Breaking news

भारत के इन पड़ोसी देश के गैर-मुस्लिमों को मिलेगी नागरिकता, केंद्र ने शरणार्थियों से मांगे आवेदन

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने शुक्रवार को नागरिकता के संबंध में बड़ा फ़ैसला लिया है. भारत सरकार के नए फैसले के अंतर्गत अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से संबंध रखने वाले उन लोगों को भारत की शरण मिल सकेगी जो गैर मुस्लिम है और जो गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा तथा पंजाब के 13 जिलों में रह रहे हैं. भारत सरकार ने हाल ही में इन देशों के गैर-मुस्लिम शरणार्थियों से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं.

bhartiya nagrikta

बता दें कि, भारत सरकार द्वारा यह बड़ा निर्णय नागरिकता कानून-1955 और उसके तहत 2009 में बनाए गए नियमों के अंतर्गत लिया गया है. केंद्र सरकार ने इन नियमों क अंतर्गत इस निर्देश के तत्काल क्रियान्वयन के लिए अधिसूचना जारी कर दी है. इससे उन लोगों को फायदा मिलेगा जो भारत के पड़ोसी देशों जैसे कि, पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के गैर मुस्लिम है.

bhartiya nagrikta

गृह मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि, ‘’नागरिकता कानून-1955 की धारा-16 में दिए गए अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए केंद्र सरकार ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों को धारा-5 के तहत भारतीय नागरिक के तौर पर पंजीकृत करने या धारा-6 के अंतर्गत भारतीय नागरिकता का प्रमाणपत्र देने का फैसला किया है. मोरबी, राजकोट, पाटन, वडोडरा (गुजरात), दुर्ग और बलोदाबाजार (छत्तीसगढ़), जालौर, उदयपुर, पाली, बाड़मेर, सिरोही (राजस्थान), फरीदाबाद (हरियाणा) तथा जालंधर (पंजाब) में रह रहे पाकिस्तान, अफगानिस्तान व बांग्लादेश के गैर-मुस्लिम इसके तहत भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन करने के पात्र हैं.”

amit shah

बता दें कि, केंद्र सरकार ने 2019 में अमल में आए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत फिलहाल किसी तरह के नियम तैयार नहीं किए हैं. हालांकि अब जल्द ही इसके कायदे-क़ानून बनने का इंतज़ार है. गृह मंत्रालय ने शुक्रवार से इसके अंतर्गत आवेदन मंगवाने शुरू किए हैं.

caa

देशभर में हुआ था CAA का विरोध…

गौरतलब है कि, भारत सरकार द्वारा साल 2019 में CAA कानून बनाया गया था. हालांकि केंद्र सरकार को इसके लिए लोगों के जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा था. देशभर में इसके विरोध में लोग सड़क पर उतर आए थे. आम लोगों के साथ ही विपक्षी दलों ने भी नागरिकता से संबंधित इस क़ानून का विरोध किया था. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तो इसके विरोध में दंगे भी हुए थे. लेकिन सरकार ने इस कानून को वापस नहीं लिया. इसके बाद से लेकर अब तक फिलहाल इस कानून को लेकर सरकार ने कोई बड़ा कदम नहीं उठाया है. हालांकि केंद्र सरकार को विरोध के साथ ही CAA के प्रति लोगों का जबरदस्त समर्थन भी मिला था.

caa

Back to top button