सूर्यग्रहण के दिन ही है शनि जयंती व वट सावित्री का व्रत, ऐसे में जानें क्या होंगे व्रत नियम
10 जून को सूर्य ग्रहण लगने वाला है। सूर्य ग्रहण लगने के कारण शुभ और मांगलिक कार्य को नहीं किए जाते हैं। वहीं इसी दिन शनि जयंती और वट सावित्री का व्रत भी है। ऐसे में कई लोगों के मनों में यही सवाल उठ रहा है कि वो कैसे व्रत रखें और पूजा करें। दरअसल सूर्यग्रहण के दौरान पूजा करना वर्जित माना गया है। इतना ही नहीं ग्रहण के दौरान मंदिर भी बंद होते हैं और धार्मिक कार्य नहीं किए जाते हैं।
शनि जयंती
हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि पर भगवान शनि की जयंती मनाई जाती है। मान्यता है कि न्याय के देवता और सूर्य पुत्र भगवान शनि का जन्म अमावस्या तिथि पर हुआ था और इस दिन शनिदेव की पूजा करने से कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही इनके प्रकोप से रक्षा होती है। जिन लोगों की कुंडली में ये ग्रह भारी होता है। उन लोगों को शनि जयंती के दिन इनकी पूजा जरूर करनी चाहिए।
10 जून को शनि जयंती है। जिन जातकों पर शनिदेव की अशुभ छाया पड़ हुई है। उन्हें शनि जयंती पर शनिदेव की पूजा अवश्य ही करना चाहिए। इस दिन सुबह उठकर स्नान कर लें। फिर मंदिर जाकर शनि देव की पूजा करें और शनि देव को तेल व अन्य चीजें अर्पित करें। इसके बाद शनिचालीसा का पाठ भी करें। हो सके तो गरीब लोगों को काली चीजों का दान भी कर दें।
वट सावित्री व्रत
सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए वट सावित्री व्रत रखती हैं। ये व्रत हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को आता है। इस दिन वटवृक्ष के नीचे पढ़कर कथा पढ़ी जाती है और इस पेड़ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि वटवृक्ष के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु व अग्रभाग में शिव का वास माना गया है। इसके नीचे बैठकर पूजन व व्रत कथा आदि सुनने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
कथा के अनुसार सावित्री नाम की एक महिला ने अपनी पति की जान बचाने के लिए ये व्रत रखता था। तभी से ये व्रत प्रचलित हो गया और हर सुहागिन महिला इस व्रत को रखती है।
सुहागिन महिलाएं सुबह उठकर स्नान करें। फिर व्रत पूजा कर व्रत रखने का संकल्प लें। उसके बाद बरगद के पेड़ की पूजा करें और इस पेड़ पर मोली का धागा जरूर बांधे। हो सके तो पेड़ के नीचे ही बैठकर व्रत से जुड़ी कथा को पढ़ें। पूरे दिन किसी भी चीज का सेवन न करें। वहीं अगले दिन सुबह उठकर स्नान कर पूजा करें और अपना व्रत तोड़ दें। फल व दूध खाकर इस व्रत को तोड़ें दें।
इस तरह से करें पूजा
साल 2021 का पहला सूर्यग्रहण 10 जून को भारतीय समयानुसार दोपहर को 01 बजकर 42 मिनट से आरंभ होकर 06 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। सूर्य ग्रहण अमेरिका के उत्तरी भाग, उत्तरी कनाडा, यूरोप, ग्रीनलैंड, रूस और एशिया के कुछ देशों में दिखाई देगा। लेकिन भारत में इस सूर्य ग्रहण को नहीं देखा जा सकेगा। ऐसे में भारत में ग्रहण नहीं होगा और न ही सूतककाल मान्य होगा। सूतक काल मान्य नहीं होने की वजह से शनि जयंती और वट सावित्री व्रत की आप बिना किसी डर के कर सकते हैं।