की दुकान संभालने वाले नट्टू काका यानी घनश्याम नायक बीमार हो गए। उनकी सर्जरी हुई। जिसके बाद वह लंबे समय तक शो से दूर रहें। ऐसे में जब नट्टू काका की भरपाई निर्माताओं को महसूस हुई तो अस्थायी तौर पर बाघा का पात्र बनाया गया और उसके रूप में तन्मय को लेकर आए। सोचा था कि नट्टू काका स्वस्थ्य होकर आ जाएंगे तो बाघा को हटा देंगे, लेकिन बाघा की लोकप्रियता देखते हुए निर्माता-निर्देशक ऐसा नहीं कर सके और बाघा इस कार्यक्रम के स्थायी सदस्य बन गए।
क्या बाघा की पीठ में है कोई समस्या…
गौरतलब हो कि बाघा सिर्फ़ अपनी मजेदार एक्टिंग की वज़ह से शो में लगातार नहीं बनें हुए हैं बल्कि बाघा अपनी मधुर चल की वज़ह से भी लगातार दर्शकों द्वारा पसन्द किए जा रहें हैं। जेठालाल की दुकान में मोबाइल-लैपटॉप रिपेयरिंग का काम करने वाले बाघा शो के दौरान अजीबोगरीब चाल में चलते हैं। ऐसे में दर्शकों के मन मे यह सवाल भी उठते कि क्या बाघा की पीठ में दिक्कत तो नहीं। आपने भी कभी तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) कार्यक्रम देखा होगा तो इस बात पर गौर जरूर किया होगा कि बाघा हमेशा टेढ़ा खड़ा रहता है।
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उसका पेट आगे निकल होता है और शरीर का ऊपरी हिस्सा पीछे की ओर होता है। वास्तव में तन्मय को ऐसा खड़ा होने के लिए अपनी पीठ पर जोर डालना पड़ता है। एक बार जब उनसे इस बारे में पूछा गया कि शो में पूरे समय ऐसे खड़े रहने से उनकी पीठ में दर्द नहीं होता है तो उनका जवाब था, “यह सब सोच पर निर्भर करता है। अगर आप सोचने लगेंगे तो दर्द होने लगेगा। इसलिए मैं सिर्फ अपने काम पर ध्यान देता हूँ।” तन्मय मानते हैं कि यह मुश्किल काम है। कोई भी दो मिनट से अधिक ऐसा खड़ा नहीं रह सकता, लेकिन भगवान का शुक्र है कि उनके साथ अब तक सबकुछ ठीक रहा है।
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ऐसे में एक बात तो स्पष्ट है कि तन्मय की पीठ में कोई दिक़्क़त नहीं, बल्कि शो की डिमांड के अनुसार वह ऐसा करते हैं। वहीं अगर तन्मय की पारिवारिक पृष्ठभूमि को देखें तो ये गुजरात के रहने वाले हैं और उनके पिता का नाम अरविन्द वेकारिया है। तन्मय के पिता खुद भी अभिनेता रह चुके हैं और उन्होंने कई गुजराती नाटकों में काम किया। पिता के अभिनेता होने के बावजूद भी तन्मय का ‘बाघा’ बनने तक का सफ़र काफ़ी संघर्षपूर्ण रहा है।
आख़िर में बात तारक मेहता शो की करें। तो साल 2008 में सोनी सब पर शुरू हुआ ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ न सिर्फ हमारे देश में लोगो का पसंदीदा शो है, बल्कि विदेश में भी इस कॉमेडी शो ने अपनी खास जगह बनाई है। इस शो को 13 साल हो चुके हैं और इस शो ने अबतक 3000 से ज़्यादा एपिसोड पूरे कर लिए है, लेकिन फिर भी यह शो अभी भी बच्चे-बूढ़े सभी का मनपसंद शो बना हुआ है।