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कुत्ते पालने का शौक है, तो क्या कहता है कुत्ते को लेकर वास्तु यह भी समझिए?

अगर आपको भी कुत्ते पालने का शौक है तो ये खबर सिर्फ आपके लिए है हो जाइए सावधान!

benefits of dog breeding

आज़कल हमारे समाज में एक नई बहस देखने को मिलती है कि घर में कुत्ता पालना चाहिए या गाय। यह मुद्दा कहीं न कहीं धार्मिकता से जोड़कर भी देखा जाता है। बता दें कि दोनों पालतू जानवरों का अपना-अपना महत्व है। दूसरी बात यह निजी मामला होना चाहिए कि किसे कौन सा जानवर पालना या नहीं पालना। वैसे आजकल लोग शौक और प्यार के चक्कर में घर पर कुत्तों को पालते हैं। विशेषकर यह शहरों में अधिक देखा जाता है, लेकिन शायद ही कोई यह बात जानता है कि घर में कुत्ता पालना वास्तु (Vastu Tips) के अनुसार काफी फायदेमंद माना जाता है। अगर आपके घर में कुत्ता नहीं है और आप इसे पालने का सोच रहे हैं तो आज आपको हम इससे जुड़े कुछ वास्तु टिप्स (Ghar Main Kutta Palne Ke Vastu Tips) बताने जा रहें जो कहीं न कही आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगा। आइए जानते हैं क्यों शुभ माना जाता है घर में कुत्तों को पालना…

dog

घर मे कुत्ता पाला जाएं या गाय यह अलग बहस का विषय है, लेकिन अभी हम जानते हैं कि घर में कुत्ता पालने से कितना फायदा मिलता है। ऐसा मानते हैं कि कुत्ते को भगवान भैरव का दूत माना जाता है। माना जाता है कि कुत्तों को खाना खिलाने से यमदूत आसपास भी नहीं फटकते। कुत्ते भूत, प्रेत और आत्माओं को देखने की भी क्षमता रखते हैं और उनसे घर के आसपास बुरी आत्माएं नहीं फटकती हैं। ऐसे में कुत्ता पालना काफ़ी शुभ फलदायक माना जा सकता है। वैसे भी कहते हैं कि कुत्ता अपने मालिक का वफादार होता है।

Dog

इतना ही नहीं ऐसी किवदंती भी है कि सुबह उठते ही कुत्ते को देखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसके साथ ही घर में लक्ष्मी प्रवेश करती हैं। इस दृष्टि से भी कुत्ते का पालन करना एक अच्छा फ़ैसला माना जा सकता है। वही रोज कुत्ते को खाना खिलाने से शनि भगवान की खास कृपा मिलती प्राप्त होती है। अगर कुत्ते को तेल से चिपड़ी रोटी खिलाएं तो राहु केतु का भी निवारण हो जाता है।साथ ही साथ कुत्ता पालने से घर में में बच्चे की किलकारियां जल्दी गूंजती है। ऐसे में अगर किसी दंपत्ति के बच्चा नहीं हो रहा तो उसे घर में कुत्ता अवश्य पालना चाहिए।

इसके अलावा कुत्ता पालने के महत्व की बात करें तो कुत्ता एक वफादार प्राणी होता है, जो हर तरह के खतरे को पहले ही भांप लेता है। प्राचीन और मध्‍य काल में पहले लोग कुत्ता अपने साथ इसलिए रखते थे ताकि वे जंगली जानवरों, लुटेरों आदि से बच सके। बंजारा जाति और आदिवासी लोग कुत्ते को पालते थे ताकि वे हर तरह के खतरे से पहले ही सतर्क हो जाएं। भारत में जंगल में रहने वाले साधु-संत भी कुत्ता इसीलिए पालते थे ताकि कुत्ता उनको खतरे के प्रति सतर्क कर दे। आजकल लोग घर में कुत्ता इसलिए पालते हैं कि वह उनके घर की चोरों से रक्षा कर सके।

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यह तो पता चल गया कि कुत्ता पालन घर में करने से कई लाभ है। अब जानते हैं कि कैसा कुत्ता घर में रखना चाहिए। घर मे पालने के लिए कुत्ता काला या काला-सफेद होना चाहिए लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि उस कुत्ते के नाखुनों की संख्या 22 या इससे ज्यादा होनी चाहिए। इतने नाखुनों वाला कुत्ता केतु का रूप माना जाता है। ऐसा कुत्ता ही आपकी किस्मत बदल सकता है। “शकुन शास्त्र” में कुत्ते को शकुन रत्न माना जाता है क्योंकि कुत्ता इंसान से भी अधिक वफादार, भविष्य वक्ता और अपनी हरकतों से शुभ-अशुभ का भी ज्ञात करवाता है।

black dog

काला कुत्ता घर में पालने से आपका रूका हुआ पैसा वापस आने लग जाता है। अचानक आने वाले संकट से मुक्ति मिलती है। आर्थिक तंगी दूर हो जाती है। पेट की बीमारियां, जोड़ों के दर्द और अन्य बीमारियों से भी छुटकारा मिल जाता है। प्रेत बाधा से मुक्ति पाने के लिए भी काला कुत्ता पाला जाता है। बिजनेस और कार्यक्षेत्र में सफलता पानी हो तो काला कुत्ता पालना शुभ होता है। इसके अलावा घर में कुत्ते पालने के कुछ नुकसान भी होते हैं। इन सबसे इतर बात करें तो आज़कल विदेशी कुत्तों को पालने का प्रचलन बढ़ गया है। बेचारे देशी कुत्ते गली में सचमुच ही भूखे ही मर जाते हैं या किसी कार या ट्रक के नीचे कुचलकर मर जाते हैं। जो कहीं न कहीं उचित नहीं।

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कुत्ते पालने से ब्लड प्रेशर होता है कम…

अब तक हो चुकी बहुत सी स्टडीज में यह बात सामने आयी है कि वैसे लोग जो कुत्ते पालते हैं उनका ब्लड प्रेशर, कुत्ते न पालने वालों की तुलना में काफी कम होता है। इसकी वजह ये है कि उनके डॉग्स का इंसान के शरीर पर पॉजिटिव असर पड़ता है और वे हमें शांत कर देते हैं, साथ ही डॉग्स पालने वाले डॉग्स को घुमाने-टहलाने के कारण ज्यादा एक्सर्साइज कर पाते हैं। इतना ही नहीं, पेट्स यानी पालतू जानवरों को छूने पर भी एक खास इफेक्ट होता है जो शरीर पर पॉजिटिव असर डालता है। साथ ही कुत्ते पालने वालों में कलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का लेवल भी कम पाया गया। इतना ही नहीं शोधकर्ताओं के अनुसार, कुत्ता पालने से बीमार लोगों के सामाजिक अलगाव में कमी देखी गई।

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