![rahul gandhi prashant kishor](https://www.newstrend.news/wp-content/uploads/2021/06/prashant-kishor-open-his-secret-in-election5-6-21-1-780x421.jpg)
प्रशांत किशोर अब कांग्रेस के पास, देश को अगला प्रधानमंत्री राहुल गाँधी के रूप में मिलने वाला है
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर आज से कुछ सालों तक पहले इस नाम को कोई जानता तक नहीं था. लेकिन आज गांव के नुक्कड़ पर भी इस आदमी की बाते होती है. अख़बारों और ख़बरों में यह नाम बना रहता है. प्रशांत किशोर के पिछले एक दशक में परदे के पीछे से राजनीति में कई चमत्कार कर के दिखाए है. हाल ही में पश्चिम बंगाल में हुए विधानसभा चुनाव में उन्होंने टीएमसी के लिए रणनीति बनायी थी. जिसका परिणाम हम सबके सामने है ही. इसके पहले भी कई राजनेताओं के लिए प्रशांत किशोर कई अहम भूमिका निभा चुके है.
प्रशांत किशोर से एक बार एक वरिष्ठ पत्रकार ने जब उनसे पूछा कि आपने जिसके साथ काम किया वो प्रधानमंत्री बन गया, जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि ये सीक्रेट है. इसके बाद इस पत्रकार ने एक और सवाल करते हुए प्रशांत किशोर से पूछा कि राहुल गांधी के साथ क्या परेशानी आ रही है. इसका जवाब देते हुए प्रशांत ने कहा कि कोई परेशानी नहीं है. कांग्रेस पार्टी को मजबूत होने के लिए क्या करना चाहिए? प्रशांत ने कहा कि कांग्रेस मेरी पार्टी नहीं है ये कांग्रेस के नेता तय करेंगे उन्हें क्या करना होगा. हमें इस बात को भी स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं है कि हम एक अच्छे दोस्त है. इसके साथ ही कई ऐसे भी मुद्दे है जहां एक दूसरे की बात से सहमति नहीं बनती. राहुल गाँधी के अपने विचार है.
इसके साथ ही इस दौरान उनसे एक बड़ा सवाल भी लगे हाथ पूछ लिया गया कि क्या राहुल गांधी प्रधानमंत्री मटेरियल हैं? इसका जवाब देते हुए प्रशांत ने कहा कि ये कहने वाला मैं कौन होता हूं. पत्रकारों की तरह से जब उन पर प्रेशर बनाया गया तो प्रशांत ने हँसते हुए जवाब देते हुए कहा कि ये तो देश की जनता तय करेगी. राहुल को खुद को जनता के सामने साबित करना है. अगर आप कहते हैं कि मैं क्या सोचता हूं तो यही कारण है की मतदान हमेशा गुप्त तरह से करवाया जाता है.
इसके साथ ही एक पत्रकार ने पूछा कि क्या प्रियंका गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बन सकती है. इसका जवाब देते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वह बैकग्राउंड में रहकर अच्छा काम करती रही है. और इस बारे में मैं नहीं कांग्रेस पार्टी और प्रियंका गाँधी तय करेंगे. आपको बता दें कि 2014 के बाद से, जब वह नरेंद्र मोदी की रणनीतिक टीम का हिस्सा थे, प्रशांत एक चुनावी चेहरा बन चुके हैं, न सिर्फ उनकी स्पष्ट क्षमता के कारण बल्कि उन्होंने अपने क्लाइंट्स को उम्मीद से बेहतर परिणाम भी दिए है. प्रशांत ने मीडिया के साथ अपने संबंधों को बहुत ही सावधानी से पेश किया है. वह बहुत कम ही इंटरव्यू दते है.
उनकी स्पष्टवादिता और क्षमता का इसी से पता चलता है कि उन्होंने बंगाल चुनाव से पहले ट्विटर पर लिखा था कि यहाँ भाजपा 99 सीटों को पार नहीं करेगी. अगर ऐसा हो जाता है, तो वह हमेशा के लिए राजनीतिक क्षेत्र को त्याग देंगे. बंगाल चुनाव में बीजेपी ने 77 सीटें हासिल कीं. इसलिए प्रशांत किशोर को अपने वादे का पालन नहीं करना पड़ा.