बीजेपी के इस नेता की गांधीगिरी को देखकर आप भी कह उठेंगे क्या ऐसी भी हो सकती राजनीति!
बीजेपी के विधायक ने छुए कर्मचारी के पैर, क्या ऐसे नहीं बन सकते सभी राजनेता?
अक्सर यह चर्चा आम रहती है कि राजनीति और राजनीतिज्ञों में शुचिता और शालीनता की कमी हो रही। इतना ही नहीं जब भी राजनीतिक शुचिता की बात होती है तो अटल बिहारी वाजपेयी सरीखें नेताओं का उदाहरण पेश कर यह कहा जाता कि आज़कल राजनेताओं में वे गुण क्यों नही दिखते। जो अटल बिहारी वाजपेयी और लाल बहादुर शास्त्री या अन्य नामचीन नेताओं में थे।
बता दें कि आपने अक़्सर यह देखा होगा कि राजनेता भले निचले स्तर का हो या बड़े स्तर का। वह अपने राजनीतिक धौंस का प्रदर्शन करना नहीं भूलता। ऐसे में कहीं न कहीं राजनेताओं की चरणवंदना आम आदमी से लेकर अफसरों तक को करनी पड़ती है, लेकिन इसी बीच भाजपा के एक विधायक काफ़ी सुर्खियों में हैं। जी हां यह विधायक अपनी गांधीगिरी की वज़ह से चर्चा में है। मालूम हो जिस दौर में अक्सर आम आदमी या अधिकारी नेताओं के हाथ-पैर पकड़ते की उनका काम हो जाएं। उस दरमियान यह विधायक एक कर्मचारी के पांव छूने की वज़ह से काफ़ी चर्चित हो चला है। जी हां ये विधायक है रीवा के मऊगंज सीट से। जिनका नाम है प्रदीप पटेल। विधायक बिजली की समस्याओं को लेकर बिजली विभाग के दफ्तर शिकायत लेकर गए थे जहां उन्होंने इंजीनियर के पैर पकड़ लिए।
बता दें कि विधायक महोदय अपनी ही सरकार के खिलाफ बीते कई दिनों से आंदोलनरत है। इसी को लेकर विधायक प्रदीप पटेल ने अफसर के पैर छूकर अपनी गांधीगीरी दिखाई। बता दें कि विधायक बिजली विभाग के दफ्तर क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर पहुंचे थे। 4 दिनों पूर्व विद्युत विभाग के जिला कार्यालय में बीजेपी विधायक ने 67 मांगों को सौंपा था। ऐसे में जब तय मियाद में बिजली विभाग ने अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया तो विधायक ने दोबारा बिजली विभाग पहुँचकर अपनी गांधीगिरी दिखाई। इतना ही नहीं गद्दा लेकर बिजली विभाग पहुँचें विधायक वही लेट गए और शांतिपूर्ण रूप से धरना देने लगें। इतना ही नहीं मांग पूरी नहीं हुई तो फिर कार्यालय पहुंचे विधायक ने वही रोटी और प्याज़ खाया।
जिसके बाद विधायक की गांधीगिरी का यह दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। जिसकी जमकर प्रशंसा होने लगी। इतने में जब इसकी भनक बड़े अधिकारियों और पार्टी के अन्य नेताओं को लगी तो उन्होंने विधायक की मान-मनोव्वल की। साथ ही साथ विधायक की सभी मांगे पूर्ण होने का आश्वासन दिलाया। तब जाकर विधायक महोदय मानें और बिजली विभाग का कार्यालय छोड़कर बाहर निकलें। वहीं बिजली विभाग के कर्मचारी के पैर छूने के विषय में जब विधायक से बात की गई तो उन्होंने कहा कि, “मेरा काम कराने का यही तरीका है, मैं क्षेत्रीय समस्याओं को लेकर भोपाल में भी अफसरों से मिलता हूं।” कुछ भी हो रीवा के इस विधायक की गांधीगिरी की चर्चा सभी तरफ़ हो रही। ऐसे में अगर सभी नेता हमारे देश में ऐसे ही हो जाएं तो बात ही क्या है!