LPG सिलेंडर के नीचे छेद क्यों होते हैं? ये लाल रंग का ही क्यों होता है? जाने जवाब
लिक्विड पेट्रोलियम गैस (LPG) के सिलेंडर आपको लगभग हर भारतीय किचन में देखने को मिल जाएंगे। हर घर में इनकी डिमांड होती है। घर पर खाना पकाने के के लिए ज्यादातर लोग इन्हीं LPG सिलेंडरों का इस्तेमाल करते हैं। इनके बिना उनके किचन का काम नहीं चलता है। वैसे तो अब गैस की पाइपलाइंस भी आ चुकी हैं लेकिन ये हर जगह मौजूद नहीं है। ऐसे में आज भी LPG सिलेंडर खाना पकाने के लिए सबसे किफायती और काम की चीज है। इसे एक जगह से दूसरी जगह ले जाने की सुविधा के चलते इसका इस्तेमाल कभी भी और कहीं भी किया जा सकता है। आप इसे कई महीनों तक स्टोर कर के भी रख सकते हैं।
वैसे तो मार्केट में कई कंपनियों के LPG सिलेंडर देखने को मिल जाते हैं, लेकिन जब बात इनके रंग रूप और बनावट की आती है तो ये लगभग एक जैसे ही होते हैं। LPG सिलेंडर की डिजाइन एक जैसी होने के पीछे भी एक खास वजह है। क्या आप जानते हैं कि सभी गैस सिलेंडरों का रंग लाल क्यों होता है? ये सिलेंडर के शेप में ही क्यों होते हैं? गैस से बदबू क्यों आती है? इस सिलेंडर के नीचे वाली पट्टी पर छेद क्यों बने होते हैं? आज हम आपको इन सभी सवालों के जवाब देने वाले हैं।
LPG सिलेंडर लाल क्यों होता है?
आप ने नोटिस किया होगा कि सभी गैस सिलेंडरों का रंग लाल ही होता है। इसकी वजह ये है कि लाल रंग दूर से ही दिख जाता है। इससे इसके ट्रांसपोर्टेशन में आसानी होती है।
इसका शेप सिलेंड्रिकल क्यों होता है?
LPG सिलेंडर हो या फिर तेल और गैस को ट्रांसपोर्ट करने वाले टैंकर इन सभी का शेप सिलेंड्रिकल ही रखा जाता है। दरअसल ऐसा करने की वजह विज्ञान है। सिलेंड्रिकल शेप में गैस और तेल सामान मात्रा में फैलते हैं। इस कारण से इस शेप में स्टोर करनया सेफ होता है।
गैस से क्यों आती है बदबू?
क्या आप जानते हैं कि LPG गैस की अपनी कोई स्मेल नहीं होती है। जब सिलेंडर में ये गैस भरी जाती है तो उसके साथ इसमें Ethyl Mercaptan नामक एक अन्य गैस भी भरी जाती है। ऐसा इसलिए कि यदि गैस कहीं से लीक हो तो आपको उसकी बदबू से पता चल जाए। इस तरह हादसे होने से बच सकते हैं।
सिलेंडर के नीचे छेद क्यों बने होते हैं?
आपने नोटिस किया हो तो हर LPG सिलेंडर के नीचे कुछ छेद बने होते हैं। यह छेद उस जगह होते हैं जहां सिलेंडर का पूरा भार होता है। ये छेद कोई फेशन के चलते नहीं बनाए जाते हैं बल्कि इसके पीछे एक साइंस छिपा है। दरअसल कई बार गैस सिलेंडर का तापमान कम ज्यादा हो सकता है। इसे कंट्रोल करने के लिए ये छेद बनाए जाते हैं। इन छेद से हवा पास होती रहती है जो कि तापमान को कंट्रोल करती है। वहीं ये छेद सिलेंडर को सतह की गर्मी से भी बचाते हैं। इस तरह कोई एक्सीडेंट होने की संभावना कम हो जाती है। बस यही वजह है कि गैस सिलेंडर में नीचे की तरफ छेद बनाए जाते हैं।