जिनके घर ख़ुद शीशे के हो, वह दूसरों के घर पर पत्थर नहीं मारा करते कांग्रेस को यह समझना होगा…
पंजाब में चल रहें घमासान को देखिए राहुल गाँधी जी, वरना चुनाव में अगले साल वहां भी शून्य बट्टे सन्नाटा न हो जाएं!
केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर रहने वाली कांग्रेस से ख़ुद का घर नहीं संभल पा रहा है। जी हां आएं दिन कांग्रेस पार्टी भले केंद्र पर आक्षेप लगाती रहती हो, लेकिन उसका घर ख़ुद उससे संभल नहीं पा रहा। कहते हैं न कि, “जिनके घर कांच के होते हैं, वे दूसरों पर पत्थर नहीं मारा करते।” लेकिन कांग्रेस पार्टी को शायद यह समझ में नहीं आता। वह लगातार तो किसी न किसी विवादों में घिरी रहती है। कभी उसके पार्टी के सदस्य ही पार्टी के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल देते कभी कुछ, लेकिन वह तो सिर्फ़ भाजपा को ही निशाना बनाने पर तुली रहती है।
ताज़ा मामला पंजाब राज्य से जुड़ा हुआ है। जहां सरकार कांग्रेस की है, लेकिन उसकी पार्टी के सदस्य ही अब सरकार के खिलाफ बग़ावत करते दिख रहे हैं। बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ पार्टी में उठापटक को लेकर दिल्ली में मंथन चल रहा है। सोमवार से शुरू हुई बैठक में कल यानी मंगलवार को नवजोत सिंह सिद्धू भी पहुंचे। सिद्धू एकमात्र ऐसे नेता रहें जिनकी तीन सदस्यीय कमिटी के साथ करीब दो घंटे तक बैठक चली। सूत्रों की मानें तो इस दौरान कैप्टन पर सिद्धू ने कई आरोप लगाए। अब गुरुवार को अमरिंदर सिंह पैनल मीटिंग में शामिल होकर अपनी बात रखेंगे।
जानकारी के मुताबिक पार्टी पैनल की पंजाब कांग्रेस के नेताओं के साथ बैठक का मंगलवार को दूसरा दिन था। बैठक में मौजूद अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व वाली इस बैठक में भी सिद्धू सीएम पर हमलावर दिखे। उन्होंने कैप्टन पर गुरुग्रंथ साहिब बेअदबी और पुलिस फायरिंग केस में बादल परिवार को बचाने का आरोप लगाया। साथ ही कोटकापुरा फायरिंग केस की जांच को उलझाने का दोष भी मढ़ा। कांग्रेस के इस तीन सदस्यीय पैनल में मल्लिकार्जुन खड़गे के अलावा, पंजाब के प्रभारी हरीश रावत और पूर्व सांसद जय प्रकाश शामिल थे।
सच को हराया नहीं जा सकता है: नवजोत सिंह सिद्धू…
मीटिंग के बाद सिद्धू ने कहा कि वह हाईकमान के बुलाने पर यहां आए थे। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि, “मेरा स्टैंड वही था, वही है और वही रहेगा। लोगों की लोकतांत्रिक शक्ति जो टैक्स के रूप में सरकार के पास जा रही है उसे लोगों के पास लौटना चाहिए। प्रत्येक नागरिक को विकास पथ का शेयरहोल्डर बनाना चाहिए। सच को दंडित किया जा सकता है लेकिन हराया नहीं जा सकता। हमें सच को जीताना होगा और ऐंटी पंजाब फोर्स को हराना होगा।”
मालूम हो कि हाल के दिनों में सिद्धू ने बेअदबी मामले में गृह मंत्री के रूप में सीएम अमरिंदर सिंह की खुलकर आलोचना की थी। दोनों के बीच इस पर जुबानी जंग भी देखने को मिली थी। जानकारी के लिए बता दें कि गुरुग्रंथ साहिब बेअदबी मामले को लेकर पंजाब कांग्रेस यूनिट में इन दिनों हंगामा मचा हुआ है।
वहीं अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले पंजाब कांग्रेस के 25 विधायकों की पैनल संग बैठक के साथ जालंधर कैंट से विधायक परगट सिंह ने आक्रामक रुख बरकरार रखा। 25 विधायकों के अलावा 5 सांसद और पूर्व कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने भी पैनल से मुलाकात की। परगट सिंह ने मीटिंग के बाद कहा कि कांग्रेस विधायकों की शिकायत मुद्दों पर आधारित है और इनका समाधान किया जाना बाकी है। उन्होंने कहा कि, “कोई यह नहीं कह सकता कि अमरिंदर सिंह इंचार्ज नहीं है। जब कमांड आपका हो, तो आपको उसे देना भी होगा।”
Punjab | I got a call from Captain Sandeep Sandhu. Sandhu said that he called me to deliver a message of CM Amarinder Singh. He delivered me a threatening message. Amarinder Singh has said that they’ve collected my documents or ab mujhe thoka jyega: Congress MLA Pargat Singh pic.twitter.com/8r9m8W4sDi
— ANI (@ANI) May 17, 2021
इसके अलावा परगट सिंह ने कहा कि, “बेअदबी के अलावा ड्रग्स और रेत खनन जैसे कई मुद्दे सूबे में हैं। मैंने इस पर सीएम को पत्र भी लिखा है। यह सब सीएम पर निर्भर करता है, दूसरे भी अपने जिम्मेदारी से नहीं भाग सकते।” परगट ने कहा कि उन्होंने मीटिंग में पंजाब की आर्थिक स्थिति को लेकर भी चिंता जाहिर की है। ऐसे में कुल-मिलाकर देखें तो कांग्रेस की स्थिति ख़ुद पंचायत से लेकर राज्य विधानसभाओं और लोकसभा तक पतली है। कई कद्दावर नेता पार्टी के एक किनारे पड़ें है और सिर्फ़ सोनिया गांधी के करीबी नेता ही कांग्रेस को चला रहें। जिस वज़ह से भी कांग्रेस दुर्गति की दिशा में बढ़ती जा रही। ऐसे में राहुल और प्रियंका गांधी को सिर्फ़ मोदी विरोध से इतर हटते हुए अपने संगठन हो साधना चाहिए, लेकिन वह समझ कहा। उन्हें तो सिर्फ़ मोदी विरोध में ही सत्ता का रसास्वादन मिलता है। पार्टी रहें या भाड़ में जाएं!